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सीतापुर: शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा

बारिश के बाद बैराजों से छोड़े गए पानी से शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांजरी इलाके में बाढ़ और कटान का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ और कटान की आशंका से जिला प्रशासन ने कुछ अधिकारियों को स्थिति पर नजर बनाये रखने के लिए क्षेत्रों का भ्रमण करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jul 18, 2019, 4:51 PM IST

शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन हुआ सतर्क.

सीतापुर: शारदा और घाघरा नदी जनपद के गांजरी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं. यह दोनों नदियां तीन तहसीलों को प्रभावित करती हैं. इसमें लहरपुर, बिसवां और महमूदाबाद शामिल हैं. लखीमपुर खीरी के बैराजों से नेपाल से आने वाली नदियों का पानी छोड़े जाने के बाद दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.

शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन हुआ सतर्क.

जलस्तर बढ़ने से गांजरवासियों की धड़कनें हुईं तेज

  • नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांजरवासियों के दिलों की धड़कनें तेज हो गईं हैं.
  • जनपद मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर गांजरी इलाका हर साल बाढ़ और कटान की तबाही झेलता है.
  • पिछले वर्षों में बाढ़ प्रभावित इलाके में कटान रोकने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से स्टड निर्माण कार्य भी कराया जा चुका है.
  • बाढ़ से जनहानि और धनहानि रोकने के लिए प्रशासन ने बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी हैं.
  • प्रधानों के साथ बैठक कर उनसे समन्वय बनाकर इस समस्या से निपटने की योजना तैयार की जा रही है.

अभी पानी नदी के भीतर ही है, इसलिए बाढ़ की स्थिति नहीं होगी. बाढ़ और कटान को लेकर हमारी कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है. फील्ड स्टाफ को स्थिति पर नजर रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है.
-अखिलेश तिवारी, डीएम

सीतापुर: शारदा और घाघरा नदी जनपद के गांजरी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं. यह दोनों नदियां तीन तहसीलों को प्रभावित करती हैं. इसमें लहरपुर, बिसवां और महमूदाबाद शामिल हैं. लखीमपुर खीरी के बैराजों से नेपाल से आने वाली नदियों का पानी छोड़े जाने के बाद दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.

शारदा और घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन हुआ सतर्क.

जलस्तर बढ़ने से गांजरवासियों की धड़कनें हुईं तेज

  • नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांजरवासियों के दिलों की धड़कनें तेज हो गईं हैं.
  • जनपद मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर गांजरी इलाका हर साल बाढ़ और कटान की तबाही झेलता है.
  • पिछले वर्षों में बाढ़ प्रभावित इलाके में कटान रोकने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से स्टड निर्माण कार्य भी कराया जा चुका है.
  • बाढ़ से जनहानि और धनहानि रोकने के लिए प्रशासन ने बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी हैं.
  • प्रधानों के साथ बैठक कर उनसे समन्वय बनाकर इस समस्या से निपटने की योजना तैयार की जा रही है.

अभी पानी नदी के भीतर ही है, इसलिए बाढ़ की स्थिति नहीं होगी. बाढ़ और कटान को लेकर हमारी कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है. फील्ड स्टाफ को स्थिति पर नजर रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है.
-अखिलेश तिवारी, डीएम

Intro:सीतापुर: बारिश के बाद बैराजों से छोड़े गए पानी के कारण यहां से होकर गुजरने वाली शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांजरी इलाके में बाढ़ और कटान का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ और कटान की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है और अधीनस्थ अधिकारियों को क्षेत्र भृमण कर स्थिति पर नज़र बनाये रखने के निर्देश दिए हैं.


Body:शारदा और घाघरा नदी जनपद के गांजरी क्षेत्र से होकर गुजरती है. यह दोनों नदियां तीन तहसीलों को प्रभावित करती हैं जिसमे लहरपुर,बिसवां और महमूदाबाद शामिल है. लखीमपुर खीरी के बैराजों से नेपाली नदियों का पानी छोड़े जाने के बाद दोनों नदियों के जलस्तर में इज़ाफ़ा हुआ है.नदियों का जलस्तर बढ़ने गांजरवासियों के दिलो की धड़कनें तेज़ हो गई है हालांकि प्रशासन का दावा है कि अभी पानी नदी के भीतर ही है इसलिए बाढ़ की स्थिति नही है. फिर भी बाढ़ और कटान को लेकर हमारी कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है और फील्ड स्टाफ को स्थिति पर नज़र रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है.


Conclusion:गौरतलब है कि जनपद मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर का गांजरी इलाका कमोबेश हर साल बाढ़ और कटान की तबाही झेलता है पिछले वर्षों में इस बाढ़ प्रभावित इलाके में कटान रोकने के लिए करोड़ो रूपये की लागत से स्टड निर्माण का कार्य भी कराया जा चुका है.बाढ़ से जनहानि और धनहानि रोकने के लिए प्रशासन ने बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी है और प्रधानों के साथ बैठक कर उनसे समन्वय स्थापित कर कार्यवाही करने की योजना तैयार की है.

बाइट-अखिलेश तिवारी (डीएम)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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