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सीतापुरः प्रशासन के दावों के बाद भी खुले में ठंड से ठिठुर रहे गोवंश

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में चलाई जा रही गोशालाओं में गोवंशों के रखरखाव पर लापरवाही बरती जा रही है. डीएम के आदेश के बाद भी पशुओं को ठंढ से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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ठंड से ठिठुर रहे गोवंश.
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Published : Dec 2, 2019, 2:03 PM IST

सीतापुर: सरकार भले ही गोवंशों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही हो, लेकिन जिले में गोवंशों के रखरखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दरअसल सर्द मौसम में भी गोवंशों को ठंड से ठिठुरना पड़ रहा है. डीएम ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए जो दावे किये थे उनका धरातल पर कोई क्रियान्वयन नहीं दिख रहा है.

ठंड से ठिठुर रहे गोवंश.

अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू
सरकार के निर्देश पर जिले में भी तमाम अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू किया गया था, जबकि पहले से कुछ स्थायी गोशालाएं भी थीं. इन गोशाला में गोवंश तो हैं, लेकिन उनके लिए सुविधाओं का अभाव है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में करीब 43 अस्थाई और स्थायी गोशालाएं चल रही हैं, जिनमें इस समय 7,366 गोवंश मौजूद हैं.

गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डीएम अखिलेश तिवारी ने बताया कि ठंढ के मौसम के मद्देनजर गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश दिए गए हैं. साथ उन्होंने कहा कि गोशालाओं में शेड के साथ ही उन्हें तीन ओर से कवर्ड करने और पशुओं को ठंढ से बचाने के लिए बोरे आदि की व्यवस्था के लिए भी खास निर्देश दिए गए हैं.

प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले
इस मामले में जब ईटीवी भारत ने रियल्टी चेक किया गया तो प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए. मौके पर जानवर खुले आसमान के नीचे टहलते हुए नजर आए और उन्हें ठंढ से बचने का कोई इंतजाम मौजूद नहीं था, जिसकी तस्दीक खुद गोशाला का कामकाज देख रहे एक कर्मचारी ने की. कर्मचारी ने कहा कि गोशाला में करीब 40-45 गोवंश है. अभी तक इन गोवंशों के पास ठंड से बचने के लिए कोई उपाय नहीं है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: मौत का केंद्र साबित हो रहे गो आश्रय स्थल, मौत का सरकारी आंकड़ा महज दिखावा

सीतापुर: सरकार भले ही गोवंशों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही हो, लेकिन जिले में गोवंशों के रखरखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दरअसल सर्द मौसम में भी गोवंशों को ठंड से ठिठुरना पड़ रहा है. डीएम ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए जो दावे किये थे उनका धरातल पर कोई क्रियान्वयन नहीं दिख रहा है.

ठंड से ठिठुर रहे गोवंश.

अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू
सरकार के निर्देश पर जिले में भी तमाम अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू किया गया था, जबकि पहले से कुछ स्थायी गोशालाएं भी थीं. इन गोशाला में गोवंश तो हैं, लेकिन उनके लिए सुविधाओं का अभाव है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में करीब 43 अस्थाई और स्थायी गोशालाएं चल रही हैं, जिनमें इस समय 7,366 गोवंश मौजूद हैं.

गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डीएम अखिलेश तिवारी ने बताया कि ठंढ के मौसम के मद्देनजर गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश दिए गए हैं. साथ उन्होंने कहा कि गोशालाओं में शेड के साथ ही उन्हें तीन ओर से कवर्ड करने और पशुओं को ठंढ से बचाने के लिए बोरे आदि की व्यवस्था के लिए भी खास निर्देश दिए गए हैं.

प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले
इस मामले में जब ईटीवी भारत ने रियल्टी चेक किया गया तो प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए. मौके पर जानवर खुले आसमान के नीचे टहलते हुए नजर आए और उन्हें ठंढ से बचने का कोई इंतजाम मौजूद नहीं था, जिसकी तस्दीक खुद गोशाला का कामकाज देख रहे एक कर्मचारी ने की. कर्मचारी ने कहा कि गोशाला में करीब 40-45 गोवंश है. अभी तक इन गोवंशों के पास ठंड से बचने के लिए कोई उपाय नहीं है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: मौत का केंद्र साबित हो रहे गो आश्रय स्थल, मौत का सरकारी आंकड़ा महज दिखावा

Intro:सीतापुर: सरकार भले ही गोवंशों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही हो लेकिन सीतापुर में गोवंशों के रखरखाव पर ध्यान नही दिया जा रहा है. सर्द मौसम में भी गोवंशों को ठंड से ठिठुरना पड़ रहा है. जिलाधिकारी ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए जो दावे किये हैं उनका धरातल पर क्रियान्वयन नहीं दिखाई दे रहा है.


Body:सरकार के निर्देश पर इस जिले में भी तमाम अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू किया गया है जबकि पहले से कुछ स्थायी गोशालाएं भी है.इनमें गोवंश तो हैं लेकिन उनके लिए सुविधाओं का टोटा है.मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय मे करीब 43 अस्थाई और स्थायी गोशालाएं चल रही हैं जिनमे इस समय 7366 गोवंश मौजूद हैं.

जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया कि ठंढ के मौसम के मद्देनजर गोवंशों के लिए खास इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. गोशालाओं में शेड के साथ ही उन्हें तीन ओर से कवर्ड करने और पशुओं को ठंढ से बचाव के लिए बोरे आदि की व्यवस्था के लिए खास निर्देश दिए गए हैं. हालांकि जब इस मामले में रियल्टी चेक किया गया तो प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए.मौके पर जानवर खुले आसमान के नीचे टहल रहे थे और उन्हें ठंढ से बचाने का कोई इंतजाम मौजूद नहीं था जिसकी तस्दीक खुद गोशाला का कामकाज देख रहे एक कर्मचारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में की.


Conclusion:
पिछले दिनों एक गोशाला का औचक निरीक्षण कर वहां भारी गड़बड़ियों का भंडाफोड़ करने वाले बीजेपी विधायक सुरेश राही ने तो गोशालाओं के रखरखाव के लिए आने वाले बजट को अफसरों के खाने कमाने का जरिया तक बता डाला.ऐसे में सीतापुर की गोशालाओं की जमीनी हकीकत का अंदाजा स्वतः ही लगाया जा सकता है.


बाइट- राजकुमार त्रिवेदी ( कर्मचारी नन्दी गौशाला)
बाइट-अखिलेश तिवारी (डीएम)
बाइट-सुरेश राही (बीजेपी विधायक-हरगांव)
पीटीसी नीरज श्रीवास्तव

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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