सीतापुर: जिले में स्थित 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य को योगी सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का संत-महात्माओं ने स्वागत किया. दरअसल सरकार ने नैमिषारण्य में लगने वाले मेले को प्रान्तीयकरण का दर्जा दे दिया है और वहीं नैमिषारण्य के सर्वांगीण विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन की घोषणा की गई है.
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नैमिषारण्य का सर्वांगीण विकास
राजधानी से सटे सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य तीर्थ का काफी प्राचीन और पौराणिक महत्व है. इसे सतयुग का तीर्थ और अष्टम वैकुण्ठ कहा जाता है. इस तीर्थ स्थल के विकास की मांग लम्बे समय से की जाती रही है.
करीब डेढ़ वर्ष पहले नैमिषारण्य के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तीर्थ के विकास के लिए अनेक मांगे की गई थी. उन्हीं पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यहां के मेले को प्रान्तीयकरण कर दिया और इस धार्मिक स्थल के विकास के लिए नैमिष विकास परिषद के गठन के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया है. इन घोषणाओं के बाद नैमिषारण्य के संत महात्माओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है.
यहां आने वाले श्रद्धालुओं को यदि बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाय तो नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा हो सकेगा.
-देवी प्रसाद तिवारी, पुरोहित