सीतापुर: जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां पथरी के मर्ज से लोग परेशान हैं. सीतापुर से लेकर लखनऊ तक इलाज कराते-कराते गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ रही है, लेकिन पथरी से पीड़ित लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक दूषित पेयजल पथरी का प्रमुख कारण है, इसलिए पानी के इस्तेमाल में खास सावधानी बरतने की जरूरत है.
पथरी से परेशान हैं मल्लपुर गांव के लोग
विधानसभा और तहसील महोली का एक गांव मल्लपुर है. गांव की आबादी 600 के आसपास है और यहां ज्यादातर लोग किसान हैं. खेती कर गांव के लोग अपने परिवार का पेट पालते हैं. गांव के लोगों की एक आम समस्या है और वह समस्या है पथरी का मर्ज. गांव में किसी के शरीर के पित्ताशय में पथरी है तो किसी के मूत्राशय में. लोग पथरी का इलाज कराते-कराते परेशान हो चुके हैं, लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है. गांव का हर पांचवा व्यक्ति पथरी का शिकार है. कुल-मिलाकर गांव में 60 से 70 लोग पथरी से ग्रसित हैं.
लोगों ने साझा की अपनी परेशानी
ईटीवी भारत की टीम ने पथरी की समस्या से ग्रस्त मल्लपुर गांव का दौरा कर लोगों से बातचीत की. लोगों ने बताया कि इस गांव में कई लोग ऐसे हैं, जो एक नहीं कई बार पथरी की बीमारी का शिकार हो चुके हैं. कुछ लोगों ने पथरी का ऑपरेशन भी कराया, लेकिन कुछ समय बाद फिर पथरी की समस्या सामने आ जाती है. गांव के कई लोग लखनऊ के विवेकानंद अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन भी करा चुके हैं.
जिला अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि दूषित पेयजल का सेवन पथरी का प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि पेयजल और कुछ दूसरी वजहों से पथरी की समस्या जन्म लेती है, लेकिन सुझाव के तौर पर सीएमएस ने पेयजल के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की सलाह दी.