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सीतापुर: नवरात्र पर बंद रहे ललिता देवी मंदिर के कपाट, भक्तों को नहीं मिले मां के दर्शन

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में लॉक डाउन के चलते सभी मुख्य मंदिरोे को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण नवरात्र के पहले दिन लोग माता के दर्शन नही कर पाएंगे. वहीं जिले में सन्नाटा पसरा हुआ है.

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Published : Mar 25, 2020, 4:53 PM IST

temple closed due to lock down
लॉक डाउन के कारण मंदिर के कपाट बंद

सीतापुर: कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिन तक भारत में लॉक डाउन जारी किया गया है. इसके चलते नवरात्र के पर्व पर विश्वप्रसिद्ध नैमिषारण्य तीर्थ स्थित ललिता देवी मंदिर बंद रहा. वहीं जिले के दूसरे प्राचीन और प्रसिद्ध श्री संकटा देवी मंदिर भी बंद रहा.

महामारी कोरोना को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा लॉक डाउन की घोषणा के बाद से जिले में प्रमुख मंदिरों को बंद कर दिया गया. इस कारण नवरात्र के पहले दिन बुधवार को भक्तों को ललिता देवी के दर्शन करने को नही मिला. कोर्ट के रिसीवर अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इस मंदिर को बंद करने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद मंदिर में ताला लगाकर लोंगो का प्रवेश रोक दिया गया था.

दूसरी ओर महमूदाबाद स्थित प्राचीन संकटा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ताला लगा दिया गया था. वहीं वासंतिक नवरात्र के अवसर पर प्रतिवर्ष मंदिर पर 15 दिन का मेला कई दशकों से लगता आ रहा है. यह पहली बार है जब यह मेला नही लगेगा.

यह एहतियात कोरोना महामारी से बचाव के लिए बरती जा रही. सावधानी के चलते मंदिर के कपाट बंद किए गए है ताकि यहां लोगों का जमावड़ा न जमा हो. महामारी को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ और परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा.

सीतापुर: कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिन तक भारत में लॉक डाउन जारी किया गया है. इसके चलते नवरात्र के पर्व पर विश्वप्रसिद्ध नैमिषारण्य तीर्थ स्थित ललिता देवी मंदिर बंद रहा. वहीं जिले के दूसरे प्राचीन और प्रसिद्ध श्री संकटा देवी मंदिर भी बंद रहा.

महामारी कोरोना को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा लॉक डाउन की घोषणा के बाद से जिले में प्रमुख मंदिरों को बंद कर दिया गया. इस कारण नवरात्र के पहले दिन बुधवार को भक्तों को ललिता देवी के दर्शन करने को नही मिला. कोर्ट के रिसीवर अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इस मंदिर को बंद करने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद मंदिर में ताला लगाकर लोंगो का प्रवेश रोक दिया गया था.

दूसरी ओर महमूदाबाद स्थित प्राचीन संकटा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ताला लगा दिया गया था. वहीं वासंतिक नवरात्र के अवसर पर प्रतिवर्ष मंदिर पर 15 दिन का मेला कई दशकों से लगता आ रहा है. यह पहली बार है जब यह मेला नही लगेगा.

यह एहतियात कोरोना महामारी से बचाव के लिए बरती जा रही. सावधानी के चलते मंदिर के कपाट बंद किए गए है ताकि यहां लोगों का जमावड़ा न जमा हो. महामारी को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ और परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा.

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