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सीतापुर: घर पहुंचने के लिए लुधियाना से गोरखपुर निकला बुजुर्ग, ऊंट के जरिए तय कर रहा सफर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले एक बुजुर्ग लुधियाना में काम करते थे. लॉकडाउन लागू होने के बाद लुधियाना सरकार ने उनको घर भेजने के लिए कोई मदद नहीं की, लिहाजा वह ऊंट पर बैठकर अपने घर के लिए चल दिए.

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Published : May 5, 2020, 9:42 AM IST

बुजुर्ग व्यक्ति घर जाने के लिए ऊंट से सफर तय कर रहे
बुजुर्ग व्यक्ति घर जाने के लिए ऊंट से सफर तय कर रहे

सीतापुर: वैश्चिक महामारी में लॉकडाउन 3.0 लागू होने के बाद अन्य राज्यों में कारोबार कर रहे मजदूर भी अपने घर वापस लौटना चाह रहे हैं. प्रदेश सरकार अन्य प्रान्तों में फंसे अपने मजदूरों को वापस लाने के लिए पुरजोर कदम उठा रही हैं. लेकिन अन्य प्रांतों की सरकारें यूपी के मजदूरों के प्रति संजीदा नहीं दिख रही. इसका उदाहरण उस वक्त सामने आया जब लुधियाना में स्थित गुरुद्वारा में ऊंट पर बच्चों को टहलाकर अपना पेट पालने वाले बुजुर्ग को वहां से उसके राज्य वापस जाने के लिए कह दिया गया. यह बुजुर्ग व्यक्ति अपने ऊंट पर सवार होकर लुधियाना से गोरखपुर के लिए निकल पड़े और सोमवार को सीतापुर पहुंचे.

बुजुर्ग व्यक्ति घर जाने के लिए ऊंट से सफर तय कर रहे

ऊंट पर कर रहे यात्रा

गोरखपुर जनपद के त्रिकानपुर निवासी हरई नामक व्यक्ति लुधियाना में स्थित गुरुद्वारा में काम करते थे. बुजुर्ग ने बताया कि वह गुरुद्वारा में आने वाले लोगों के बच्चों को ऊंट पर बैठाकर अपना जीवन यापन करते थे. बुजुर्ग के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में उनका रोजगार खत्म हो गया और वहां के जिम्मेदार प्रशासन ने उन्हें अपने राज्य वापस जाने का फरमान जारी कर दिया.

बेबस और लाचार बुजुर्ग घर वापस जाने के लिए लुधियाना से गोरखपुर के लिए ऊंट पर ही निकल पड़े. बुजुर्ग के मुताबिक वह पिछले कई दिनों से लगातार सड़कों से अपने घर का रास्ता तय कर रहे हैं. सोमवार को सीतापुर पहुंचकर उन्होंने विश्राम किया.

बुजुर्ग का कहना है कि वह अब अपने घर वापस आ गए हैं और उन्हें यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है. उन्होंने बताया कि लुधियाना प्रशासन ने उनको घर वापस भेजने के लिए किसी भी प्रकार की मदद नहीं की. बुजुर्ग को ऊंट से गोरखपुर जाते देखकर लोगों ने उन्हें खाने-पीने की चीजें देकर उन्हें उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया.

सीतापुर: वैश्चिक महामारी में लॉकडाउन 3.0 लागू होने के बाद अन्य राज्यों में कारोबार कर रहे मजदूर भी अपने घर वापस लौटना चाह रहे हैं. प्रदेश सरकार अन्य प्रान्तों में फंसे अपने मजदूरों को वापस लाने के लिए पुरजोर कदम उठा रही हैं. लेकिन अन्य प्रांतों की सरकारें यूपी के मजदूरों के प्रति संजीदा नहीं दिख रही. इसका उदाहरण उस वक्त सामने आया जब लुधियाना में स्थित गुरुद्वारा में ऊंट पर बच्चों को टहलाकर अपना पेट पालने वाले बुजुर्ग को वहां से उसके राज्य वापस जाने के लिए कह दिया गया. यह बुजुर्ग व्यक्ति अपने ऊंट पर सवार होकर लुधियाना से गोरखपुर के लिए निकल पड़े और सोमवार को सीतापुर पहुंचे.

बुजुर्ग व्यक्ति घर जाने के लिए ऊंट से सफर तय कर रहे

ऊंट पर कर रहे यात्रा

गोरखपुर जनपद के त्रिकानपुर निवासी हरई नामक व्यक्ति लुधियाना में स्थित गुरुद्वारा में काम करते थे. बुजुर्ग ने बताया कि वह गुरुद्वारा में आने वाले लोगों के बच्चों को ऊंट पर बैठाकर अपना जीवन यापन करते थे. बुजुर्ग के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में उनका रोजगार खत्म हो गया और वहां के जिम्मेदार प्रशासन ने उन्हें अपने राज्य वापस जाने का फरमान जारी कर दिया.

बेबस और लाचार बुजुर्ग घर वापस जाने के लिए लुधियाना से गोरखपुर के लिए ऊंट पर ही निकल पड़े. बुजुर्ग के मुताबिक वह पिछले कई दिनों से लगातार सड़कों से अपने घर का रास्ता तय कर रहे हैं. सोमवार को सीतापुर पहुंचकर उन्होंने विश्राम किया.

बुजुर्ग का कहना है कि वह अब अपने घर वापस आ गए हैं और उन्हें यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है. उन्होंने बताया कि लुधियाना प्रशासन ने उनको घर वापस भेजने के लिए किसी भी प्रकार की मदद नहीं की. बुजुर्ग को ऊंट से गोरखपुर जाते देखकर लोगों ने उन्हें खाने-पीने की चीजें देकर उन्हें उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया.

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