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सीतापुर: सहकारी चीनी मिल पर करोड़ों रुपये बकाया, किसान परेशान

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Published : Oct 6, 2019, 9:03 PM IST

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने जहां किसानों का भुगतान कर दिया है. वहीं, सहकारी चीनी मिल पर किसानों का लगभग 19 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है. हालांकि जिला गन्ना अधिकारी ने भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है.

किसानों का सहकारी चीनी मिल पर करोड़ों का बकाया

सीतापुर: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए सरकार भले ही सख्त कदम उठा रही है. लेकिन जिले में सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल ही किसानों की सबसे बड़ी बकायेदार साबित हो रही है. दरअसल निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो किसानों का भुगतान कर दिया है. वहीं, सहकारी चीनी मिल पर किसानों का करीब 19 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है. हालांकि जिला गन्ना अधिकारी ने किसानों का भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है.

किसानों का सहकारी चीनी मिल पर करोड़ों का बकाया
बकाया भुगतान न होने से परेशान किसान-
  • जिले में कुल पांच चीनी मिलें संचालित हैं.
  • चार निजी क्षेत्र की और एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.
  • बीते पेराई सत्र में 19 सौ करोड़ रुपये कीमत के गन्ने की पेराई हुई थी.
  • निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने किसानों का भुगतान कर दिया है.
  • वहीं, सहकारी चीनी मिल मिल पर 18.86 करोड़ रुपये बकाया हैं.
  • बकाया भुगतान न होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो भुगतान कर दिया है. लेकिन सहकारी चीनी मिल का करीब 19 करोड़ रुपया बकाया है. जिसके भुगतान के लिए कार्रवाई की जा रही है.
-संजय सिसोदिया, जिला गन्ना अधिकारी


यह भी पढ़ें: कन्नौज: सपा कार्यकर्ताओं ने 20 रुपये किलो में बेचा 'समाजवादी प्याज'

सीतापुर: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए सरकार भले ही सख्त कदम उठा रही है. लेकिन जिले में सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल ही किसानों की सबसे बड़ी बकायेदार साबित हो रही है. दरअसल निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो किसानों का भुगतान कर दिया है. वहीं, सहकारी चीनी मिल पर किसानों का करीब 19 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है. हालांकि जिला गन्ना अधिकारी ने किसानों का भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है.

किसानों का सहकारी चीनी मिल पर करोड़ों का बकाया
बकाया भुगतान न होने से परेशान किसान-
  • जिले में कुल पांच चीनी मिलें संचालित हैं.
  • चार निजी क्षेत्र की और एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.
  • बीते पेराई सत्र में 19 सौ करोड़ रुपये कीमत के गन्ने की पेराई हुई थी.
  • निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने किसानों का भुगतान कर दिया है.
  • वहीं, सहकारी चीनी मिल मिल पर 18.86 करोड़ रुपये बकाया हैं.
  • बकाया भुगतान न होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो भुगतान कर दिया है. लेकिन सहकारी चीनी मिल का करीब 19 करोड़ रुपया बकाया है. जिसके भुगतान के लिए कार्रवाई की जा रही है.
-संजय सिसोदिया, जिला गन्ना अधिकारी


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Intro:सीतापुर: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए सरकार भले ही सख्त कदम उठा रही है लेकिन सीतापुर में सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल ही किसानों की सबसे बड़ी बकायेदार साबित हो रही है. इस जिले में निज़ी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो किसानों का भुगतान कर दिया है लेकिन सहकारी चीनी मिल पर किसानों का करीब 19 करोड़ रुपया अभी भी बकाया है.जिला गन्ना अधिकारी ने किसानों का भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है.


Body:सीतापुर में कुल पांच चीनी मिलें संचालित है, इनमें चार निज़ी क्षेत्र की और एक सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल है.गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते पेराई सत्र में कुल 19 सौ करोड़ रुपये कीमत के गन्ने की पेराई की गई थी.इसमें अवध शुगर मिल हरगांव ने 63219 लाख,सेक्सरिया शुगर मिल ने 46360 लाख,डालमियां शुगर मिल रामगढ़ ने 33980 लाख, डालमियां शुगर यूनिट जवाहरपुर ने 36327 लाख कीमत के गन्ने पेराई कर उसका भुगतान भी कर दिया है लेकिन दि किसान सहकारी चीनी मिल ने 10183 लाख रुपये कीमत के गन्ने की पेराई करने के बाद सिर्फ 1887 लाख रुपये का ही भुगतान किया है जबकि 8296 लाख रुपए का भुगतान अभी भी बकाया है.इस बकाया भुगतान के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


Conclusion:गन्ना भुगतान को लेकर जब जिला गन्ना अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि निज़ी क्षेत्र की चीनी मिलों ने तो भुगतान कर दिया है लेकिन सहकारी चीनी मिल का करीब 19 करोड़ रुपया बकाया है जिसके भुगतान के लिए कार्यवाही की जा रही है.

बाइट- संजय शिशोदिया (जिला गन्ना अधिकारी)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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