सीतापुर: भारत सरकार ने अनुसूचित जाति की 50 फीसदी से अधिक की आबादी वाले गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. इस विकास कार्य के लिए जिले के 20 राजस्व गांवों का चयन किया गया है. इन गांवों में ऑल वेदर रोड से लेकर इंटरनेट तक की सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा.
गांव होंगे मॉडल विलेज के रूप में विकसित
आधे से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले गांवों के दिन अब जल्द ही बहुरने वाले हैं. इन गांवों में बेहतर सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है. भारत सरकार ने इन गांवों को विशेष रूप से विकसित करने की योजना तैयार की है. ऐसे गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई) के अंतर्गत चयनित किया गया है.
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विभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना
समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग के तौर पर नामित किया गया है. विभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण मार्ग एवं आवास, बिजली एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण के अलावा आजीविका एवं कौशल विकास का कार्य कराया जाएगा. इन सभी गांवों में रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे और इंटरनेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.
सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं
ईटीवी से बातचीत के दौरान समाज कल्याण विकास अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि विकास कार्य के लिए जिले के कुल 14 ब्लॉक में से 20 राजस्व गांवों का चयन किया गया है. इन गांवों में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. अगर इन गांवों में आगंनबाड़ी केंद्र नहीं होगा तो आगंनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा. साथ ही गांवों का विद्युतीकरण भी कराया जाएगा.