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सोनभद्र: उम्भा नरसंहार कांड के आरोपी की जेल में मौत

यूपी के सोनभद्र जिला जेल में बंद उम्भा नरसंहार कांड के आरोपी कैदी हीरालाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने मृतक का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया.

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Published : Oct 7, 2020, 6:41 PM IST

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उम्भा नरसंहार के आरोपी कैदी की मौत.

सोनभद्र: उम्भा नरसंहार कांड के आरोपी और जिला जेल में बंद कैदी हीरालाल की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. आरोपी हीरालाल (65) मूर्तियां गांव थाना घोरावल का निवासी था. जुलाई 2019 में हुए उम्भा नरसंहार कांड के आरोप में पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी के बाद से ही वह जिला जेल में बंद था. जिला जेल में मौत होने के बाद मृतक हीरालाल का पुलिस ने बुधवार को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद हीरालाल के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया.

परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक हीरालाल के बेटे राम नारायण ने बताया कि हीरालाल की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं है. राम नारायण ने बताया कि उसके पिता निर्दोष थे और पुलिस की कार्रवाई के तहत उन्हें जिला जेल में बंद कर दिया गया था. उनकी मौत कैसे हुई इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं जेलकर्मियों का कहना है कि हीरालाल की मौत बीमारी से हुई है. हीरालाल को लीवर की बीमारी थी, जिसका इलाज जिला अस्पताल और बीएचयू से चल रहा था.


क्या था उम्भा नरसंहार कांड?
वर्ष 2019 की 17 जुलाई को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में मूर्तियां गांव के ग्राम प्रधान और उनके साथियों ने जमीनी विवाद में गोंड जाति के 11 लोगों को गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया था. करीब दो दर्जन लोग इस घटनाक्रम में घायल भी हुए थे. सोसाइटी की जमीन के कब्जे को लेकर हुए संघर्ष में हुए नरसंहार कांड के बाद पूरे देश और प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इस पूरे घटनाक्रम में ग्राम प्रधान समेत लगभग 60 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया गया था.

इस मामले की जांच यूपी सरकार ने एसआईटी को सौंपी थी. अवैध रूप से जमीन कब्जे के मामले में एक आईएएस समेत दर्जनभर अधिकारियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था, जिसकी जांच फिलहाल एसआइटी द्वारा अभी भी जारी है.

सोनभद्र: उम्भा नरसंहार कांड के आरोपी और जिला जेल में बंद कैदी हीरालाल की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. आरोपी हीरालाल (65) मूर्तियां गांव थाना घोरावल का निवासी था. जुलाई 2019 में हुए उम्भा नरसंहार कांड के आरोप में पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी के बाद से ही वह जिला जेल में बंद था. जिला जेल में मौत होने के बाद मृतक हीरालाल का पुलिस ने बुधवार को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद हीरालाल के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया.

परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक हीरालाल के बेटे राम नारायण ने बताया कि हीरालाल की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं है. राम नारायण ने बताया कि उसके पिता निर्दोष थे और पुलिस की कार्रवाई के तहत उन्हें जिला जेल में बंद कर दिया गया था. उनकी मौत कैसे हुई इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है. वहीं जेलकर्मियों का कहना है कि हीरालाल की मौत बीमारी से हुई है. हीरालाल को लीवर की बीमारी थी, जिसका इलाज जिला अस्पताल और बीएचयू से चल रहा था.


क्या था उम्भा नरसंहार कांड?
वर्ष 2019 की 17 जुलाई को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में मूर्तियां गांव के ग्राम प्रधान और उनके साथियों ने जमीनी विवाद में गोंड जाति के 11 लोगों को गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया था. करीब दो दर्जन लोग इस घटनाक्रम में घायल भी हुए थे. सोसाइटी की जमीन के कब्जे को लेकर हुए संघर्ष में हुए नरसंहार कांड के बाद पूरे देश और प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इस पूरे घटनाक्रम में ग्राम प्रधान समेत लगभग 60 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया गया था.

इस मामले की जांच यूपी सरकार ने एसआईटी को सौंपी थी. अवैध रूप से जमीन कब्जे के मामले में एक आईएएस समेत दर्जनभर अधिकारियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था, जिसकी जांच फिलहाल एसआइटी द्वारा अभी भी जारी है.

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