श्रावस्ती: नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार 3 दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से नेपाल की वेस्ट राप्ती कुशुम का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. इसके चलते वहां से पानी डिस्चार्ज हो रहा है, जिसके कारण श्रावस्ती के जमुनहा में राप्ती नदी में पहुंचने से बाढ़ के हालात बन गए हैं, जिसको लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है.
बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी टीके शीबू, उप जिलाधिकारी जमुनहा प्रवेंद्र कुमार, तहसीलदार जमुनहा नारायण सिंह व मल्हीपुर थाना प्रभारी निरीक्षक दद्दन सिंह ने लक्ष्मणपुर कोठी बैराज पर पहुंचकर राप्ती नदी के जलस्तर का जायजा लिया.
राप्ती नदी ने खतरे के निशान को किया पार
जनपद में राप्ती नदी का जलस्तर बेहद तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. लक्ष्मणपुर कोठी बैराज पर अंकित खतरे का निशान 127.70 है, जो बुधवार को दोपहर 2 बजे बढ़कर 128.03 पहुंच गया है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है.
नेपाली क्षेत्र की वेस्ट राप्ती कुसुम है बाढ़ की वजह
जनपद प्रत्येक वर्ष राप्ती नदी की विभीषिका का शिकार होता आया है, इसके चलते बाढ़ के हालात होने पर 100 से भी ज्यादा गांव जलमग्न हो जाते हैं. इसका प्रमुख कारण पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश होना है. नेपाल से बनकर निकली वेस्ट राप्ती के कुसुम बांध में जलस्तर अधिक हो जाने के बाद पानी के डिस्चार्ज किये जाने पर उससे निकला पानी भारतीय क्षेत्र में पहुंचने पर राप्ती नदी भयंकर कहर ढ़ाती है.
हाई अलर्ट पर प्रशासन
राप्ती के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जिलाधिकारी टीके शीबू, उप जिलाधिकारी जमुनहा प्रवेंद्र कुमार, तहसीलदार जमुनहा नारायण सिंह लगातार बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों का दौरा कर रहे हैं. सभी अधिकारियों को इससे निपटने के लिए लगाया गया है. नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है.
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