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अपहरण कर नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 7 वर्ष कैद

श्रावस्ती में नाबालिग किशोरी का अपहरण (kidnapping of minor girl) कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Sep 16, 2022, 4:06 PM IST

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अपर सत्र न्यायाधीश

श्रावस्ती: नाबालिग किशोरी का अपहरण (kidnapping of minor girl) कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (रेप एलांग विद पाक्सो) दिनेश सिंह ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए गुरुवार को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

विशेष लोक अभियोजक रोहित गुप्त ने बताया कि दो जुलाई 2017 को गिलौला थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग किशोरी को गांव का ही प्रद्युम्न शाम सात बजे अपने पिता और भाई के सहयोग से बहला फुसलाकर भगा ले गया. इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया था.

यह भी पढ़ें- पुलिया से टकराई बेकाबू कार, चालक समेत दो की मौत

डॉक्टरी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई. विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ अपहरण दुष्कर्म और अन्य अपराधों में आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया. सत्र परीक्षण के दौरान मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश (रेपं एलांग विद पाक्सो) दिनेश सिंह ने किया. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने तमाम मौखिक अभिलेखीय साक्ष्य और चिकित्सीय साक्ष्य न्यायालय पर प्रस्तुत किए साक्ष्यों, उभय पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने और पत्रावली का सम्यक परिसीलन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी प्रद्युम्न को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

श्रावस्ती: नाबालिग किशोरी का अपहरण (kidnapping of minor girl) कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (रेप एलांग विद पाक्सो) दिनेश सिंह ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए गुरुवार को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

विशेष लोक अभियोजक रोहित गुप्त ने बताया कि दो जुलाई 2017 को गिलौला थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग किशोरी को गांव का ही प्रद्युम्न शाम सात बजे अपने पिता और भाई के सहयोग से बहला फुसलाकर भगा ले गया. इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया था.

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डॉक्टरी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई. विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ अपहरण दुष्कर्म और अन्य अपराधों में आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया. सत्र परीक्षण के दौरान मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश (रेपं एलांग विद पाक्सो) दिनेश सिंह ने किया. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह ने तमाम मौखिक अभिलेखीय साक्ष्य और चिकित्सीय साक्ष्य न्यायालय पर प्रस्तुत किए साक्ष्यों, उभय पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने और पत्रावली का सम्यक परिसीलन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी प्रद्युम्न को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

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