सीतापुर: गम्भीर गर्भवती महिलाओं को अब अपने इलाज के लिए लखनऊ नहीं भागना पड़ेगा, उन्हें जिला महिला चिकित्सालय में ही इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. इसके लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से हाई डिपेंडेंसी यूनिट की स्थापना की जा रही है. सूबे के सिर्फ चार जिला महिला चिकित्सालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह यूनिट स्थापित की जा रही है. इसके सफल प्रयोग के बाद दूसरे अस्पतालों में इसे लागू किया जाएगा.
जिला महिला चिकित्सालय के इमरजेंसी में स्थित पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) की स्थापना की जा रही है. एनएचएम के तहत गंभीर गर्भवती महिलाओं को बेहतर इलाज़ देने के लिए यह सुविधा शुरू की जा रही है, जिसमें छह बेड होंगे. महिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, औसतन 75 गर्भवती महिलाएं रोजाना जिला महिला अस्पताल पहुंचती हैं. इनमें से 3 प्रतिशत केस गंभीर प्रकृति के होते हैं, जिन्हें इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया जाता है. ऐसे मरीजों के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट की जरूरत थी, जो अब पूरी होने जा रही है.
जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. सुषमा कर्णवाल के अनुसार, गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कमी लाने में यह यूनिट काफी सहायक सिद्ध होगी. एनएचएम के तहत इस यूनिट में 4 मेडिकल अफसरों, 16 स्टाफ नर्स, एक मॉनिटर इबैलुवेशन ऑफिसर और 4 डॉक्टर नियुक्त किये जाएंगे. फिलहाल प्रदेश के चार जिलों में यह प्रयोग शुरू किया जा रहा है और इसकी सफलता के बाद इसे दूसरे अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा.