सीतापुर : जिले में एंटी रेबीज इंजेक्शन्स का अभाव है, जिसके चलते मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण मरीज जिला अस्पताल पर ही निर्भर रहते हैं. अब जिला अस्पताल में भी मरीजों को यही परेशानी झेलनी पड़ रही है.
एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर कुत्ता काटने की स्थिति में लगने वाला एंटी रेबीज इंजेक्शन का अभाव है. लिहाजा मरीजों को जिला अस्पताल की शरण लेनी पड़ रही है. इंजेक्शन लगवाने की जद्दोजहद में जुटे मरीजों का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं. वहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा है.
यहां इंजेक्शन लगवाने में आनाकानी की जा रही है और सिर्फ एक डोज लगाकर उन्हें बाकी की डोज उन्हें सीएचसी पर लगवाने की सलाह दी जा रही है. ऐसी स्थिति में उन्हें बाजार से इंजेक्शन खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इस संबंध में जब प्रभारी सीएमएस से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास सिर्फ 340 इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है.
ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को सीएचसी पर इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था है लेकिन वहां इंजेक्शन न लगने के कारण मरीजों का बोझ जिला अस्पताल पर पड़ रहा है. यहां एक डोज लगाकर बाकी डोज सीएचसी पर लगवाने के लिए भेजा जा रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.