सीतापुर: सरकार भले ही गोवंशों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही हो, लेकिन जिले में गोवंशों के रखरखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दरअसल सर्द मौसम में भी गोवंशों को ठंड से ठिठुरना पड़ रहा है. डीएम ने गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए जो दावे किये थे उनका धरातल पर कोई क्रियान्वयन नहीं दिख रहा है.
अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू
सरकार के निर्देश पर जिले में भी तमाम अस्थायी गोशालाओं का संचालन शुरू किया गया था, जबकि पहले से कुछ स्थायी गोशालाएं भी थीं. इन गोशाला में गोवंश तो हैं, लेकिन उनके लिए सुविधाओं का अभाव है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में करीब 43 अस्थाई और स्थायी गोशालाएं चल रही हैं, जिनमें इस समय 7,366 गोवंश मौजूद हैं.
गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डीएम अखिलेश तिवारी ने बताया कि ठंढ के मौसम के मद्देनजर गोवंशों के लिए खास इंतजाम के आदेश दिए गए हैं. साथ उन्होंने कहा कि गोशालाओं में शेड के साथ ही उन्हें तीन ओर से कवर्ड करने और पशुओं को ठंढ से बचाने के लिए बोरे आदि की व्यवस्था के लिए भी खास निर्देश दिए गए हैं.
प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले
इस मामले में जब ईटीवी भारत ने रियल्टी चेक किया गया तो प्रशासन के दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए. मौके पर जानवर खुले आसमान के नीचे टहलते हुए नजर आए और उन्हें ठंढ से बचने का कोई इंतजाम मौजूद नहीं था, जिसकी तस्दीक खुद गोशाला का कामकाज देख रहे एक कर्मचारी ने की. कर्मचारी ने कहा कि गोशाला में करीब 40-45 गोवंश है. अभी तक इन गोवंशों के पास ठंड से बचने के लिए कोई उपाय नहीं है.
इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: मौत का केंद्र साबित हो रहे गो आश्रय स्थल, मौत का सरकारी आंकड़ा महज दिखावा