सीतापुर: बिसवां इलाके में गैस रिसाव से हुई सात लोगों की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है. केमिकल और दरी फैक्ट्रियों के पंजीकरण की जांच के लिए जांच कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी फैक्ट्री की तरफ से कितना मानकों का पालन कर रही थी, इस बात की भी जांच करेगी.
जिले के बिसवां इलाके को औद्योगिक नगरी के रूप में पहचाना जाता है. इस पूरे इलाके में तमाम ऐसी औद्योगिक इकाइयां हैं, जो नियमो की अनदेखी कर संचालित की जाती हैं. वहीं जिम्मेदार अधिकारी उन पर कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं. जब कोई बड़ा हादसा होता है तब जांच की औपचारिकता निभाकर उसे ठंठे बस्ते में डाल दिया जाता है. ताजा मामले में भी जिस तरह केमिकल के उत्सर्जन की कोई व्यवस्था मौके पर नहीं दिखाई दी. इससे दरी फैक्ट्री के संचालन को प्रथमदृष्टया अनियमित माना जा रहा है.
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वहीं मौके का जायजा लेने पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि दरी और केमिकल फैक्ट्री दोनों आसपास हैं. दरी फैक्ट्री में भी डाई का काम किया जाता था, जबकि केमिकल फैक्ट्री में केमिकल की लोडिंग-अनलोडिंग का काम होता था. इन फैक्ट्रियों के पास लाइसेंस के साथ प्रदूषण विभाग की अनुमति थी अथवा नहीं, इस बारे में अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता लग सकेगा. ऐसे में फैक्ट्रियों के संचालन पर सवाल उठना लाजमी है.