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सीतापुर: प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों की स्थिति बदहाल बनी हुई है, जिससे शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

प्राथमिक विद्यालय.
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Published : Aug 9, 2019, 6:03 AM IST

सीतापुर: सरकार नौनिहालों की शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू कर चुकी है. बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाई जा रही है, लेकिन सीतापुर में शिक्षा व्यवस्था बदहाल देखने को मिल रही है. नगर में प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में सिर्फ दस फीसदी शिक्षकों के सहारे ही विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं.

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव.

इसे भी पढ़ें :- सीतापुर: संस्कृत विद्यालयों मे शिक्षकों का अभाव, 10 शिक्षकों के सहारे 13 विद्यालय

शिक्षक एक स्कूल अनेक-

  • सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
  • स्कूलों में करीब 500 शिक्षक के पद सृजित हैं, लेकिन सिर्फ 50 शिक्षक ही स्कूलों में तैनात रहते हैं.
  • एक शिक्षक के पास कई स्कूलों का चार्ज है, जिसके चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाता है.
  • शहर में 32 प्राथमिक और दस जूनियर हाईस्कूल विद्यालय संचालित हैं, जिसमें शिक्षकों के करीब कुल 200 पद सृजित है.
  • सबसे बुरा हाल खैराबाद नगर क्षेत्र का है. यहां 12 से अधिक प्राथमिक विद्यालय चलते हैं, जिसमें मात्र तीन कार्यरत शिक्षक हैं.
  • प्राथमिक शिक्षा के संघ ने शिक्षकों के समायोजन की मांग की है, जिससे सुचारू रूप से विद्यालय संचालित किया जा सके.

सीतापुर: सरकार नौनिहालों की शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू कर चुकी है. बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाई जा रही है, लेकिन सीतापुर में शिक्षा व्यवस्था बदहाल देखने को मिल रही है. नगर में प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में सिर्फ दस फीसदी शिक्षकों के सहारे ही विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं.

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव.

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शिक्षक एक स्कूल अनेक-

  • सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
  • स्कूलों में करीब 500 शिक्षक के पद सृजित हैं, लेकिन सिर्फ 50 शिक्षक ही स्कूलों में तैनात रहते हैं.
  • एक शिक्षक के पास कई स्कूलों का चार्ज है, जिसके चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाता है.
  • शहर में 32 प्राथमिक और दस जूनियर हाईस्कूल विद्यालय संचालित हैं, जिसमें शिक्षकों के करीब कुल 200 पद सृजित है.
  • सबसे बुरा हाल खैराबाद नगर क्षेत्र का है. यहां 12 से अधिक प्राथमिक विद्यालय चलते हैं, जिसमें मात्र तीन कार्यरत शिक्षक हैं.
  • प्राथमिक शिक्षा के संघ ने शिक्षकों के समायोजन की मांग की है, जिससे सुचारू रूप से विद्यालय संचालित किया जा सके.
Intro:सीतापुर: सरकार भले ही नौनिहालों की शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू कर चुकी है और बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए स्कूल चलो अभियान चला रही है लेकिन सीतापुर में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर देखने को मिल रही है.आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां नगर क्षेत्र के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल सिर्फ दस फीसदी शिक्षकों के सहारे ही संचालित किये जा रहे हैं.सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.


Body:बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक एवं जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों में शिक्षकों के अभाव ने शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है.पूरे जिले में नगर क्षेत्र के स्कूलों में करीब 5 सौ पद सृजित हैं जिसके सापेक्ष सिर्फ 50 शिक्षक ही मौजूदा समय में इन स्कूलों में तैनात हैं.एक-एक शिक्षक के पास कई-कई स्कूलों का चार्ज है जिसके चलते इन स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से संचालित नही हो पा रहा है.




Conclusion:विभागीय जानकारी के अनुसार सीतापुर शहर में 32 प्राथमिक और दस जूनियर हाईस्कूल विद्यालय संचालित है जिसमें शिक्षकों के करीब कुल 200 पद सृजित है जबकि प्राथमिक में 32 और जूनियर हाईस्कूल में 16 इस प्रकार कुल 48 शिक्षक ही तैनात हैं.
नगर क्षेत्र बिसवां में 10 प्राथमिक और 2 जूनियर हाईस्कूल संचालित है लेकिन प्राथमिक में सिर्फ पांच और जूनियर में सिर्फ एक टीचर ही तैनात है.
नगर क्षेत्र मिश्रिख में 8 प्राइमरी और 5 जूनियर हाईस्कूल संचालित है जबकि प्राइमरी में 4 और जूनियर में सिर्फ 2 टीचर ही नियुक्त हैं. सबसे बुरा हाल खैराबाद नगर क्षेत्र का है.यहां एक दर्जन प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं जिसमें मात्र 3 शिक्षक है जबकि 4 जूनियर हाईस्कूलों में मात्र एक ही शिक्षक तैनात है.प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस स्थिति पर रोष व्यक्त करते हुए इन रिक्त पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षकों के समायोजन की मांग की है ताकि स्कूलों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

बाइट-रविन्द्र दीक्षित (मंत्री-प्राथमिक शिक्षक संघ)
बाइट-अजय कुमार (बीएसए)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887

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