शामली: सरकारी अधिकारियों की कारगुजारियों से जुड़ा एक मामला शामली जिले में सामने आया है. यहां पर , 4 दिसंबर 2020 को हुए हादसे में एक खटारा रोडवेज बस द्वारा तीन मासूम बच्चों की मौत और कई लोगों को अपाहिज बनाने के मामला आया था. एक महीने बाद इस मामले में परिवहन विभाग के आलाधिकारियों द्वारा की गई जांच में चौकानें वाला खुलासा हुआ है. पता चला है कि परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर द्वारा जलालाबाद में अवैध रूप से बगैर विभागीय अनुमति के बस डिपो का संचालन किया जा रहा था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 4 दिसंबर 2020 को शामली जिले के थानाभवन में जलालाबाद बस डिपो की एक रोडवेज बस ब्रेक फेल होने की वजह से बस स्टॉप पर खड़ी सवारियों के ऊपर चढ़ गई थी. बस के नीचे कुचल जाने से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य कई लोग अपाहिज होकर अभी भी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं. इस दर्दनाक हादसे के बाद अधिकारियों की आंखे खुली, तो खटारा रोडवेज बस से हुए हादसे पर जांच बैठाई गई. जांच की रिपोर्ट जब परिवहन विभाग के आलाधिकारियों के सामने आई, तो सभी की आंखे खुली की खुली रह गईं, क्योंकि हादसे के लिए जिम्मेदार रोडवेज बस जिस डिपो से संचालित हो रही थी, वह डिपो परिवहन विभाग की लिस्ट में ही नहीं था. विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय सहमति के आधार पर बगैर विभागीय परमीशन और मानकों की अनदेखी कर जलालाबाद में रोडवेज का अवैध डिपो चलाया जा रहा था. पूरा सच सामने आने के बाद अब परिवहन विभाग के आलाधिकारियों ने इस अवैध रोडवेज बस डिपो से बसों का संचालन करना बंद कर दिया है, लेकिन इस अवैध डिपो पर विभाग का स्टॉफ अभी भी काम कर रहा है.
मंत्री ने किया था डिपो का उद्घाटन
थानाभवन में हुए हादसे के बाद जलालाबाद रोडवेज डिपो से बसों का संचालन बंद कर दिया गया है, लेकिन यहां पर अभी भी परिवहन विभाग का स्टॉफ काम कर रहा है. मंगलवार को ईटीवी भारत की टीम जब इस अवैध बस डिपो पर पहुंची, तो कोई भी बस रोडवेज डिपो पर नजर नहीं आई. मौके पर डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी योगेंद्र कुमार मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जलालाबाद बस डिपो का उद्घाटन चार अगस्त 2019 को कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक सुरेश राणा द्वारा किया गया था. इसके बाद 23 अगस्त 2019 से इस डिपो से रोडवेज बसों का संचालन भी शुरू हो गया था. उन्होंने डिपो की खटारा बस से थानाभवन में हुए हादसे को आकस्मिक दुर्घटना बताया, लेकिन डिपो के अवैध रूप संचालित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नही है. उन्हें यहां पर तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर के आदेशों के तहत तैनाती मिली है.