ETV Bharat / state

सीतापुरः नैमिषारण्य के विकास के लिए सरकार की घोषणाओं का संतों ने किया स्वागत - नैमिषारण्य का विकास

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित अष्टम वैकुण्ठ नैमिषारण्य के विकास के लिए योगी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का संत-महात्माओं ने स्वागत किया. विकास के तहत नैमिषारण्य में लगने वाले मेले को प्रान्तीयकरण कर दिया गया और नैमिष विकास परिषद का गठन किया जाएगा.

अष्टम वैकुण्ठ नैमिषारण्य सीतापुर.
author img

By

Published : Sep 23, 2019, 10:50 PM IST

सीतापुर: जिले में स्थित 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य को योगी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का संत-महात्माओं ने स्वागत किया. दरअसल सरकार ने नैमिषारण्य में लगने वाले मेले को प्रान्तीयकरण का दर्जा दे दिया है और वहीं नैमिषारण्य के सर्वांगीण विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन की घोषणा की गई है.

अष्टम वैकुण्ठ नैमिषारण्य का होगा विकास.

इसे भी पढ़ें- नैमिषारण्य को मिला है नाभि गया का दर्जा, पिंडदान करने से पितरों को मिलता है मोक्ष

नैमिषारण्य का सर्वांगीण विकास
राजधानी से सटे सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य तीर्थ का काफी प्राचीन और पौराणिक महत्व है. इसे सतयुग का तीर्थ और अष्टम वैकुण्ठ कहा जाता है. इस तीर्थ स्थल के विकास की मांग लम्बे समय से की जाती रही है.

करीब डेढ़ वर्ष पहले नैमिषारण्य के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तीर्थ के विकास के लिए अनेक मांगे की गई थी. उन्हीं पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यहां के मेले को प्रान्तीयकरण कर दिया और इस धार्मिक स्थल के विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया है. इन घोषणाओं के बाद नैमिषारण्य के संत महात्माओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है.

यहां आने वाले श्रद्धालुओं को यदि बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाय तो नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा हो सकेगा.
-देवी प्रसाद तिवारी, पुरोहित

सीतापुर: जिले में स्थित 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य को योगी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का संत-महात्माओं ने स्वागत किया. दरअसल सरकार ने नैमिषारण्य में लगने वाले मेले को प्रान्तीयकरण का दर्जा दे दिया है और वहीं नैमिषारण्य के सर्वांगीण विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन की घोषणा की गई है.

अष्टम वैकुण्ठ नैमिषारण्य का होगा विकास.

इसे भी पढ़ें- नैमिषारण्य को मिला है नाभि गया का दर्जा, पिंडदान करने से पितरों को मिलता है मोक्ष

नैमिषारण्य का सर्वांगीण विकास
राजधानी से सटे सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य तीर्थ का काफी प्राचीन और पौराणिक महत्व है. इसे सतयुग का तीर्थ और अष्टम वैकुण्ठ कहा जाता है. इस तीर्थ स्थल के विकास की मांग लम्बे समय से की जाती रही है.

करीब डेढ़ वर्ष पहले नैमिषारण्य के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तीर्थ के विकास के लिए अनेक मांगे की गई थी. उन्हीं पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यहां के मेले को प्रान्तीयकरण कर दिया और इस धार्मिक स्थल के विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया है. इन घोषणाओं के बाद नैमिषारण्य के संत महात्माओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है.

यहां आने वाले श्रद्धालुओं को यदि बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाय तो नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा हो सकेगा.
-देवी प्रसाद तिवारी, पुरोहित

Intro:सीतापुर: 88 हज़ार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य के लिए योगी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का संत-महात्माओं ने स्वागत किया है.सरकार ने यहां लगने वाले मेले को प्रान्तीयकरण का दर्जा दिया है वहीं नैमिषारण्य के सर्वांगीण विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन की घोषणा की है.सरकार की इस घोषणा से लोगों में काफी ख़ुशी है.


Body:सूबे की राजधानी से सटे सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य तीर्थ का काफी प्राचीन और पौराणिक महत्व है. इसे सतयुग का तीर्थ और अष्टम वैकुण्ठ कहा जाता है.इस तीर्थ के विकास की लम्बे समय से मांग की जाती रही है.करीब डेढ़ वर्ष पहले नैमिषारण्य के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तीर्थ के विकास के लिए अनेक मांगे की गई थी. उन्ही पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यहां के मेले कर प्रान्तीयकरण दिया है और नैमिषारण्य के विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन लिए प्रशासन से प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया है.जिले के दौरे पर आयी प्रभारी मंत्री की इन घोषणाओं के बाद नैमिषारण्य के संत महात्माओं में खुशी की लहर दौड़ गई है.


Conclusion:चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष एवं पहला आश्रम के महंत भरतदास ने इसका स्वागत करते हुए इनका जल्द कियान्वयन शुरू करने की मांग की है. इसी प्रकार अन्य पुरोहितों ने भी नैमिष के विकास के प्रति सरकार की पहल का स्वागत करते हुए मांग की है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को यदि बेहतर सुविधाएं मुहैय्या कराई जाय तो नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और इज़ाफ़ा हो सकेगा. बाइट-महंत भरतदास(अध्यक्ष-चौरासी कोसीय परिक्रमा समिति) बाइट-देवी प्रसाद तिवारी (पुरोहित) बाइट- उदय नारायण दीक्षित (पुरोहित) सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.