सीतापुर: उत्तर भारत की पौराणिक 84 कोसीय परिक्रमा 23 फरवरी से 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से शुरू होगी. पंद्रह दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा में देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक के श्रद्धालु शामिल होते हैं. लाखों परिक्रमार्थियों के साथ होने वाली इस परिक्रमा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं.
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11 पड़ाव से गुजरती है यह यात्रा
यह 84 कोसीय परिक्रमा फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को चक्रतीर्थ नैमिषारण्य में स्नान करने के बाद प्रतिपदा को ब्रम्हमुहूर्त से प्रारंभ होती है. इस परिक्रमा के कुल 11 पड़ाव हैं. इसमें 7 सीतापुर और 4 पड़ोस के हरदोई जनपद की सीमा के अंतर्गत आते हैं. प्रदेश सरकार ने इनमें से चार पड़ावों पर स्थायी निर्माण कराकर तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं. अन्य पड़ावों पर परिक्रमा के समय अस्थायी इंतजाम किए जाते हैं.
सरकारी विभागों और नगर पालिका के अलावा ब्लाक और ग्राम सभाओं के माध्यम से परिक्रमार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की है. इस परिक्रमा के धार्मिक और पौराणिक महत्व को देखते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी.
-अखिलेश तिवारी, जिलाधिकारी