सहारनपुर: जनपद में गन्ना विभाग ने फर्जी गन्ना किसानों का खुलासा किया है. बड़ी संख्या में किसानों के खुलासे के बाद गन्ना विभाग में हड़कंप का माहौल बना हुआ है. इस कार्रवाई के बाद छोटे किसानों को बड़ी राहत मिली है. बताया जा रहा है कि ये फर्जी किसान मृतक और छोटे किसानों की पर्ची पर अपना गन्ना मिलों में सप्लाई कर रहे थे. जिला गन्ना अधिकारी के.एम.एम. त्रिपाठी ने बताया कि इन फर्जी किसानों के सभी सट्टे रद्द कर दिए गए हैं.
जनपद सहारनपुर में कुल 6 चीनी मिलें क्रियाशील हैं. 8 गन्ना विकास परिषद, 4 गन्ना समितियां और एक चीनी मिल समिति कार्य कर रही है. जिले में गन्ना किसानों की संख्या लगभग एक लाख 53 हजार है.
गन्ना विभाग चरण दर चरण कार्रवाई करते हुए सबसे पहले मई-जून में सर्वे कराता है और जुलाई में सर्वे का प्रदर्शन करता है. इसके साथ साथ किसानों की गन्ने की फसल का सत्यापन भी कराया जाता है. भूमि सत्यापन के दौरान जिन किसानों के फर्जी भूलेख पाए जाते हैं. उनके सट्टे पर तत्काल रोक लगा दी जाती है.
इस बार 244 भूमिहीन गन्ना किसान खसरा खतौनी की जांच में पकड़े गए है, जिनके सट्टे को रद्द करने की कार्रवाई की गई है. इंटर प्राइजीस रिस्पॉन्स प्रोग्राम चलाकर भी कुछ फर्जी किसानों को पकड़ा गया है.
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असल किसानों की सुविधा के लिए विभाग ने गन्ना एप्प के माध्यम से किसान की गन्ना पर्चियों और भुगतान की जानकारी दी जा रही है. ERP के माध्यम से ऐसे किसान पकड़ में आये है जो एक ही नाम पर डबल सट्टे चला कर विभाग की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे थे. जिले में ऐसे दो नंबर के सट्टे पर गन्ना बेचने वाले 7500 से ज्यादा फर्जी किसान पकड़ में आये हैं, जिनके सट्टे रद्द कर कार्रवाई की जा रही है.
के.एम.एम. त्रिपाठी, जिला गन्ना अधिकारी