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16 दिन बाद 8 पुनर्जन्म! टनल में फंसे यूपी के सभी मजदूर बाहर आए, परिजनों बोले- जिंदगी कै जंग जीत गए हमरे लाल

उत्तरकाशी टनल हादसे (Uttarkashi Tunnel Incident) में फंसे यूपी के सभी 8 मजदूर बाहर आ गए हैं. उनके बाहर आने से परिजनों में खुशी का माहौल है. परिवार बोले उनके लाल जिंदगी की जंग जीत गए हैं. वहीं, सीएम योगी ने श्रमिकों की जान बचाने वाले हर एक व्यक्ति को धन्यवाद दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 9:23 AM IST

  • उत्तराखण्ड स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के नेतृत्व में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सभी को बधाई एवं उत्तराखण्ड सरकार का अभिनंदन!

    श्रमिक…

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

श्रावस्ती/लखनऊ: 17वें दिन उत्तरकाशी से टनल हादसे में फंसे यूपी के श्रमिकों के बाहर निकाले जाने की खुशखबरी मिलते ही भारत नेपाल सीमा पर बसे आदिवासी थारू गांव मोतीपुर खुशी और उल्लास में डूब गया. गांव के माहौल को देखकर लग रहा था कि जैसे यहां के लोगों के लिए नया सवेरा आ गया हो. चारों ओर बस एक ही चर्चा रही कि सुरंग से जिंदगी की जंग जीत गए हमरे गांव के लाल. महिलाएं डिहुहार को प्रसाद चढ़ाने के लिए दौड़ पड़ी तो घर के देवी-देवताओं को पुरुष माथा टेकने लगे. वहीं, उत्तराखंड टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी.

मजदूरों के सकुशल बाहर आने की सूचना पर गांव में एकत्र उनके परिवार की महिलाएं
मजदूरों के सकुशल बाहर आने की सूचना पर गांव में एकत्र उनके परिवार की महिलाएं

भारत-नेपाल सीमा पर बसे मोतीपुर गांव के अधिकतर लोग मेहनत मजदूरी करने के लिए परदेस जाते हैं. इनमें गांव के अधिकतर युवा हैं. पांच माह पूर्व गांव के राम सुंदर, संतोष, सत्यदेव, राममिलन, अंकित और जय प्रकाश सहित 20 लोग उत्तराखंड गए थे. उत्तरकाशी के यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर टनल निर्माण में मजदूरी कर रहे थे. भूस्खलन से टनल करीब 57 मीटर धंस गई, जहां 6 मजदूर दीपावली के दिन इसमें फंस गए थे.

12 नवंबर को इनके टनल में फंसे होने की सूचना मिली तो गांव में दीपावली की खुशी मायूसी में बदल गई. 16 दिनों से टनल में फंसे मजदूरों के परिवार भरपेट भोजन नहीं कर रहे थे. बेटों की सलामती की चिंता परिवार को खाए जा रही थी. मंगलवार को दोपहर बाद राम सुंदर की पत्नी शीला ने जैसे ही सुना कि उत्तरकाशी से फोन आया है. दौड़कर गांव में एकत्र लोगों के बीच पहुंच गई. उसने पूछा क्या खबर है. तभी एक बच्चा बोला, काकी काका सुरंग से निकलने वाले हैं. यही फोन आया है. इतना सुनते ही शीला फफक-फफक कर रो पड़ी. ओढ़नी से आंसू पोंछते हुए बोली कि अंधेरी सुरंग मा हमरे थरवा (पति) कै जिंदगी भगवानै बचाय दिहिन.

मोतीपुर कला गांव में घर आने का इंतजार करते श्रमिक के परिजन
मोतीपुर कला गांव में घर आने का इंतजार करते श्रमिक के परिजन

अपने बेटे की राह देखते हुए रो-रोकर संतोष की मां विदेशनी की आंसुओं से आंखे लाल हो गईं. विदेशनी कहती है कि मोर छावा सुरंग से निकल कै नई जिंदगी पाइल बा अब लौटके घरे आइल बा तो महिन आज अतरा खुशी लागाटा. सत्यदेव की पत्नी रामरती बताती है कि आज मोर थरवा के जिंदगी बच गेल मइन सकलू जहन. योगी, मोदी और उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद देत चाहटू. ऐसे ही टनल में फंसे सभी श्रमिकों के घर परिवार में खुशियों की बहार आ गई है. लोग घरों में दीपक जलाए और प्रसाद भी बांटे.

घर परिवार ही नहीं उत्तरकाशी से खुशखबरी मिलते ही गम के समंदर में डूबे पूरे गांव में चहल पहल बढ़ गई है. शिक्षक अयोध्या प्रसाद राना बताते हैं कि श्रमिकों की सलामती के लिए गांव में दुआओं का दौर जारी रहा. लोगों को एक-एक दिन भारी पड़ रहा था. लेकिन, सरकार और भगवान के भरोसे का प्रयास सफल हो गया. अब हम लोग गांव के बेटों के घर वापसी की राह देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव आने पर गांव के बेटों का अभिनंदन किया जाएगा.

रेस्क्यू ऑपरेशन के सफल होते ही सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'उत्तराखण्ड स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सभी को बधाई. श्रमिक भाइयों की प्राण रक्षा में अपना अमूल्य योगदान देने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद. उत्तर प्रदेश के भी आठ श्रमिकों का रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किया गया है.

टनल में 8 श्रमिक उत्तर प्रदेश के भी थे. सीएम योगी ने उत्तराखंड में एक नोडल अफसर को तैनात किया था, जो उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी पल पल की जानकारी से अपडेट कर रहा था. इस ऑपरेशन में यूपी के सभी 8 श्रमिक सुरक्षित बताए गए हैं. इन श्रमिकों में 6 श्रावस्ती से, एक लखीमपुर खीरी और एक मिर्जापुर से है. योगी सरकार की ओर से सभी श्रमिकों के परिजनों को घटनाक्रम की हर जानकारी उपलब्ध कराई गई.

यह भी पढ़ें: उत्तरकाशी ऑपरेशन 'जिंदगी' सफल, 17 दिन बाद 41 श्रमिकों ने खुली हवा में ली सांस, 45 मिनट में सभी रेस्क्यू

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  • उत्तराखण्ड स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के नेतृत्व में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सभी को बधाई एवं उत्तराखण्ड सरकार का अभिनंदन!

    श्रमिक…

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

श्रावस्ती/लखनऊ: 17वें दिन उत्तरकाशी से टनल हादसे में फंसे यूपी के श्रमिकों के बाहर निकाले जाने की खुशखबरी मिलते ही भारत नेपाल सीमा पर बसे आदिवासी थारू गांव मोतीपुर खुशी और उल्लास में डूब गया. गांव के माहौल को देखकर लग रहा था कि जैसे यहां के लोगों के लिए नया सवेरा आ गया हो. चारों ओर बस एक ही चर्चा रही कि सुरंग से जिंदगी की जंग जीत गए हमरे गांव के लाल. महिलाएं डिहुहार को प्रसाद चढ़ाने के लिए दौड़ पड़ी तो घर के देवी-देवताओं को पुरुष माथा टेकने लगे. वहीं, उत्तराखंड टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी.

मजदूरों के सकुशल बाहर आने की सूचना पर गांव में एकत्र उनके परिवार की महिलाएं
मजदूरों के सकुशल बाहर आने की सूचना पर गांव में एकत्र उनके परिवार की महिलाएं

भारत-नेपाल सीमा पर बसे मोतीपुर गांव के अधिकतर लोग मेहनत मजदूरी करने के लिए परदेस जाते हैं. इनमें गांव के अधिकतर युवा हैं. पांच माह पूर्व गांव के राम सुंदर, संतोष, सत्यदेव, राममिलन, अंकित और जय प्रकाश सहित 20 लोग उत्तराखंड गए थे. उत्तरकाशी के यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर टनल निर्माण में मजदूरी कर रहे थे. भूस्खलन से टनल करीब 57 मीटर धंस गई, जहां 6 मजदूर दीपावली के दिन इसमें फंस गए थे.

12 नवंबर को इनके टनल में फंसे होने की सूचना मिली तो गांव में दीपावली की खुशी मायूसी में बदल गई. 16 दिनों से टनल में फंसे मजदूरों के परिवार भरपेट भोजन नहीं कर रहे थे. बेटों की सलामती की चिंता परिवार को खाए जा रही थी. मंगलवार को दोपहर बाद राम सुंदर की पत्नी शीला ने जैसे ही सुना कि उत्तरकाशी से फोन आया है. दौड़कर गांव में एकत्र लोगों के बीच पहुंच गई. उसने पूछा क्या खबर है. तभी एक बच्चा बोला, काकी काका सुरंग से निकलने वाले हैं. यही फोन आया है. इतना सुनते ही शीला फफक-फफक कर रो पड़ी. ओढ़नी से आंसू पोंछते हुए बोली कि अंधेरी सुरंग मा हमरे थरवा (पति) कै जिंदगी भगवानै बचाय दिहिन.

मोतीपुर कला गांव में घर आने का इंतजार करते श्रमिक के परिजन
मोतीपुर कला गांव में घर आने का इंतजार करते श्रमिक के परिजन

अपने बेटे की राह देखते हुए रो-रोकर संतोष की मां विदेशनी की आंसुओं से आंखे लाल हो गईं. विदेशनी कहती है कि मोर छावा सुरंग से निकल कै नई जिंदगी पाइल बा अब लौटके घरे आइल बा तो महिन आज अतरा खुशी लागाटा. सत्यदेव की पत्नी रामरती बताती है कि आज मोर थरवा के जिंदगी बच गेल मइन सकलू जहन. योगी, मोदी और उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद देत चाहटू. ऐसे ही टनल में फंसे सभी श्रमिकों के घर परिवार में खुशियों की बहार आ गई है. लोग घरों में दीपक जलाए और प्रसाद भी बांटे.

घर परिवार ही नहीं उत्तरकाशी से खुशखबरी मिलते ही गम के समंदर में डूबे पूरे गांव में चहल पहल बढ़ गई है. शिक्षक अयोध्या प्रसाद राना बताते हैं कि श्रमिकों की सलामती के लिए गांव में दुआओं का दौर जारी रहा. लोगों को एक-एक दिन भारी पड़ रहा था. लेकिन, सरकार और भगवान के भरोसे का प्रयास सफल हो गया. अब हम लोग गांव के बेटों के घर वापसी की राह देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव आने पर गांव के बेटों का अभिनंदन किया जाएगा.

रेस्क्यू ऑपरेशन के सफल होते ही सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'उत्तराखण्ड स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सभी को बधाई. श्रमिक भाइयों की प्राण रक्षा में अपना अमूल्य योगदान देने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद. उत्तर प्रदेश के भी आठ श्रमिकों का रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किया गया है.

टनल में 8 श्रमिक उत्तर प्रदेश के भी थे. सीएम योगी ने उत्तराखंड में एक नोडल अफसर को तैनात किया था, जो उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी पल पल की जानकारी से अपडेट कर रहा था. इस ऑपरेशन में यूपी के सभी 8 श्रमिक सुरक्षित बताए गए हैं. इन श्रमिकों में 6 श्रावस्ती से, एक लखीमपुर खीरी और एक मिर्जापुर से है. योगी सरकार की ओर से सभी श्रमिकों के परिजनों को घटनाक्रम की हर जानकारी उपलब्ध कराई गई.

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Last Updated : Nov 29, 2023, 9:23 AM IST
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