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मां-बेटी की जूते के फीते से गला घोंटकर हत्या करने वाले पशु चिकित्सक को उम्रकैद - शामली कोर्ट न्यूज

यूपी के शामली में मां-बेटी की जूतों के फीतों से गला घोंटकर हत्या के आरोपी पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पशु चिकित्सक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. आरोपी और उसके साथी ने दोनों शवों को प्लास्टिक की बोरी में भरकर ठिकाने लगाने की भी कोशिश की थी.

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Published : Jun 17, 2023, 8:30 PM IST

शामली: साल 2019 में मां-बेटी की नृशंस हत्या के मुख्य आरोपी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जबकि, दोहरे हत्याकांड में शामिल एक अन्य आरोपी की मुकदमें की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है.

दरअसल, 3 जनवरी 2019 की रात झिंझाना क्षेत्र के गांव हरिनगर बिड़ौली में कमला देवी (50) और उनकी 22 साल की बेटी की हत्या कर दी गई थी. दोनों मां-बेटी की हत्या जूतों के फीते से गला घोंटकर की गई थी. हत्यारे दोनों के शव को ठिकाने लगाने के लिए प्लास्टिक की बोरियों में भरकर घर से बाहर ले आए थे. लेकिन, इस दौरान आस-पड़ोस के लोगों के जागने के बाद आरोपी दोनों शव को सड़क पर ही छोड़कर फरार हो गए थे. वारदात के संबंध में मृतक महिला के भतीजे ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि, पुलिस ने एक सप्ताह बाद ही वारदात का खुलासा कर दिया था. हत्या के मुख्य आरोपी गांव मछरौली निवासी जिला पंचायत सदस्य एवं पशु चिकित्सक डॉ. सुधीर कुमार और उसके साथी किरठल बागपत निवासी सुनील को गिरफ्तार कर लिया था.

पोल खुलने के डर से की हत्या: इस वीभत्स घटना में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैराना सुरेंद्र कुमार ने फैसला सुनाया. जिसमें मुख्य आरोपी डा. सुरेंद्र कुमार को उम्रकैद और 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है. जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) संजय चौहान ने बताया कि चिकित्सक का पशुओं के इलाज के लिए कमला के घर पर आना-जाना था. इस दौरान वह उसकी बेटी पर गलत इरादे रखने लगा था. लड़की ने चिकित्सक का विरोध करते हुए सारी बात अपनी मां को बताई. इस पर खुद की पोल खुलने के डर से सुरेंद्र कुमार ने अपने साथी के साथ मिलकर मां-बेटी दोनों की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. डीजीसी ने बताया कि मुकदमें के दूसरे आरोपी की केस की सुनवाई के दौरान बीमारी के चलते मौत हो चुकी है.

पुलिस ने भी की प्रभावी पैरवी: एसपी शामली अभिषेक ने बताया कि पुलिस द्वारा पूर्व में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में सबूतों के आधार पर अपराध में शामिल दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए हत्याकांड का खुलासा किया गया. एसपी ने बताया कि हत्यारोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने के बाद पुलिस ने इस मामले में प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया था. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास के साथ-साथ 15 हजार रुपये के अर्थदण्ड से भी दंडित किया है. अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया गया है.

यह भी पढे़ं: Shamli Court News: दूध बेचने वाले की हत्या के दोषी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

शामली: साल 2019 में मां-बेटी की नृशंस हत्या के मुख्य आरोपी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जबकि, दोहरे हत्याकांड में शामिल एक अन्य आरोपी की मुकदमें की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है.

दरअसल, 3 जनवरी 2019 की रात झिंझाना क्षेत्र के गांव हरिनगर बिड़ौली में कमला देवी (50) और उनकी 22 साल की बेटी की हत्या कर दी गई थी. दोनों मां-बेटी की हत्या जूतों के फीते से गला घोंटकर की गई थी. हत्यारे दोनों के शव को ठिकाने लगाने के लिए प्लास्टिक की बोरियों में भरकर घर से बाहर ले आए थे. लेकिन, इस दौरान आस-पड़ोस के लोगों के जागने के बाद आरोपी दोनों शव को सड़क पर ही छोड़कर फरार हो गए थे. वारदात के संबंध में मृतक महिला के भतीजे ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि, पुलिस ने एक सप्ताह बाद ही वारदात का खुलासा कर दिया था. हत्या के मुख्य आरोपी गांव मछरौली निवासी जिला पंचायत सदस्य एवं पशु चिकित्सक डॉ. सुधीर कुमार और उसके साथी किरठल बागपत निवासी सुनील को गिरफ्तार कर लिया था.

पोल खुलने के डर से की हत्या: इस वीभत्स घटना में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैराना सुरेंद्र कुमार ने फैसला सुनाया. जिसमें मुख्य आरोपी डा. सुरेंद्र कुमार को उम्रकैद और 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है. जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) संजय चौहान ने बताया कि चिकित्सक का पशुओं के इलाज के लिए कमला के घर पर आना-जाना था. इस दौरान वह उसकी बेटी पर गलत इरादे रखने लगा था. लड़की ने चिकित्सक का विरोध करते हुए सारी बात अपनी मां को बताई. इस पर खुद की पोल खुलने के डर से सुरेंद्र कुमार ने अपने साथी के साथ मिलकर मां-बेटी दोनों की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. डीजीसी ने बताया कि मुकदमें के दूसरे आरोपी की केस की सुनवाई के दौरान बीमारी के चलते मौत हो चुकी है.

पुलिस ने भी की प्रभावी पैरवी: एसपी शामली अभिषेक ने बताया कि पुलिस द्वारा पूर्व में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में सबूतों के आधार पर अपराध में शामिल दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए हत्याकांड का खुलासा किया गया. एसपी ने बताया कि हत्यारोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने के बाद पुलिस ने इस मामले में प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया था. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास के साथ-साथ 15 हजार रुपये के अर्थदण्ड से भी दंडित किया है. अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया गया है.

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