सीतापुर: सपा सरकार में करोड़ो रूपये की लागत से बनवाये गए शहर के प्रमुख चौराहे बदहाली का शिकार हैं. इनका सौंदर्यीकरण पूरी तरह से खत्म हो चुका है. अब इन्हें पहचान के लिए वेंटिलेटर की जरूरत है. नगर पालिका ने इनकी बदहाली को देखते हुए इनकी मरम्मत कराकर इन्हें बेहतर ढंग से सुसज्जित करने का निर्णय लिया है.
घटिया निर्माण के शिकार चौराहे...
- वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान सीतापुर को मॉडल सिटी बनाने की घोषणा की गई थी.
- घोषणा के तहत शहर के प्रमुख चौराहों के सौंदर्यीकरण का खाका तैयार किया गया था.
- शहर के रोडवेज बस स्टेशन, लालबाग चौराहा, जीआईसी चौराहा और जिला अस्पताल चौराहा के सौंदर्यीकरण के लिए करीब ढाई करोड़ का बजट आवास विकास परिषद को दिया गया था.
- आवंटित धनराशि से इन चौराहों को तैयार कर फव्वारे आदि से सुसज्जित किया गया था.
- अस्पताल चौराहे के काम सिर्फ चबूतरा बनने तक ही सीमित रहा था, जबकि अन्य चौराहे रेलिंग आदि के साथ तैयार कर दिए गए थे.
घटिया निर्माण एवं समुचित देख रेख के अभाव में यह चौराहे कुछ ही दिनों में बदहाली का शिकार हो गए. रेलिंग टूट गयी और फव्वारों से पानी निकलना बंद हो गया. मौजूदा स्थिति में उनके भीतर गंदगी जमा हो गई है और अब उनकी स्थिति में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है.
कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद को हमने कई नोटिसें जारी की हैं, लेकिन वहां से कोई सटीक जवाब न मिलने के कारण नगर पालिका बोर्ड ने इन चौराहों को स्वयं ही दुरुस्त कराने का निर्णय लिया है. इनके कटे हुए विद्युत कनेक्शन पुनः जुड़वा दिये गए हैं और जल्द ही इनके सौंदर्यीकरण का काम पूरा कर दिया जाएगा. इस पूरे काम मे जो भी खर्च आएगा उसे आवास विकास परिषद से वसूला जायेगा.
राधेश्याम जायसवाल, चेयरमैन-नगर पालिका परिषद