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कृषि सिंचाई योजना के तहत 100 किसानों को दिया प्रशिक्षण - सीतापुर की खबर

सीतापुर में 100 किसानों को सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की विस्तृत जानकारी दी गई. उन्हें इसके तकनीकी पक्षों से भी परिचित कराया गया.

सीतापुर
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Published : Mar 19, 2021, 6:17 PM IST

सीतापुर: जिले के कृषि विज्ञान केंद्र अंबरपुर में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से 50-50 के दो बैच में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उप घटक पर ड्राप मोर क्रॉप के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. इस पद्धति को बढ़ावा देने एवं पानी का सदुपयोग कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कृषि आय दोगुनी
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंह ने फसलों की विभिन्न अवस्थाओं में सिंचाई के योगदान पर प्रकाश डालते हुए किसानों से अनुरोध किया कि वर्षा जल के संरक्षण पर ध्यान देते हुए फसलों की विभिन्न अवस्थाओं पर सिंचाई की व्यवस्था के साथ ही साथ वैज्ञानिक कृषि के अन्य पहलुओं पर अवश्य ध्यान दें. इससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में वृद्धि होगी तथा कृषि आय दोगुनी हो सकेगी.

जताई चिंता
कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन करने एवं जल संरक्षण पर ध्यान ना देने के कारण भूगर्भ जल स्तर में दिनोदिन आ रही गिरावट पर चिंता जताई. उन्होंने वर्षा जल के संरक्षण करने, सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों जैसे बौछारी सिंचाई तथा टपक सिंचाई प्रणाली को अपनाने को आज की आवश्यकता बताई. डॉ. सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के विभिन्न पहलुओं जैसी प्रणाली की स्थापना, संचालन एवं रखरखाव, सावधानियां, लाभ, स्थापना पर उपलब्ध सुविधाएं आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया.

पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी
वैज्ञानिक अमरनाथ सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के माध्यम से पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी प्रदान की. उद्यान विभाग के उद्यान निरीक्षक जय कृष्ण जायसवाल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के साथ ही साथ उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. तथा किसानों से अनुरोध किया कि किसान भाई विभाग की योजनाओं से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करके अपने सामाजिक एवं आर्थिक स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं.

विभिन्न पहलू बताए
उद्यान निरीक्षक राजीव गुप्ता ने भी सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रायोगिक जानकारी प्रदान करते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान किया. शिव नारायण चौरसिया ने रेनगन के संचालन की जानकारी प्रदान करते हुए उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला. प्रगतिशील किसान ज्ञानेन्द्र मिश्रा पानी पर बनी कविता को सुनाते हुए पानी संरक्षण के तौर तरीकों तथा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के लाभ के बारे में जानकारी साझा की.

ये भी पढ़ेंः स्टीकर लगे फलों को बिल्कुल न खाएं, हो सकती है ये बीमारियां

दिखाए विभिन्न पौधे
इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक उमेश कुमार सिंह, ऋचा सिंह, अजय त्रिपाठी एवं अभिषेक सिंह ने केंद्र के तकनीकी पार्क में स्थित विभिन्न तकनीकी इकाइयों जैसे - क्रॉप कैफेटेरिया, नर्सरी, ज़ीरो एनर्जी कूल चैम्बर, पशु चॉकलेट, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, नर्सरी उत्पादन, एजोला उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवाश, विभिन्न फलदार पौधों आदि का भ्रमण कराया तथा जानकारियां प्रदान कीं.

सीतापुर: जिले के कृषि विज्ञान केंद्र अंबरपुर में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से 50-50 के दो बैच में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उप घटक पर ड्राप मोर क्रॉप के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. इस पद्धति को बढ़ावा देने एवं पानी का सदुपयोग कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

कृषि आय दोगुनी
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंह ने फसलों की विभिन्न अवस्थाओं में सिंचाई के योगदान पर प्रकाश डालते हुए किसानों से अनुरोध किया कि वर्षा जल के संरक्षण पर ध्यान देते हुए फसलों की विभिन्न अवस्थाओं पर सिंचाई की व्यवस्था के साथ ही साथ वैज्ञानिक कृषि के अन्य पहलुओं पर अवश्य ध्यान दें. इससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में वृद्धि होगी तथा कृषि आय दोगुनी हो सकेगी.

जताई चिंता
कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन करने एवं जल संरक्षण पर ध्यान ना देने के कारण भूगर्भ जल स्तर में दिनोदिन आ रही गिरावट पर चिंता जताई. उन्होंने वर्षा जल के संरक्षण करने, सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों जैसे बौछारी सिंचाई तथा टपक सिंचाई प्रणाली को अपनाने को आज की आवश्यकता बताई. डॉ. सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के विभिन्न पहलुओं जैसी प्रणाली की स्थापना, संचालन एवं रखरखाव, सावधानियां, लाभ, स्थापना पर उपलब्ध सुविधाएं आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया.

पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी
वैज्ञानिक अमरनाथ सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के माध्यम से पोषक तत्व प्रबंधन की जानकारी प्रदान की. उद्यान विभाग के उद्यान निरीक्षक जय कृष्ण जायसवाल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के साथ ही साथ उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. तथा किसानों से अनुरोध किया कि किसान भाई विभाग की योजनाओं से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करके अपने सामाजिक एवं आर्थिक स्तर को ऊंचा उठा सकते हैं.

विभिन्न पहलू बताए
उद्यान निरीक्षक राजीव गुप्ता ने भी सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रायोगिक जानकारी प्रदान करते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान किया. शिव नारायण चौरसिया ने रेनगन के संचालन की जानकारी प्रदान करते हुए उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला. प्रगतिशील किसान ज्ञानेन्द्र मिश्रा पानी पर बनी कविता को सुनाते हुए पानी संरक्षण के तौर तरीकों तथा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के लाभ के बारे में जानकारी साझा की.

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दिखाए विभिन्न पौधे
इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक उमेश कुमार सिंह, ऋचा सिंह, अजय त्रिपाठी एवं अभिषेक सिंह ने केंद्र के तकनीकी पार्क में स्थित विभिन्न तकनीकी इकाइयों जैसे - क्रॉप कैफेटेरिया, नर्सरी, ज़ीरो एनर्जी कूल चैम्बर, पशु चॉकलेट, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, नर्सरी उत्पादन, एजोला उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवाश, विभिन्न फलदार पौधों आदि का भ्रमण कराया तथा जानकारियां प्रदान कीं.

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