सीतापुर : समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान शनिवार रात 8 बजकर 50 मिनट पर सीतापुर जेल से रिहा कर दिए गये. करीब 23 महीने तक जेल में रहने के बाद आज अब्दुल्ला आजम खान को रिहा किया गया है. अब्दुल्ला आजम खान को सभी मामलों में रामपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है.
बता दें, गलत जन्म प्रमाणपत्र के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी छीन ली थी. अब्दुल्ला आजम खान फरवरी 2020 से ही सीतापुर जेल में बंद थे. हालांकि, रिहाई के बाद वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं, अभी इस पर सस्पेंस बना है. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अब्दुल्ला को टिकट दे सकती है.
अब्दुल्ला आजम पर 43 मुकदमें दर्ज हुए थे और सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. तीन मामलों में रिहाई के परवाने भी सीतापुर जेल भेज दिए गए थे. जिसके बाद कागजी औपचारिकता पूरा करने के बाद शनिवार 8.50 पर सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया. अब सवाल उठता है कि जब अब्दुल्ला आजम के ऊपर कई आपराधिक मामले लंबित हैं, तो क्या वह चुनाव लड़ने के योग्य हैं ?
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आज की तारीख में अब्दुल्ला आजम के ऊपर चल रहे मुकदमों के जो हालात हैं, उसके मुताबिक उनके चुनाव लड़ने पर कोई पाबंदी नहीं होगी. उन्हें अभी तक किसी भी आपराधिक मुकदमे में सजा नहीं हुई है. सभी ट्रायल में हैं और सब में गवाही चल रही है. गलत जन्म प्रमाणपत्र देने का मामला उन पर जरूर साबित हुआ था, जिसके चलते 16 दिसंबर 2019 को उनकी विधायकी चली गयी थी. लेकिन, इससे उनके चुनाव लड़ने पर कोई पाबंदी नहीं लगेगी. ये मामला सिविल का था न कि फौजदारी का.
बता दें, रामपुर की स्वार सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खां ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ इलेक्शन पिटीशन दाखिल की थी. पिटीशन नंबर 8/2017 के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को उनकी सदस्यता रद्द करने के आदेश दिये थे. उनके ऊपर अपनी उम्र छिपाने के आरोप सही साबित हुए थे. आरोप था कि जब 2017 का चुनाव अब्दुल्ला आजम ने लड़ा था, तब उनकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी.
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