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व्रती महिलाओं ने उदितमान सूर्यदेव को दिया अर्घ्य, महापर्व छठ हुआ संपन्न

यूपी के सोनभद्र में रविवार व्रती महिलाओं ने उदित होते भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर छठ व्रत संपन्न किया. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने लोक कल्याण और समृद्धि के लिए सूर्यदेव से प्रार्थना की.

व्रती महिलाओं ने चौथे दिन उदितमान होते सूर्य को दिया अर्घ्य
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Published : Nov 3, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: लोक आस्था के महापर्व छठ पर रविवार को व्रती महिलाओं ने उदितमान सूर्य को अर्घ्य दिया. इस अवसर पर जिले में नदियों के किनारे व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से ही मौजूद रही. चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर रविवार की भोर में उपवासी स्त्रियों ने उदितमान होते सूर्य को अर्घ्य देकर लोक कल्याण, सुख एवं समृद्धि की कामना की.

व्रती महिलाओं ने चौथे दिन उदितमान होते सूर्य को दिया अर्घ्य.

इस अवसर पर व्रती महिलाओं ने भारतीय लोक संस्कृति, साहित्य, कला, आस्था और विश्वास का पालन करते हुए भगवान भास्कर से प्रार्थना की कि सभी का जीवन में सुख समृद्धि के प्रकाश से भर दें और अगले वर्ष छठी माई फिर उनके घर पधारें.
भगवान भास्कर को दिया गया अर्घ्य

छठ के पर्व के आखिरी दिन जनपद मुख्यालय के नदियों के किनारे श्रद्धालुओं ने जल के मध्य में खड़े होकर भारतीय परंपरा का अनुपालन करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस तरह महापर्व छठ का व्रती महिलाओं ने पारण कर अगले वर्ष छठ मैया के फिर से अपने घर पधारने की कामना की.

विदेशों में भी कायम है परंपरा

बता दें कि भारतीय संस्कृति-साहित्य में छठ पूजा का महत्वपूर्ण स्थान है. विश्व के किसी भी देश में जहां भारतीय निवास करते हैं, वहां पर छठ पूजा देखी जा सकती है. अमेरिका एवं भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत भोजपुरी भाषी प्रदेशों और देशों में यह परंपरा कायम है.

सोनभद्र: लोक आस्था के महापर्व छठ पर रविवार को व्रती महिलाओं ने उदितमान सूर्य को अर्घ्य दिया. इस अवसर पर जिले में नदियों के किनारे व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से ही मौजूद रही. चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर रविवार की भोर में उपवासी स्त्रियों ने उदितमान होते सूर्य को अर्घ्य देकर लोक कल्याण, सुख एवं समृद्धि की कामना की.

व्रती महिलाओं ने चौथे दिन उदितमान होते सूर्य को दिया अर्घ्य.

इस अवसर पर व्रती महिलाओं ने भारतीय लोक संस्कृति, साहित्य, कला, आस्था और विश्वास का पालन करते हुए भगवान भास्कर से प्रार्थना की कि सभी का जीवन में सुख समृद्धि के प्रकाश से भर दें और अगले वर्ष छठी माई फिर उनके घर पधारें.
भगवान भास्कर को दिया गया अर्घ्य

छठ के पर्व के आखिरी दिन जनपद मुख्यालय के नदियों के किनारे श्रद्धालुओं ने जल के मध्य में खड़े होकर भारतीय परंपरा का अनुपालन करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस तरह महापर्व छठ का व्रती महिलाओं ने पारण कर अगले वर्ष छठ मैया के फिर से अपने घर पधारने की कामना की.

विदेशों में भी कायम है परंपरा

बता दें कि भारतीय संस्कृति-साहित्य में छठ पूजा का महत्वपूर्ण स्थान है. विश्व के किसी भी देश में जहां भारतीय निवास करते हैं, वहां पर छठ पूजा देखी जा सकती है. अमेरिका एवं भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत भोजपुरी भाषी प्रदेशों और देशों में यह परंपरा कायम है.

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Anchor-आज चार दिवसीय पर्व छठ के अवसर पर उपवासी
स्त्रियों ने उदितमान होते सूर्य को अर्घ्य देकर लोक कल्याण, सुख, समृद्धि एवं अपनी भारतीय लोक संस्कृति, साहित्य, कला, आस्था और विश्वास का पालन करते हुए भगवान भास्कर से प्रार्थना किया कि सभी का जीवन में सुख समृद्धि के प्रकाश से भर दे, अगले वर्ष छठी माई उनके घर पधारे और हम सभी श्रद्धालु स्त्री पुरुष बड़े ही हर्ष के साथ मनोयोग, श्रद्धा, विश्वास के साथ उनकी पूजा-अर्चना हवन करेंगे ।


Body:Vo1-जनपद मुख्यालय के नदियों के किनारे श्रद्धालुओं ने जल के मध्य खड़े होकर भारतीय परंपरा अनुपालन करते हुए भगवान भास्कर अर्घ्य दिया।भारतीय संस्कृति, साहित्य में छठ पूजा यह का महत्वपूर्ण स्थान है, विश्व के किसी भी देश में जहां भारतीय निवास करते हैं वहां पर छठ पूजा देखी जा सकती है। अमेरिका एवं भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत भोजपुरी भाषी देशों में यह परंपरा कायम है। और जहां पर गंगा नदी नहीं है वहां पर तालाब बनाकर पवित्र गंगाजल का मिश्रण कर छठ पूजा की जाती है।

Conclusion:Vo2- आज भगवान भास्कर से श्रद्धालुओं ने लोक कल्याण, लोक समृद्धि के लिए प्रार्थना किया कि आगामी वर्ष छठ पूजा के अवसर पर हम सभी श्रद्धा विश्वास आस्था के साथ उनकी पूजा करेंगी।

Byte-प्रतिभा देवी
Byte-बन्दना सोनी(पानी मे अर्घ देती हुई)

चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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