ETV Bharat / state

सीतापुर: 23 फरवरी से शुरू होगी 84 कोसीय परिक्रमा, प्रशासन ने पूरी की तैयारियां

यूपी में सीतापुर के नैमिषारण्य में पौराणिक 84 कोसीय परिक्रमा 23 फरवरी से शुरू हो रही है. 15 दिन तक चलने वाली इस परिक्रमा को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं.

etv bharat
84 कोसीय परिक्रमा
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 10:35 PM IST

सीतापुर: उत्तर भारत की पौराणिक 84 कोसीय परिक्रमा 23 फरवरी से 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से शुरू होगी. पंद्रह दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा में देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक के श्रद्धालु शामिल होते हैं. लाखों परिक्रमार्थियों के साथ होने वाली इस परिक्रमा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं.

23 फरवरी से शुरू होगी 84 कोसीय परिक्रमा.
यह है मान्यता
यह 84 कोसीय परिक्रमा सतयुग काल से चली आ रही है. मान्यता है कि असुरों का संहार करने के लिए जब देवताओं ने महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियों का दान मांगा था तो उन्होंने शरीर त्यागने से पूर्व सभी तीर्थों का स्नान करने की इच्छा व्यक्त की थी. जिस पर देवताओं ने सभी तीर्थों को यहीं पर आमंत्रित किया था. देवताओं के आह्वान पर सभी तीर्थ यहां आए थे और इसी 84 कोस में स्थापित हुए थे. महर्षि दधीचि ने उन सभी की परिक्रमा और उनमें स्नान करने के बाद अपने शरीर को गायों से चटवाकर अस्थियों का दान किया था. तभी से इस 84 कोसीय परिक्रमा की परम्परा चली आ रही है. मान्यता है कि देवताओं ने भी यह 84 कोसीय परिक्रमा की थी और बाद में त्रेता युग में भगवान राम ने भी इस परिक्रमा को किया था.

इसे भी पढ़ें - EXCLUSIVE : अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए चयनित जमीन की पहली तस्वीर
11 पड़ाव से गुजरती है यह यात्रा
यह 84 कोसीय परिक्रमा फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को चक्रतीर्थ नैमिषारण्य में स्नान करने के बाद प्रतिपदा को ब्रम्हमुहूर्त से प्रारंभ होती है. इस परिक्रमा के कुल 11 पड़ाव हैं. इसमें 7 सीतापुर और 4 पड़ोस के हरदोई जनपद की सीमा के अंतर्गत आते हैं. प्रदेश सरकार ने इनमें से चार पड़ावों पर स्थायी निर्माण कराकर तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं. अन्य पड़ावों पर परिक्रमा के समय अस्थायी इंतजाम किए जाते हैं.

सरकारी विभागों और नगर पालिका के अलावा ब्लाक और ग्राम सभाओं के माध्यम से परिक्रमार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की है. इस परिक्रमा के धार्मिक और पौराणिक महत्व को देखते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी.
-अखिलेश तिवारी, जिलाधिकारी

सीतापुर: उत्तर भारत की पौराणिक 84 कोसीय परिक्रमा 23 फरवरी से 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से शुरू होगी. पंद्रह दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा में देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक के श्रद्धालु शामिल होते हैं. लाखों परिक्रमार्थियों के साथ होने वाली इस परिक्रमा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं.

23 फरवरी से शुरू होगी 84 कोसीय परिक्रमा.
यह है मान्यता
यह 84 कोसीय परिक्रमा सतयुग काल से चली आ रही है. मान्यता है कि असुरों का संहार करने के लिए जब देवताओं ने महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियों का दान मांगा था तो उन्होंने शरीर त्यागने से पूर्व सभी तीर्थों का स्नान करने की इच्छा व्यक्त की थी. जिस पर देवताओं ने सभी तीर्थों को यहीं पर आमंत्रित किया था. देवताओं के आह्वान पर सभी तीर्थ यहां आए थे और इसी 84 कोस में स्थापित हुए थे. महर्षि दधीचि ने उन सभी की परिक्रमा और उनमें स्नान करने के बाद अपने शरीर को गायों से चटवाकर अस्थियों का दान किया था. तभी से इस 84 कोसीय परिक्रमा की परम्परा चली आ रही है. मान्यता है कि देवताओं ने भी यह 84 कोसीय परिक्रमा की थी और बाद में त्रेता युग में भगवान राम ने भी इस परिक्रमा को किया था.

इसे भी पढ़ें - EXCLUSIVE : अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए चयनित जमीन की पहली तस्वीर
11 पड़ाव से गुजरती है यह यात्रा
यह 84 कोसीय परिक्रमा फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को चक्रतीर्थ नैमिषारण्य में स्नान करने के बाद प्रतिपदा को ब्रम्हमुहूर्त से प्रारंभ होती है. इस परिक्रमा के कुल 11 पड़ाव हैं. इसमें 7 सीतापुर और 4 पड़ोस के हरदोई जनपद की सीमा के अंतर्गत आते हैं. प्रदेश सरकार ने इनमें से चार पड़ावों पर स्थायी निर्माण कराकर तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं. अन्य पड़ावों पर परिक्रमा के समय अस्थायी इंतजाम किए जाते हैं.

सरकारी विभागों और नगर पालिका के अलावा ब्लाक और ग्राम सभाओं के माध्यम से परिक्रमार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की है. इस परिक्रमा के धार्मिक और पौराणिक महत्व को देखते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी.
-अखिलेश तिवारी, जिलाधिकारी

Intro:सीतापुर: उत्तर भारत का पौराणिक 84 कोसीय परिक्रमा 23 फ़रवरी को 88 हज़ार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से शुरू होगा.पंद्रह दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा में देश के कोने कोने से लेकर विदेश तक के श्रद्धालु शामिल होते हैं. लाखों परिक्रमार्थियों के साथ होने वाली इस परिक्रमा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं.


Body:यह 84 कोसीय परिक्रमा सतयुग काल से चली आ रही है. मान्यता है कि असुरों का संहार करने के लिए जब देवताओं ने महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियों का दान मांगा था तो उन्होंने शरीर त्यागने से पूर्व सभी तीर्थों का स्नान करने की इच्छा व्यक्त की थी जिस पर देवताओं ने सभी तीर्थों को यहीं पर आमंत्रित किया था, देवताओं के आव्हान पर सभी तीर्थ यहां आये थे और इसी 84 कोस में स्थापित हुए थे.महर्षि दधीचि ने उन सभी की परिक्रमा और उनमें स्नान करने के बाद अपने शरीर को गायों से चटवाकर अस्थियों का दान किया था तभी से इस 84 कोसीय परिक्रमा की परम्परा चली आ रही है. मान्यता है कि देवताओं ने भी यह 84 कोसीय परिक्रमा की थी औऱ बाद में त्रेता युग में भगवान राम ने भी इस परिक्रमा को किया था.धार्मिक मान्यता है कि इस 84 कोसीय परिक्रमा के करने से मनुष्य 84 लाख योनियों के बंधन से छुटकारा पा जाता है.


Conclusion:यह 84 कोसीय परिक्रमा फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या को चक्रतीर्थ नैमिषारण्य में स्नान करने के बाद प्रतिपदा को ब्रम्हमुहूर्त से प्रारंभ होती है. इस परिक्रमा के कुल ग्यारह पड़ाव है जिसमे 7 सीतापुर और 4 पड़ोस के हरदोई जनपद की सीमा के अंतर्गत आते हैं. प्रदेश सरकार ने इनमें से चार पड़ावों पर स्थायी निर्माण कराकर तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी है अन्य पड़ावों पर परिक्रमा के समय अस्थायी इंतज़ाम किये जाते हैं. जिला प्रशासन ने कई सरकारी विभागों और नगर पालिका के अलावा ब्लाक और ग्राम सभाओं के माध्यम से परिक्रमार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिलाधिकारी ने बताया कि इस परिक्रमा के धार्मिक और पौराणिक महत्व को देखते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नही होने दी जायेगी.

बाइट-अखिलेश तिवारी (जिलाधिकारी)


सीतापुर से नीरज श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट,9415084887
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.