ETV Bharat / state

अपने खेतों के लिए खुद खाद बनाते हैं बाबूलाल, हर साल कमाते हैं 10 लाख - सोनभद्र न्यूज

सोनभद्र के किसान बाबूलाल का मानना है कि अगर किसान जैविक और वैज्ञानिक विधि अपना कर खेती करें तो निश्चित तौर में कम लागत में ही अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. वह अपनी 6 एकड़ जमीन पर जैविक और वैज्ञानिक विधि से खेती करके एक साल में 8 से 10 लाख तक की पैदावार करते हैं.

किसान बाबूलाल
author img

By

Published : Mar 15, 2019, 9:38 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र : एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने खुद की मेहनत के दम पर खेती को मुनाफे के सौदे में तब्दील कर दिया है. इन्हीं किसानों में शामिल हैं सोनभद्र के मानपुर गांव निवासी बाबूलाल मौर्या, जो अपनी 6 एकड़ जमीन पर जैविक और वैज्ञानिक विधि से खेती करके एक साल में 8 से 10 लाख तक की पैदावार करते हैं.

सोनभद्र के किसान बाबूलाल 3 तरह से बनाते हैं खाद

इतना ही नहीं, बाबूलाल की इसी मेहनत के कारण उन्हें कृषि विभाग की तरफ से जिले की गोष्ठियों समेत जिले के बाहर भी भेजा जाता है, जहां पर उन्हें दर्जनों बार सम्मानित किया गया है. बाबूलाल का मानना है कि अगर किसान जैविक और वैज्ञानिक विधि अपना कर खेती करें तो निश्चित तौर में कम लागत में ही अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.

बाबूलाल बचपन में ही अपने पिता के साथ खेती किसानी के काम से जुड़ गए. वह खेती के बारे में न केवल वैज्ञानिक ढंग से सोचते हैं बल्कि नए-नए वैज्ञानिक तरीकों को भी अपनाने से नहीं चूकते. बाबूलाल अपनी खेती को बेहतर बनाने के लिए हर बार नया प्रयास करते हैं. उनके प्रयासों का नतीजा यह है कि आज उनको कृषि विभाग से लेकर आकाशवाणी और जिले के बाहर होने वाले कार्यक्रमों में जाने के लिए बुलाया जाता है.

progressive farmer of sonbhadra, babulal maurya, organic farming, farming biological and scientific method, dk gupta, sonbhadra News, UP News
जैविक खेती से उगी सब्जियां

बाबूलाल सब्जियों की खेती के साथ-साथ गेहूं और अन्य फसलों की भी खेती करते हैं. वह जैविक खाद स्वयं घर पर बनाते हैं. इनके अलावा वह फूल की खेती में भी हाथ आजमाते हैं. बाबूलाल के यहां खेती का कामकाज संभालने से पहले पारंपरिक तौर पर ही खेती की जाती थी, लेकिन जब से उन्होंने खेती का कामकाज संभाला है, तबसे किसानी के क्षेत्र में नई इबारत लिख दी है.

progressive farmer of sonbhadra, babulal maurya, organic farming, farming biological and scientific method, dk gupta, sonbhadra News, UP News
जैविक खाद

बाबूलाल का कहना है कि खेती मुनाफे का सौदा है. अगर खेती वैज्ञानिक और जैविक विधि से की जाए तो बिना लागत के इसे मुमकिन बनाया जा सकता है. वह कहते हैं कि मेरी खेती में किसी तरह की लागत नहीं आती क्योंकि वह खुद बीज और जैविक खाद भी तैयार करते हैं. वह खाद के रूप में गोबर और जैविक खाद का उपयोग करते हैं. पूरे खेत में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर लगा हुआ है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि बाबूलाल मौर्या एक काबिल प्रगतिशील किसान हैं. वह लगातार कृषि विभाग के दिए गए निर्देशों और अन्य विभागों की नीतियों से खेती करते हैं. वह अन्य किसानों के लिए मिसाल हैं.

सोनभद्र : एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने खुद की मेहनत के दम पर खेती को मुनाफे के सौदे में तब्दील कर दिया है. इन्हीं किसानों में शामिल हैं सोनभद्र के मानपुर गांव निवासी बाबूलाल मौर्या, जो अपनी 6 एकड़ जमीन पर जैविक और वैज्ञानिक विधि से खेती करके एक साल में 8 से 10 लाख तक की पैदावार करते हैं.

सोनभद्र के किसान बाबूलाल 3 तरह से बनाते हैं खाद

इतना ही नहीं, बाबूलाल की इसी मेहनत के कारण उन्हें कृषि विभाग की तरफ से जिले की गोष्ठियों समेत जिले के बाहर भी भेजा जाता है, जहां पर उन्हें दर्जनों बार सम्मानित किया गया है. बाबूलाल का मानना है कि अगर किसान जैविक और वैज्ञानिक विधि अपना कर खेती करें तो निश्चित तौर में कम लागत में ही अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.

बाबूलाल बचपन में ही अपने पिता के साथ खेती किसानी के काम से जुड़ गए. वह खेती के बारे में न केवल वैज्ञानिक ढंग से सोचते हैं बल्कि नए-नए वैज्ञानिक तरीकों को भी अपनाने से नहीं चूकते. बाबूलाल अपनी खेती को बेहतर बनाने के लिए हर बार नया प्रयास करते हैं. उनके प्रयासों का नतीजा यह है कि आज उनको कृषि विभाग से लेकर आकाशवाणी और जिले के बाहर होने वाले कार्यक्रमों में जाने के लिए बुलाया जाता है.

progressive farmer of sonbhadra, babulal maurya, organic farming, farming biological and scientific method, dk gupta, sonbhadra News, UP News
जैविक खेती से उगी सब्जियां

बाबूलाल सब्जियों की खेती के साथ-साथ गेहूं और अन्य फसलों की भी खेती करते हैं. वह जैविक खाद स्वयं घर पर बनाते हैं. इनके अलावा वह फूल की खेती में भी हाथ आजमाते हैं. बाबूलाल के यहां खेती का कामकाज संभालने से पहले पारंपरिक तौर पर ही खेती की जाती थी, लेकिन जब से उन्होंने खेती का कामकाज संभाला है, तबसे किसानी के क्षेत्र में नई इबारत लिख दी है.

progressive farmer of sonbhadra, babulal maurya, organic farming, farming biological and scientific method, dk gupta, sonbhadra News, UP News
जैविक खाद

बाबूलाल का कहना है कि खेती मुनाफे का सौदा है. अगर खेती वैज्ञानिक और जैविक विधि से की जाए तो बिना लागत के इसे मुमकिन बनाया जा सकता है. वह कहते हैं कि मेरी खेती में किसी तरह की लागत नहीं आती क्योंकि वह खुद बीज और जैविक खाद भी तैयार करते हैं. वह खाद के रूप में गोबर और जैविक खाद का उपयोग करते हैं. पूरे खेत में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर लगा हुआ है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि बाबूलाल मौर्या एक काबिल प्रगतिशील किसान हैं. वह लगातार कृषि विभाग के दिए गए निर्देशों और अन्य विभागों की नीतियों से खेती करते हैं. वह अन्य किसानों के लिए मिसाल हैं.

Intro:Anchor- एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने खुद की मेहनत के दम पर खेती को मुनाफे के सौदे में तब्दील कर दिया है इन्हीं किसानों में शामिल हैं जनपद सोनभद्र के मानपुर गांव निवासी बाबूलाल मौर्य जो अपनी 6 एकड़ जमीन पर जैविक व वैज्ञानिक विधि से खेती करके एक साल में 8 से 10 लाख तक की पैदावार करते हैं ।इतना ही नही बाबूलाल की इसी मेहनत के कारण उन्हें कृषि विभाग द्वारा जिले की गोष्ठियों समेत जिले के बाहर भी भेजा जाता हूं जहाँ पर उन्हें दर्जनो बार सम्मानित किया गया है ।बाबूलाल का मानता है कि अगर किसान जैविक और वैज्ञानिक विधि अपना कर खेती करे तो निश्चित तौर में कम लागत में ही अपनी आय दुगुनी कर सकते है।




Body:Vo1-बाबूलाल पर खेती का जुनून इस कदर सवार है कि बचपन में ही अपने पिता के साथ खेती किसानी के काम से जुड़ गए बाबूलाल न केवल खेती के बारे में वैज्ञानिक ढंग से सोचते हैं बल्कि नए नए वैज्ञानिक तरीकों को भी अपनाने से नहीं चूकते। बाबूलाल अपनी खेती को बेहतर बनाने के लिए हर बार नया प्रयास करते हैं उनके प्रयास का नतीजा यह है कि आज उनको कृषि विभाग से लेकर आकाशवाणी और जिले के बाहर होने वाले कार्यक्रमों में जाने के लिए बुलाया जाता है ।बाबूलाल सब्जी की खेती के साथ-साथ मटर गेहूं और अन्य फसलों की खेती करते हैं और जैविक खाद स्वयं घर पर बनाते हैं इसके अलावा वह फूल की खेती में भी हाथ आजमाते हैं ।बाबूलाल के यहां खेती का कामकाज संभालने से पहले पारंपरिक तौर पर ही खेती की जाती थी लेकिन जब से खेती का कामकाज संभाला है तबसे उन्होंने खेती के क्षेत्र में नई इमारत लिख दी है।





Conclusion:Vo2- बाबूलाल का कहना है कि जिन किसानों को यह लगता है कि खेती मुनाफे का सौदा नहीं है उन्हें यहां पर आना चाहिए ।खेती अगर वैज्ञानिक ढंग से और जैविक विधि से की जाए तो बिना लागत के इसे मुमकिन बनाया जा सकता है। वह कहते हैं कि मेरी खेती में किसी तरह की लागत नहीं आता क्योंकि वह खुद बीज तैयार करते हैं और जैविक खाद भी तैयार करते हैं उसके साथ ही वह खाद के रूप में गोबर और जैविक खाद का उपयोग करते हैं पूरे खेत में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर लगा हुआ है बाबूलाल कहते हैं कि वह कई सालों से सब्जी की खेती करते रहे हैं सब्जी मौसम के हिसाब से ही तैयार करते हैं वही जैविक तरीके से तैयार होने वाली सब्जियां लोगों को इतनी स्वादिष्ट लगती है कि लोग यहां से आकर ले जाते हैं ।उनका कहना है कि वह खेती में हमेशा नया प्रयोग करते हैं बाबूलाल की खेती को न केवल जिला कृषि विभाग सराह रहा है बल्कि उत्तर प्रदेश के अंदर और बाहर आयोजित होने वाली किसी गोष्टी और किसी सम्मेलनों में भी भेजा जाता है।बाबूलाल का मानता है कि अगर किसान जैविक और वैज्ञानिक विधि अपना कर खेती करे तो निश्चित तौर में कम लागत में ही अपनी आय दुगुनी कर सकते है।

Byte- बाबूलाल (प्रगतिशील किसान)

Vo3- उपनिदेशक कृषि विभाग ने बताया कि बाबूलाल मौर्या एक काबिल प्रगतिशील किसान हैं लगाता कृषि विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों और अन्य विभागों की नीतियों से खेती करते हैं और जो भी गोष्टी का आयोजन किया जाता है उसमें बाबूलाल उपस्थित रहते हैं ।ये अन्य किसानों के लिए मिशाल है।इतना ही नही जैविक विधि से खेती और वैज्ञानिक विधि से कार्यकरके कम लागत में अधिक मुनाफा कमाते है और किसानों को भी प्रेरित करते है।

Byte-D K gupta(उप निदेशक कृषि विभाग,सोनभद्र)


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.