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सीतापुर: शहर में आग लगी तो मुश्किल होगा रोकना, वर्षो से खराब पड़े है फायर हाइड्रेंट - 46 हाइड्रेंट क्रियाशील

शहर में आग की घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से स्थापित किये गए अधिकांश फायर हाइड्रेंट खराब पड़े हैं. ऐसे में यदि शहर के भीतर अग्निकांड की कोई बड़ी घटना हो जाती है तो उस पर काबू पाना आसान नहीं होगा. फायर ब्रिगेड ने इन फायर हाइड्रेंट को दुरुस्त कराने और नए हाइड्रेंट की स्थापना के लिए नगर पालिका प्रशासन को कई बार पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

शहर में आग लगी तो मुश्किल होगा रोकना
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Published : Jun 2, 2019, 10:26 AM IST

सीतापुर: शहरी इलाके में आगजनी की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की टीम को तत्काल पानी मुहैया कराने के मकसद से नगर पालिका ने फायर हाइड्रेंट की स्थापना की थी. शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर यह फायर हाइड्रेंट लगाए गए थे. यह व्यवस्था काफी पुराने समय से लागू है. उस दौर में यह फायर हाइड्रेंट काफी प्रभावी ढंग से कम करते थे लेकिन समय बदलने के साथ ही इन फायर हाइड्रेंट को उपेक्षित कर दिया गया है.

शहर में आग लगी तो मुश्किल होगा रोकना

फायर हाइड्रेंट के बिगड़ने के बाद इनकी मरम्मत में लापरवाही की गई है. पूरे शहर में करीब 48 फायर हाइड्रेंट स्थापित हैं. नगर पालिका के मुताबिक इनमें 46 हाइड्रेंट क्रियाशील हैं और सिर्फ 2 फायर हाइड्रेंट ही निष्क्रिय हैं. जबकि फायरब्रिगेड के मुताबिक ये सभी फायर हाइड्रेंट किसी काम के नहीं हैं.

ये सारे फायर हाइड्रेंट अनुपयोगी हैं जरूरत पड़ने पर इनसे कोई मदद सम्भव नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि इन्हें दुरुस्त कराने और नए फायर हाइड्रेंट स्थापित करने के लिए नगर पालिका से कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला है.
एनपी सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

सीतापुर: शहरी इलाके में आगजनी की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की टीम को तत्काल पानी मुहैया कराने के मकसद से नगर पालिका ने फायर हाइड्रेंट की स्थापना की थी. शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर यह फायर हाइड्रेंट लगाए गए थे. यह व्यवस्था काफी पुराने समय से लागू है. उस दौर में यह फायर हाइड्रेंट काफी प्रभावी ढंग से कम करते थे लेकिन समय बदलने के साथ ही इन फायर हाइड्रेंट को उपेक्षित कर दिया गया है.

शहर में आग लगी तो मुश्किल होगा रोकना

फायर हाइड्रेंट के बिगड़ने के बाद इनकी मरम्मत में लापरवाही की गई है. पूरे शहर में करीब 48 फायर हाइड्रेंट स्थापित हैं. नगर पालिका के मुताबिक इनमें 46 हाइड्रेंट क्रियाशील हैं और सिर्फ 2 फायर हाइड्रेंट ही निष्क्रिय हैं. जबकि फायरब्रिगेड के मुताबिक ये सभी फायर हाइड्रेंट किसी काम के नहीं हैं.

ये सारे फायर हाइड्रेंट अनुपयोगी हैं जरूरत पड़ने पर इनसे कोई मदद सम्भव नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि इन्हें दुरुस्त कराने और नए फायर हाइड्रेंट स्थापित करने के लिए नगर पालिका से कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला है.
एनपी सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

Intro:सीतापुर: शहर में आग की घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से स्थापित किये गए अधिकांश फायर हाइड्रेंट खराब पड़े हैं ऐसे में यदि शहर के भीतर अग्निकांड की कोई बड़ी घटना हो जाती है तो उस पर काबू पाना आसान नहीं होगा.फायर ब्रिगेड ने इन फायर हाइड्रेंट को दुरुस्त कराने और नए हाइड्रेंट की स्थापना के लिए नगर पालिका प्रशासन को कई बार पत्र लिखा है लेकिन अभी तक उस पर कोई संज्ञान नही लिया गया है.

शहरी इलाके में आगजनी की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की टीम को तत्काल पानी मुहैया कराने के मकसद से नगर पालिका द्वारा फायर हाइड्रेंट की स्थापना की गई थी. शहर के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर यह फायर हाइड्रेंट लगाए गए थे.यह व्यवस्था काफी पुराने समय से लागू है.उस दौर में यह फायर हाइड्रेंट काफी प्रभावी ढंग से कम करते थे लेकिन समय बदलने के साथ ही इन फायर हाइड्रेंट को उपेक्षित कर दिया गया.बिगड़ने के बाद इनकी मरम्मत में लापरवाही की गई तो कई स्थानों पर निर्माण कार्य के दौरान इनके वजूद को ही खत्म कर दिया गया.

इस बाबत जानकारी करने पर पता चला कि पूरे शहर में करीब 48 फायर हाइड्रेंट स्थापित है.नगर पालिका के मुताबिक इनमें 46 हाइड्रेंट क्रियाशील है जबकि सिर्फ 2 फायर हाइड्रेंट ही निष्क्रिय है जबकि अग्निशमन विभाग का कहना है कि ये सारे फायर हाइड्रेंट अनुपयोगी है जरूरत पड़ने पर इनसे कोई मदद सम्भव नहीं है.उन्होंने यह भी बताया कि इन्हें दुरुस्त कराने और नए फायर हाइड्रेंट स्थापित करने के लिए नगर पालिका से कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अभी तक कोई रिस्पांस नही मिला है.


गौरतलब है कि इन दिनों गर्मी के सबाब पर होने के कारण अग्निकांडो का दौर चल रहा है ऐसे में यदि दुर्भाग्यवश शहर के भीतर अग्निकांड की कोई दुर्घटना हो जाती है तो इन हाइड्रेंट से कोई मदद मुमकिन नहीं है और यदि वैकल्पिक इंतजामो में कोई कमी रही तो आग से होने वाले नुकसान को रोक पाना काफी मुश्किल होगा.

बाइट-एन. पी.सिंह (मुख्य अग्निशमन अधिकारी)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887



Body:दमकल गाड़ियों को पानी देने के लिए स्थापित किये गए थे फायर हाइड्रेंट


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