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सीतापुर में तहसीलदार ने अभियुक्तों को 15 दिन कोर्ट में उपस्थित होने के दिए निर्देश

यूपी के सीतापुर की महोली तहसील में शांति भंग के एक मुकदमे में लॉकडाउन के इस समय तहसीलदार ने सभी अभियुक्तों को 15 दिन रोजाना अपने न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. इस पर उनके अधिवक्ता ने सवाल खड़े किए हैं.

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Published : May 20, 2020, 12:02 AM IST

तहसीलदार ने अभियुक्तों को 15 दिन कोर्ट में उपस्थित होने के दिए निर्देश.
तहसीलदार ने अभियुक्तों को 15 दिन कोर्ट में उपस्थित होने के दिए निर्देश.

सीतापुर: कोविड-19 के चलते जहां सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर सात वर्ष से कम सजा वाले मुकदमे के आरोपियों को जेल से पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी किये गए हैं वहीं इसके विपरीत तहसील की अदालतें तुगलकी फरमान जारी कर रही हैं. ताजा मामला महोली तहसील का है जिसमें शांति भंग के एक मुकदमे में लॉकडाउन के समय महोली के तहसीलदार ने सभी अभियुक्तों को 15 दिन रोजाना अपने न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. अधिवक्ता ने इस आदेश पर सवाल खड़े किए हैं.

यह मामला महोली तहसील का है. यहां के भिरिया गांव के आलोक मिश्रा समेत तीन लोगों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत पाबंद कराया गया था. इन सभी को 14 मई को तहसीलदार के न्यायालय में पेश किया गया था. तहसीलदार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए इन सभी अभियुक्तों को अगले 15 दिन लगातार अपने न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं.

इसे भी पढ़ें-सीतापुर: कृषि अवशेषों के जरिये तैयार किया जा रहा उन्नत ईंधन, ग्रामीणों को मिलेगा लाभ

इस मामले में अधिवक्ता अतुल अवस्थी ने तहसीलदार के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन के दौर में जब लोगो का आवागमन बंद है और सुप्रीम कोर्ट भी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए आदेश जारी कर चुका है. ऐसे समय मे तहसीलदार का यह आदेश विधिविरुद्ध है.

सीतापुर: कोविड-19 के चलते जहां सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर सात वर्ष से कम सजा वाले मुकदमे के आरोपियों को जेल से पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी किये गए हैं वहीं इसके विपरीत तहसील की अदालतें तुगलकी फरमान जारी कर रही हैं. ताजा मामला महोली तहसील का है जिसमें शांति भंग के एक मुकदमे में लॉकडाउन के समय महोली के तहसीलदार ने सभी अभियुक्तों को 15 दिन रोजाना अपने न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. अधिवक्ता ने इस आदेश पर सवाल खड़े किए हैं.

यह मामला महोली तहसील का है. यहां के भिरिया गांव के आलोक मिश्रा समेत तीन लोगों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत पाबंद कराया गया था. इन सभी को 14 मई को तहसीलदार के न्यायालय में पेश किया गया था. तहसीलदार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए इन सभी अभियुक्तों को अगले 15 दिन लगातार अपने न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं.

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इस मामले में अधिवक्ता अतुल अवस्थी ने तहसीलदार के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन के दौर में जब लोगो का आवागमन बंद है और सुप्रीम कोर्ट भी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए आदेश जारी कर चुका है. ऐसे समय मे तहसीलदार का यह आदेश विधिविरुद्ध है.

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