सोनभद्र: जनपद के घोरावल कोतवाली इलाके के गांव उम्भा में जमीनी विवाद को लेकर भीषण गोलीबारी हुई. गोलीकांड में 11 लोगों की मौत और 27 घायल हुए थे. जांच में घटना के दौरान घोरावल कोतवाली में तैनात पांच पुलिसकर्मी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के दोषी पाए गए, जिसमें दो निरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी और दो आरक्षी शामिल हैं. इनके ऊपर विभागीय कार्रवाई करते हुए 1 महीने के वेतन का अर्थदंड लगाया गया है.
17 जुलाई 2019 को घोरावल कोतवाली इलाके के गांव उम्भा में जमीनी विवाद को लेकर विवाद हुआ था. जिसमें एक पक्ष से गोलीबारी भी की गई थी. इस मामले में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस विभाग की तरफ से घोरावल कोतवाली में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की गई.
जांच में पाया गया कि वहां पर पूर्व में तैनात दो निरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी और दो आरक्षियों ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की और कई लोगों के ऊपर बिना दोष के बेवज़ह 107/16 और अन्य धाराओं में एक पक्षीय कार्रवाई की. इस मामले में दोषी पाए जाने पर इन पुलिसकर्मियों के ऊपर विभागीय कार्यवाही के साथ ही साथ 1 महीने के वेतन का अर्थदंड लगाया गया है.
यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी. पूरे देश से कई नामी-गिरामी नेता सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनपद का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर उनको मुआवजा राशि भी दी. यह जमीनी विवाद लगातार कई वर्षों से चला रहा था.
इन पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई
1. शिव कुमार मिश्रा, निरीक्षक, वर्तमान तैनाती आजमगढ़
2. मूलचंद चौरसिया, निरीक्षक, वर्तमान तैनाती मऊ
3. कन्हैया प्रसाद, मुख्य आरक्षी, वर्तमान तैनाती मऊ
4. सुधाकर यादव, आरक्षी, वर्तमान तैनाती सोनभद्र
5..प्रमोद प्रताप सिंह, आरक्षी, वर्तमान तैनाती बलिया
ये भी पढ़ें: सोनभद्र: उम्भा गोलीकांड पीड़ितों से मिले सीएम योगी, दिया मुआवजा
पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जुलाई 2019 में हुए उम्भा कांड में, जो वहां पर 2017-18 में निरीक्षक और पुलिसकर्मी तैनात थे. जिनके द्वारा इस प्रकरण के संबंध में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की गई थी, उनका दोष पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है. इसमें दो निरीक्षक, एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं. इन पांचों को उनके 30 दिन के वेतन के समतुल्य अर्थदंड से दंडित किया गया है.