सीतापुर : जिले में जमीन की खरीद फरोख्त का मामला प्रकाश में आया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक बड़े अधिकारी और कानूनगो सहित चार लोगों पर सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. एसडीएम सदर के आदेश पर लेखपाल ने क्रेता-विक्रेता दोनों पर केस दर्ज कराया है.
जमीन खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी
दरअसल, सीतापुर जिले के महोली कोतवाली क्षेत्र के बरसोई गांव निवासी दलित गोधन की कोतवाली देहात क्षेत्र के टेड़वा चिलौला (नेपालापुर) में जमीन थी. इस जमीन को शहर के एक बड़े बाइक एजेंसी होल्डर पंकज शर्मा और उसके एक रिश्तेदार अजय शर्मा (जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में बड़े अधिकारी के पद पर तैनात है) ने खरीदा था. आरोप है कि जमीन दलित गोधन की होने के कारण बिक्री के लिए खीरी जिले के मोहम्मदी क्षेत्र का फर्जी निवास प्रमाण पत्र दिखाकर इस अधिकारी ने फर्जीवाड़ा किया. वहीं दस्तावेजों में गलत तथ्य दिखाकर गोधन ने आदेश ले लिया था. वहीं इसमें कानूनगो लल्लूराम ने बिना लेखपाल की रिपोर्ट के अपनी रिपोर्ट लगा दी. जिससे दलित गोधन अपनी जमीन सामान्य वर्ग के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अजय शर्मा व बड़े व्यापारी पंकज शर्मा को बेचने में सफल रहा.
दस्तावेजों में हेराफेरी कर की धोखाधड़ी
दस्तावेजों में हेराफेरी व कानूनगो की गलत तरीके से की गई मदद के आधार पर वह जमीन अजय व पंकज शर्मा को बेचने में सफल रहा. यह मामला एसडीएम सदर अमित भट्ट के संज्ञान में आया तो उन्होंने जांच कराई. जांच के बाद इस मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए. जिसके बाद लेखपाल विरेंद्र बलिया ने शहर कोतवाली में केस दर्ज कराया.
एसडीएम सदर अमित भट्ट ने बताया कि यह नेपालापुर में 13 बीघे की जमीन थी, और इसमें गलत तरीके से परमिशन ली गई थी. यह मामला लखीमपुर खीरी जनपद के माध्यम से मामला संज्ञान में आया था. इसमें क्रेता-विक्रेता व रिपोर्ट करने वाले कानूनगो समेत 4 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है. मामला जमीन की खरीद का था, जो अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन थी. क्रेता द्वारा गलत तरीके से मूल निवास लखीमपुर दिखाकर जमीन की खरीद की थी. लखीमपुर से जांच पड़ताल के बाद जब आख्या आई, उसके बाद यह कार्रवाई की गई है.