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जमीन विवाद निपटाने के लिए सीतापुर में शुरू हुआ खतौनी पुनरीक्षण अभियान - लेखपाल

यूपी के सीतापुर में उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. 15 दिसंबर से शुरू किया गया यह अभियान 15 फरवरी 2021 तक चलेगा.

विनय कुमार पाठक, अपर जिलाधिकारी
विनय कुमार पाठक, अपर जिलाधिकारी
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Published : Dec 17, 2020, 2:13 PM IST

सीतापुर: जिले में मृतक के उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस अभियान से जमीन विवाद में कमी आएगी. सीतापुर जिले में बीते 15 दिसंबर से यह अभियान शुरू किया जा चुका है, जो कि 15 फरवरी 2021 तक चलेगा.

अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक ने बताया कि राजस्व गांवों में राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. साथ ही खतौनियों के पढ़े जाने के साथ-साथ लेखपाल द्वारा वरासत के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरे जाने की कार्रवाई की जा रही है. जिससे मृतक को चिन्हित करके उनके उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज किए जाएंगे.

अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक ने बताया कि 31 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश दिनांक 29 अक्टूबर 2018 में दी गयी व्यवस्था में लेखपाल द्वारा ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. 16 जनवरी से 21 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा इस परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था के अनुसार कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि कार्यालय राजस्व निरीक्षक द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जायेगा.

01 फरवरी 2021 से 07 फरवरी 2021 तक अभियान चलाकर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है. 08 फरवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में से किसी गांव को चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों और अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच कराई जाएगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा तो नहीं है.

31 दिसम्बर 2020, 17 जनवरी 2021 और 02 फरवरी 2021 को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड करना होगा. 20 फरवरी 2021 तक जनपदों द्वारा परिषद को निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाने की समय सीमा निर्धारित है.

शासन के इन निर्देशों पर जिले की समस्त 7 तहसीलों में 2373 ग्रामों का तहसील स्तर पर ग्रामवार भ्रमण कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है. चयनित राजस्व गांवों में पिछले दो दिनों से राजस्व/तहसील अधिकारियों गांवों में भ्रमण/कैम्प लगाकर प्रचार-प्रसार तथा खतौनियों को पढ़कर मृतक खातेदारों को चिन्हित कर मृतक के वारिसों से लेखपाल द्वारा वरासत के लिए आवेदन प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है. यह अभियान 15 फरवरी तक चलेगा.

सीतापुर: जिले में मृतक के उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस अभियान से जमीन विवाद में कमी आएगी. सीतापुर जिले में बीते 15 दिसंबर से यह अभियान शुरू किया जा चुका है, जो कि 15 फरवरी 2021 तक चलेगा.

अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक ने बताया कि राजस्व गांवों में राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. साथ ही खतौनियों के पढ़े जाने के साथ-साथ लेखपाल द्वारा वरासत के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरे जाने की कार्रवाई की जा रही है. जिससे मृतक को चिन्हित करके उनके उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज किए जाएंगे.

अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक ने बताया कि 31 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश दिनांक 29 अक्टूबर 2018 में दी गयी व्यवस्था में लेखपाल द्वारा ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. 16 जनवरी से 21 जनवरी 2021 तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा इस परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था के अनुसार कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि कार्यालय राजस्व निरीक्षक द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जायेगा.

01 फरवरी 2021 से 07 फरवरी 2021 तक अभियान चलाकर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है. 08 फरवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में से किसी गांव को चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों और अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जांच कराई जाएगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा तो नहीं है.

31 दिसम्बर 2020, 17 जनवरी 2021 और 02 फरवरी 2021 को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड करना होगा. 20 फरवरी 2021 तक जनपदों द्वारा परिषद को निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाने की समय सीमा निर्धारित है.

शासन के इन निर्देशों पर जिले की समस्त 7 तहसीलों में 2373 ग्रामों का तहसील स्तर पर ग्रामवार भ्रमण कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है. चयनित राजस्व गांवों में पिछले दो दिनों से राजस्व/तहसील अधिकारियों गांवों में भ्रमण/कैम्प लगाकर प्रचार-प्रसार तथा खतौनियों को पढ़कर मृतक खातेदारों को चिन्हित कर मृतक के वारिसों से लेखपाल द्वारा वरासत के लिए आवेदन प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है. यह अभियान 15 फरवरी तक चलेगा.

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