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सीतापुर में श्रमिकों को रोजगार दिलाने की रणनीति तैयार - प्रवासी मजदूर

यूपी के सीतापुर में प्रवासी मजदूर लगातार घर वापसी कर रहे हैं. जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए उपायुक्त उद्योग, जिला सेवायोजन अधिकारी एवं श्रम विभाग के अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित की है.

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डीएम.
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Published : May 27, 2020, 9:49 PM IST

सीतापुर: जिले में बाहर से आ रहे श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए प्रशासन ने इसके लिए रणनीति तैयार कर ली है. इन लोगों को न सिर्फ डूडा और मनरेगा की योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, बल्कि लघु एवं मध्यम उद्योगों में भी सेवायोजित कराया जाएगा. जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए उपायुक्त उद्योग, जिला सेवायोजन अधिकारी एवं श्रम विभाग के अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित की है.

जिले में करीब दस हजार से ज्यादा श्रमिक घर वापसी कर चुके हैं. श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए भी बडी चुनौती है. सरकार के कड़े निर्देशों के बाद प्रशासन ने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है.

डीएम अखिलेश तिवारी ने बताया कि जिले में सबसे पहले मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. पूरे जिले में अब तक 5 हजार जॉब कार्ड बनाये जा चुके हैं. इसके अलावा डूडा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं में श्रमिकों को काम दिलाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. उद्योग विभाग के उपायुक्त आशीष गुप्ता ने बताया कि बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है. जो श्रमिक रोजगार से वंचित रह गए हैं, उन्हें जल्द ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

सीतापुर: जिले में बाहर से आ रहे श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए प्रशासन ने इसके लिए रणनीति तैयार कर ली है. इन लोगों को न सिर्फ डूडा और मनरेगा की योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, बल्कि लघु एवं मध्यम उद्योगों में भी सेवायोजित कराया जाएगा. जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए उपायुक्त उद्योग, जिला सेवायोजन अधिकारी एवं श्रम विभाग के अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित की है.

जिले में करीब दस हजार से ज्यादा श्रमिक घर वापसी कर चुके हैं. श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए भी बडी चुनौती है. सरकार के कड़े निर्देशों के बाद प्रशासन ने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है.

डीएम अखिलेश तिवारी ने बताया कि जिले में सबसे पहले मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. पूरे जिले में अब तक 5 हजार जॉब कार्ड बनाये जा चुके हैं. इसके अलावा डूडा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं में श्रमिकों को काम दिलाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. उद्योग विभाग के उपायुक्त आशीष गुप्ता ने बताया कि बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता है. जो श्रमिक रोजगार से वंचित रह गए हैं, उन्हें जल्द ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

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