शामली: श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर लागू की गई पाबंदियों को दरकिनार कर शिवभक्त हरिद्वार का रुख न करें. इसके लिए यूपी और हरियाणा के अधिकारियों ने कमर कस ली है. इसी के तहत शामली और पानीपत जिलों के आलाधिकारियों की एक अहम बैठक पानीपत में हुई. बैठक में आपसी समन्वय और सख्ती के साथ कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगाने पर सहमति बनी है. अधिकारियों के मुताबिक, इस बार यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों तरफ 24 घंटे विशेष चेकिंग अभियान चलाते हुए कांवड़ियों के आवागमन को रोका जाएगा.
पानीपत की बैठक में लिए गए कई फैसले
सोमवार को यूपी के शामली जिले की डीएम जसजीत कौर और एसपी विनीत जायसवाल समेत जिला प्रशासन के अन्य अफसर पानीपत में हुई बैठक में शामिल हुए. यह अहम बैठक इसलिए हुई क्योंकि प्रत्येक वर्ष राजस्थान और हरियाणा के लाखों कांवड़िये पानीपत और करनाल के बॉर्डर क्षेत्रों से यूपी के शामली जिले में प्रवेश करते हैं. वहीं इस बार सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. सरकार के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए हरियाणा के पानीपत के डीसीपी धर्मेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक पानीपत मनीषा चौधरी, एसडीएम पानीपत और क्षेत्राधिकारी सिंभालखा भी बैठक में मौजूद रहे. दोनों प्रदेशों के अधिकारियों ने कांवड़ियों के आवागमन पर सख्ती से पाबंदी लगाने के लिए कई विशेष फैसले लिए गए.
बॉर्डर पर 24 घंटे होगी विशेष चेकिंग
शामली एसपी विनीत जायसवाल के मुताबिक बैठक में यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों प्रदेशों की पुलिस 24 घंटे चेकिंग कर कांवड़ियों और उनके वाहनों के आवागमन पर सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाने पर सहमति बनी. इसके अलावा बॉर्डर पर पड़ने वाले यमुना ब्रिज पर दोनों तरफ संयुक्त टीमें लगाकर बैरियर, बैरिकेडिंग भी कराई जाएगी, ताकि प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ यात्रा में शामिल होने वालों को सख्ती के साथ बॉर्डर पर ही रोकते हुए वापस भेजा जा सके. इसके साथ ही दोनों प्रदेशों के डीजे, साउण्ड सिस्टम संचालकों एवं ट्रेवल एजेंसियों तथा कांवड़ कमेटियों को भी नोटिस भेजकर बंद पत्र लिए जाने पर सहमति हुई, ताकि उनके द्वारा कांवड़ियों को संसाधन न उपलब्ध कराए जा सकें.
पैदल गुजरने वाले कांवड़ियों पर भी रहेगी नजर
हरियाणा और यूपी के अधिकारियों के बीच वाहनों के अतिरिक्त पैदल बॉर्डर से गुजरने वाले कांवड़ियों को भी सख्ती के साथ रोकने और मीडिया के माध्यमों से लोगों को जागरूक करने पर भी सहमति बनी. डीएम जसजीत कौर ने बताया कि दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कांवड़ यात्रा स्थगन को लेकर श्रद्धालुओं को रोका जाएगा और आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी की जाएगी, ताकि कोरोना संक्रमण को और अधिक फैलने से रोका जा सके.