श्रावस्ती: छेड़छाड़ के आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश सुदामा प्रसाद ने शुक्रवार को छेड़छाड़ के दोषी को चार वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3000 रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है. अर्थदंड न अदा करने पर दोषी को दो माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि भिनगा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी दो वर्ष पूर्व शाम सात बजे अपने खेत में शौच के लिए गई थी. इसी दौरान वहां पर पहले से घात लगाए बैठे प्रमोद ने किशोरी के साथ अश्लील हरकत और छेड़खानी की.
किशोरी के शोर मचाने पर गांव के तमाम लोग आ गए. इसी दौरान मौका पाकर आरोपी मौके से भाग गया. किशोरी ने अपने घर आकर पूरे घटना की जानकारी परिवारीजनों को दी. इसके बाद किशोरी को लेकर उसकी मां कोतवाली भिनगा पहुंची. मां की तहरीर पर भिनगा कोतवाली की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में भेजा गया. सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुदामा प्रसाद ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए चार वर्ष के सश्रम कारावास व 3000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.
छेड़छाड़ के एक अन्य मामले में 3.5 वर्ष की सजा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि गिलौला क्षेत्र के एक गांव की किशोरी घर के दरवाजे पर खड़ी थी. इसी दौरान वहां पहुंचे जमील ने उसके साथ छोड़छाड़ की. पीड़िता की तहरीर पर गिलौला थाने में जमील के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया था. सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश सुदामा प्रसाद ने साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
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