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सीतापुर : जिला अस्पताल में नहीं उपलब्ध हैं एंटी रेबीज के इंजेक्शन, स्वास्थ्य विभाग बना लापरवाह

सीतापुर में एंटी रेबीज इंजेक्शन न होने से अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां अस्पताल में इसको लेकर मरीजों की कतार लगी रहती है, लेकिन इंजेक्शन नहीं उपलब्ध नहीं रहता है.

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Published : Mar 18, 2019, 9:41 PM IST

सीतापुर : जिले में एंटी रेबीज इंजेक्शन्स का अभाव है, जिसके चलते मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण मरीज जिला अस्पताल पर ही निर्भर रहते हैं. अब जिला अस्पताल में भी मरीजों को यही परेशानी झेलनी पड़ रही है.

एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर कुत्ता काटने की स्थिति में लगने वाला एंटी रेबीज इंजेक्शन का अभाव है. लिहाजा मरीजों को जिला अस्पताल की शरण लेनी पड़ रही है. इंजेक्शन लगवाने की जद्दोजहद में जुटे मरीजों का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं. वहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा है.

यहां इंजेक्शन लगवाने में आनाकानी की जा रही है और सिर्फ एक डोज लगाकर उन्हें बाकी की डोज उन्हें सीएचसी पर लगवाने की सलाह दी जा रही है. ऐसी स्थिति में उन्हें बाजार से इंजेक्शन खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इस संबंध में जब प्रभारी सीएमएस से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास सिर्फ 340 इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है.

जिला अस्पताल में नहीं लग पा रहे एंटी रेबीज के इन्जेक्शन.

ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को सीएचसी पर इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था है लेकिन वहां इंजेक्शन न लगने के कारण मरीजों का बोझ जिला अस्पताल पर पड़ रहा है. यहां एक डोज लगाकर बाकी डोज सीएचसी पर लगवाने के लिए भेजा जा रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

सीतापुर : जिले में एंटी रेबीज इंजेक्शन्स का अभाव है, जिसके चलते मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण मरीज जिला अस्पताल पर ही निर्भर रहते हैं. अब जिला अस्पताल में भी मरीजों को यही परेशानी झेलनी पड़ रही है.

एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सीएचसी और पीएचसी पर कुत्ता काटने की स्थिति में लगने वाला एंटी रेबीज इंजेक्शन का अभाव है. लिहाजा मरीजों को जिला अस्पताल की शरण लेनी पड़ रही है. इंजेक्शन लगवाने की जद्दोजहद में जुटे मरीजों का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं. वहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा है.

यहां इंजेक्शन लगवाने में आनाकानी की जा रही है और सिर्फ एक डोज लगाकर उन्हें बाकी की डोज उन्हें सीएचसी पर लगवाने की सलाह दी जा रही है. ऐसी स्थिति में उन्हें बाजार से इंजेक्शन खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इस संबंध में जब प्रभारी सीएमएस से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास सिर्फ 340 इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है.

जिला अस्पताल में नहीं लग पा रहे एंटी रेबीज के इन्जेक्शन.

ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को सीएचसी पर इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था है लेकिन वहां इंजेक्शन न लगने के कारण मरीजों का बोझ जिला अस्पताल पर पड़ रहा है. यहां एक डोज लगाकर बाकी डोज सीएचसी पर लगवाने के लिए भेजा जा रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

Intro:सीतापुर:जिले में इन दिनों कुत्ता काटने पर लगने वाला एंटी रैबीज इंजेक्शनों का अभाव है जिसके चलते मरीज़ों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,सीएचसी और पीएचसी पर इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण मरीज़ों को जिला अस्पताल पर ही निर्भर होना पड़ रहा है जिससे यहां भी मरीज़ों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वीओ-एंटी रैबीज इंजेक्शन की भारी कमी का खामियाजा मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है, दरअसल सीएचसी और पीएचसी पर कुत्ता काटने की स्थिति में लगने वाला एंटी रैबीज इंजेक्शन का अभाव है लिहाज़ा मरीज़ों को जिला अस्पताल की शरण लेनी पड़ रही है. इंजेक्शन लगवाने की जद्दोजहद में जुटे मरीज़ों का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी पर एंटी रैबीज इंजेक्शन नही लगाए जा रहे हैं, वहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा है, यहां इंजेक्शन लगवाने में आनाकानी की जा रही है और सिर्फ एक डोज़ लगाकर उन्हें बाकी की डोज़ उन्हें सीएचसी पर लगवाने की सलाह दी जा रही है, ऐसी स्थिति में उन्हें बाजार से इंजेक्शन खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

इस संबंध में जब प्रभारी सीएमएस से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास सिर्फ 340 इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध है ग्रामीण क्षेत्र के मरीज़ों को सीएचसी पर इंजेक्शन लगवाने की व्यवस्था है किंतु वहाँ इंजेक्शन न लगने के कारण मरीज़ों का बोझ जिला अस्पताल पर पड़ रहा है, जिसके चलते यहां एक डोज़ लगाकर बाकी डोज़ सीएचसी पर लगवाने के लिए भेजा जा रहा है, कुल मिलाकर देखा जाय तो एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीज़ों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को गंभीरता से नही ले रहे हैं.

बाइट-रत्नेश कुमार (तीमारदार)
बाइट-नंदलाल (पीड़ित)
बाइट-हरेंद्र यादव (तीमारदार)
बाइट-डॉ ए. के. शुक्ला (प्रभारी सीएमएस)

नीरज श्रीवास्तव-सीतापुर 9415084887


Body:सीएचसी-पीएचसी पर नही लग रहे इंजेक्शन


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