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सीतापुर: क्वारंटाइन सेंटर बने विद्यालय बिना सैनिटाइज के ही खुले

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय 1 जुलाई से खोल दिए गए हैं. लेकिन क्वारंनटाइन सेंटर बनाए गए इन सभी विद्यालयों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन नहीं कराया गया है.

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बिना सैनिटाइज किए खोले गए प्राथमिक विद्यालय.
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Published : Jul 4, 2020, 4:31 AM IST

सीतापुर: जिले के सभी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक जुलाई से खोल दिया गया है. इन विद्यालयों में कोरोना वायरस के मरीजों को क्वारंटाइन किया गया था. लेकिन विद्यालय खुलने के बाद न तो इन्हें सैनिटाइज किया गया और न ही इनकी साफ-सफाई कराई गई है. इसको लेकर शिक्षक संघ में काफी रोष है. प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस मामले को लेकर विरोध जताते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है.

बिना सैनिटाइज किए खोले गए प्राथमिक विद्यालय.

क्वारंटाइन सेंटर बने स्कूल नहीं किए गए सैनिटाइज
कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू होने के बाद लॉकडाउन के दौर में जिन प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की थी उन्हें गांव स्तर पर इन्हीं प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्वारंटीन किया गया था. क्वारंटीइन की समय सीमा पूरा करने के बाद ही उन्हें अपने घरों में जाने की अनुमति दी गई थी. इस प्रकार इन स्कूलों में ठहराए गए कई प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.

आदेश के बाद एक जुलाई से इन सभी स्कूलों को खोल दिया गया है. इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को भले ही नहीं बुलाया गया है, लेकिन शिक्षकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं.

इन शिक्षकों की सबसे बड़ी समस्या स्कूलों का सैनिटाइजेशन न किया जाना है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीण क्षेत्र के इन सरकारी स्कूलों का जायजा लिया तो वहां की शिक्षिकाओं ने बिना साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के स्कूलों को खोले जाने पर एतराज जताया.

विकास खण्ड एलिया के प्राथमिक विद्यालय दामोदरपुर का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची. स्कूल में मौजूद प्रधानाध्यापिका नीरजा अस्थाना ने बताया कि उनके स्कूल की अभी तक न तो साफ-सफाई कराई गई है और न ही सैनिटाइजेशन कराया गया है, जिससे स्कूल स्टाफ में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. इस बाबत ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेट्री को अवगत कराने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

शिक्षा विभाग और प्रशासन शिक्षकों की उपेक्षा कर रहा है. स्कूलों में भारी गंदगी और झाड़-झंखाड़ होने के कारण शिक्षकों में असुरक्षा की भावना है. इस बाबत पत्र के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
रवीन्द्र दीक्षित, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ

जिलाधिकारी और उनके स्तर से जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूलों की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के लिए कहा गया है. खंड शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं, फिर भी यदि साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम नहीं होता है तो प्रधानाध्यापक अपने स्कूल फंड से यह कार्य कार्य करा सकते हैं.
अजीत कुमार, बीएसए

सीतापुर: जिले के सभी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक जुलाई से खोल दिया गया है. इन विद्यालयों में कोरोना वायरस के मरीजों को क्वारंटाइन किया गया था. लेकिन विद्यालय खुलने के बाद न तो इन्हें सैनिटाइज किया गया और न ही इनकी साफ-सफाई कराई गई है. इसको लेकर शिक्षक संघ में काफी रोष है. प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस मामले को लेकर विरोध जताते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है.

बिना सैनिटाइज किए खोले गए प्राथमिक विद्यालय.

क्वारंटाइन सेंटर बने स्कूल नहीं किए गए सैनिटाइज
कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू होने के बाद लॉकडाउन के दौर में जिन प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की थी उन्हें गांव स्तर पर इन्हीं प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्वारंटीन किया गया था. क्वारंटीइन की समय सीमा पूरा करने के बाद ही उन्हें अपने घरों में जाने की अनुमति दी गई थी. इस प्रकार इन स्कूलों में ठहराए गए कई प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.

आदेश के बाद एक जुलाई से इन सभी स्कूलों को खोल दिया गया है. इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को भले ही नहीं बुलाया गया है, लेकिन शिक्षकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं.

इन शिक्षकों की सबसे बड़ी समस्या स्कूलों का सैनिटाइजेशन न किया जाना है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीण क्षेत्र के इन सरकारी स्कूलों का जायजा लिया तो वहां की शिक्षिकाओं ने बिना साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के स्कूलों को खोले जाने पर एतराज जताया.

विकास खण्ड एलिया के प्राथमिक विद्यालय दामोदरपुर का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची. स्कूल में मौजूद प्रधानाध्यापिका नीरजा अस्थाना ने बताया कि उनके स्कूल की अभी तक न तो साफ-सफाई कराई गई है और न ही सैनिटाइजेशन कराया गया है, जिससे स्कूल स्टाफ में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. इस बाबत ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेट्री को अवगत कराने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

शिक्षा विभाग और प्रशासन शिक्षकों की उपेक्षा कर रहा है. स्कूलों में भारी गंदगी और झाड़-झंखाड़ होने के कारण शिक्षकों में असुरक्षा की भावना है. इस बाबत पत्र के माध्यम से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
रवीन्द्र दीक्षित, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ

जिलाधिकारी और उनके स्तर से जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूलों की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन के लिए कहा गया है. खंड शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं, फिर भी यदि साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का काम नहीं होता है तो प्रधानाध्यापक अपने स्कूल फंड से यह कार्य कार्य करा सकते हैं.
अजीत कुमार, बीएसए

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