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सीतापुर: चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज, किसानों के लिए की गई खास तैयारियां - sugarcane farmers

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पांच चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज हो गया है. इस बार 239 गन्ना क्रय केन्द्र निर्धारित किये गए हैं और हरगांव चीनी मिल की क्षमता में वृद्धि की गई है.

गन्ना किसानों के लिए प्रशासन ने कि खास तैयारियां.
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Published : Nov 11, 2019, 12:11 PM IST

सीतापुर: जिले की पांच चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज हो गया है. इसी के साथ गन्ना विभाग ने भी किसानों के लिए कमर कस ली है. गन्ना पर्चियों से लेकर मूल्य भुगतान के लिए पारदर्शी व्यवस्था को लागू किया जा रहा है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए पूर्व के सिस्टम में भी कुछ बदलाव किये गए हैं.

गन्ना किसानों के लिए प्रशासन ने कि खास तैयारियां.
इसे भी पढ़ें-जानिए कहां निकाला जाता है हर साल तिरंगे के साथ बारावफात का जुलूस

5 चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज
जिले में पांच चीनी मिलें हैं. इनमें निजी क्षेत्र यानी की डालमियां ग्रुप की जवाहरपुर और रामगढ़, बिरला ग्रुप की हरगांव चीनी मिल, सेक्सरिया ग्रुप की बिसवां चीनी मिल और सहकारी क्षेत्र की एकमात्र महमूदाबाद चीनी मिल है. इस बार बिरला ग्रुप की हरगांव चीनी मिल की क्षमता में वृद्धि कर दी गई है. 10 हजार टीसीडी की क्षमता तय करते हुए 590 लाख कुन्तल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

गन्ना पर्ची वितरण की व्यवस्था
इस बार पूरे जिले में 239 गन्ना क्रय केन्द्र निर्धारित किये गए हैं. इसके अलावा गन्ना पर्ची वितरण की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है. किसानों का सम्पूर्ण ब्यौरा सॉफ्टवेयर पर लोड कर दिया गया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. समितियों में कर्मचारियों की संख्या कम होने के चलते वहां अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि पर्चियों के काम में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो.

सीतापुर: जिले की पांच चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज हो गया है. इसी के साथ गन्ना विभाग ने भी किसानों के लिए कमर कस ली है. गन्ना पर्चियों से लेकर मूल्य भुगतान के लिए पारदर्शी व्यवस्था को लागू किया जा रहा है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए पूर्व के सिस्टम में भी कुछ बदलाव किये गए हैं.

गन्ना किसानों के लिए प्रशासन ने कि खास तैयारियां.
इसे भी पढ़ें-जानिए कहां निकाला जाता है हर साल तिरंगे के साथ बारावफात का जुलूस

5 चीनी मिलों में पेराई सत्र का आगाज
जिले में पांच चीनी मिलें हैं. इनमें निजी क्षेत्र यानी की डालमियां ग्रुप की जवाहरपुर और रामगढ़, बिरला ग्रुप की हरगांव चीनी मिल, सेक्सरिया ग्रुप की बिसवां चीनी मिल और सहकारी क्षेत्र की एकमात्र महमूदाबाद चीनी मिल है. इस बार बिरला ग्रुप की हरगांव चीनी मिल की क्षमता में वृद्धि कर दी गई है. 10 हजार टीसीडी की क्षमता तय करते हुए 590 लाख कुन्तल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

गन्ना पर्ची वितरण की व्यवस्था
इस बार पूरे जिले में 239 गन्ना क्रय केन्द्र निर्धारित किये गए हैं. इसके अलावा गन्ना पर्ची वितरण की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है. किसानों का सम्पूर्ण ब्यौरा सॉफ्टवेयर पर लोड कर दिया गया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. समितियों में कर्मचारियों की संख्या कम होने के चलते वहां अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि पर्चियों के काम में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो.
Intro:सीतापुर: पांच चीनी मिलों वाले सीतापुर में चीनी मिलों के पेराई सत्र का सिलसिला शुरू हो गया है.इसी के साथ गन्ना विभाग ने भी किसानों के लिए कमर कस ली है.गन्ना पर्चियों से लेकर मूल्य भुगतान के लिए पारदर्शी व्यवस्था को लागू किया जा रहा है ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए पूर्व के सिस्टम में भी कुछ बदलाव किये गए हैं.


Body:सीतापुर में पांच चीनी मिलें है.इनमें निजी क्षेत्र यानीकि डालमियां ग्रुप की जवाहरपुर और रामगढ़,बिरला ग्रुप की हरगांव चीनी मिल,सेक्सरिया ग्रुप की बिसवां चीनी मिल और सहकारी क्षेत्र की एकमात्र महमूदाबाद चीनी मिल है.इस बार हरगांव चीनी मिल की क्षमता में व्रद्धि कर दस हजार टीसीडी की क्षमता तय करते हुए 590 लाख कुन्तल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

जिला गन्ना अधिकारी ने ईटीवी को खास बातचीत में बताया कि इस बार पूरे जिले में 239 गन्ना क्रय केन्द्र निर्धारित किये गए हैं. इसके अलावा गन्ना पर्ची वितरण की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है.किसानो का सम्पूर्ण ब्यौरा सॉफ्टवेयर पर लोड कर दिया गया है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. समितियों में भी कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण वहां भी अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है ताकि पर्चियों के काम मे किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो.




Conclusion:बाइट-संजय सिसोदिया (जिला गन्ना अधिकारी)

सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की रिपोर्ट,9415084887
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