सहारनपुरः जिले के मिरगपुर में बाबा फकीरा दास की तपोस्थली पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य मेले का आयोजन किया गया. मेले में दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने बाबा को प्रसाद चढ़ाया और अपनी-अपनी मन्नतें मांगी. लोगों का कहना है कि बाबा फकीरा दास ने पूरे मिरगपुर गांव को व्यसन मुक्त बनाया था. तभी से इस गांव के लोग बीड़ी, सिगरेट, मांस-मदिरा यहां तक कि लहसुन-प्याज का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं.
देवबंद कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम मिलगपुर में मंगलवार को बाबा फकीरा दास की तपोस्थली पर भव्य मेले का आयोजन किया गया. मंदिर समिति के सदस्य मनोज कुमार ने बताया कि यह मेला प्रतिवर्ष दशमी को ही लगाया जाता है. बाबा फकीरा दास लगभग 500 वर्ष पूर्व मिरगपुर गांव में आए थे. जब वे गांव में आये तो यहां पर काफी समस्याएं थी. गांव को लोग दुखी थे. यहां पर उन्होंने 15 दिन तपस्या की और उसके बाद गांव के एक व्यक्ति को मूल मंत्र देकर चले गए.
बाबा फकीरा दास ने सभी ग्राम वासियों से किसी भी प्रकार का व्यसन न करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि अगर सभी लोग किसी प्रकार का व्यसन न करें तो गांव खुशहाली से झूम उठेगा. उनके बताए हुए मार्ग पर गांव के व्यक्तियों ने चलना शुरू किया और तभी से इस गांव में कोई भी व्यक्ति बीड़ी, सिगरेट, शराब, अंडा, मीट, मछली यहां तक कि लहसुन व प्याज का इस्तेमाल भी नहीं करता है.
श्रद्धालु योगेश कुमार ने बताया कि प्रतिवर्ष दशमी के दिन ही बाबा फकीरा दास की तपोस्थली पर भव्य मेले का आयोजन होता है. इस मेले में हम हर साल आते हैं. हम बाबा को प्रसाद चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते हैं. श्रद्धालु अरविन्द कुमार ने बताया कि हर वर्ष हम यहां मेले में आते हैं. यहां आने से सारी मन्नतें पूरी हो जाती हैं.