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गैर इरादतन हत्या के 12 वर्ष पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

गैर इरादतन हत्या के 12 वर्ष पुराने मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार पांच सौ रूपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है.

Additional District Sessions Judge
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Published : Jan 12, 2023, 9:56 PM IST

श्रावस्ती: अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने गुरुवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी को दोष ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार पांच सौ रूपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है. अर्थ दंड न अदा करने पर दोषी को दो वर्ष के और कारावास की सजा भुगतनी होगी.
मामला थाना इकौना क्षेत्र के चौकीदारपुरवा का है.

अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि इकौना थाना क्षेत्र के सेमगढा गांव के चौकीदार पुरवा निवासी ननके पुत्र छोटेलाल ने इकौना थाने में 18 सितंबर 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि 17 सितंबर 2010 को मेरे भाई विश्राम की पत्नी गायत्री देवी से मकई की बाली तोड़ने को लेकर सेमगढा गांव के पासिनपुरवा निवासी विपत्ति पुत्र मुन्नू से कहासुनी हो गई थी. इसी रंजिश को लेकर विपत्ति ने 18 सितंबर 2010 को दोपहर 11.30 बजे जब उसका भाई विश्राम और उसकी पत्नी गायत्री खेत मे काम करने गए थे. तब विपत्ति ने गाली गलौज करते हुए उसके भाई विश्राम पर हमला कर दिया. इसमें सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. गंभीर रूप से घायल भाई को मोटरसाइकिल पर बैठा कर अस्पताल ले जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. विवेचना के बाद आरोपी विपत्ति के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया. जिसका विचारण अपर जिला सत्र न्यायालय (त्वरित न्यायालय) पर हुआ. सत्र परीक्षण के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने आरोपी विपत्ति को दोष सिद्ध ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया कि अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा और भुगतनी पड़ेगी.

यह भी पढ़ें- Shravasti CMO: श्रावस्ती सीएमओ और बाबू का ऑफिस में ही रिश्वत लेते video viral

श्रावस्ती: अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने गुरुवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी को दोष ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार पांच सौ रूपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है. अर्थ दंड न अदा करने पर दोषी को दो वर्ष के और कारावास की सजा भुगतनी होगी.
मामला थाना इकौना क्षेत्र के चौकीदारपुरवा का है.

अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि इकौना थाना क्षेत्र के सेमगढा गांव के चौकीदार पुरवा निवासी ननके पुत्र छोटेलाल ने इकौना थाने में 18 सितंबर 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि 17 सितंबर 2010 को मेरे भाई विश्राम की पत्नी गायत्री देवी से मकई की बाली तोड़ने को लेकर सेमगढा गांव के पासिनपुरवा निवासी विपत्ति पुत्र मुन्नू से कहासुनी हो गई थी. इसी रंजिश को लेकर विपत्ति ने 18 सितंबर 2010 को दोपहर 11.30 बजे जब उसका भाई विश्राम और उसकी पत्नी गायत्री खेत मे काम करने गए थे. तब विपत्ति ने गाली गलौज करते हुए उसके भाई विश्राम पर हमला कर दिया. इसमें सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. गंभीर रूप से घायल भाई को मोटरसाइकिल पर बैठा कर अस्पताल ले जा रहे थे. इसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. विवेचना के बाद आरोपी विपत्ति के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया. जिसका विचारण अपर जिला सत्र न्यायालय (त्वरित न्यायालय) पर हुआ. सत्र परीक्षण के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने आरोपी विपत्ति को दोष सिद्ध ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया कि अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा और भुगतनी पड़ेगी.

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