शामली: लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर विपक्षी दलों के नेता योगी सरकार पर मुखर हैं. गुरुवार को हरियाणा के पानीपत से लखीमपुर खीरी की घटना और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों के विरोध में पार्टी की रोष यात्रा प्रारंभ हुई, जिसे यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर शामली के कैराना होते हुए जाना था. लेकिन, इसकी सूचना पहले ही स्थानीय पुलिस-प्रशासन को लग गई, जिस पर शामली जिला प्रशासन ने बार्डर को सील कर दिया.
योगी और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी
दरअसल, दोपहर करीब 1 बजे कांग्रेस की रोष यात्रा शामली जिले के यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर पहुंची, लेकिन इससे पूर्व ही हरियाणा ब्रिज पार पेट्रोल पंप के पास ही शामली पुलिस ने नाकाबंदी करते हुए यात्रा को रोक दिया. पुलिस प्रशासन ने यात्रा को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया गया. यात्रा में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा सहित अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल थे. कार्यकर्ताओं ने यात्रा रोकने के विरोध में योगी और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही बॉर्डर के निकट हरियाणा में स्थित पेट्रोल पंप पर पूर्व सीएम सहित तमाम कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए. करीब 1 घंटे धरने पर बैठने के दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया.
खीरी में जलियांवाला बाग हत्याकांड की तरह नरसंहार
धरने के दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि योगी और मोदी सरकार की संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं. एक मंत्री का बेटा जलियांवाला बाग हत्याकांड की तरह लखीमपुर खीरी में नरसंहार करता है, जो बड़ा ही दुःख का विषय है. शर्मनाक बात यह है कि अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तानाशाह रवैया अपना रखा है और पुलिस को आगे कर विपक्षी दलों के नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है. हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि यूपी प्रशासन ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया. लखीमपुर खीरी में जो नरसंहार हुआ है, बेहद शर्मनाक है. मंत्री के बेटे का नाम आ रहा है, एफआईआर तक में उनका नाम है लेकिन, अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, तो आप सोच सकते हैं कि यूपी में किस तरह का जंगलराज चल रहा है.
इसे भी पढ़ें- Lakhimpur Kheri Case: केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे से पुलिस करेगी पूछताछ
घंटे भर बाद वापस लौटा काफिला
यात्रा रोके जाने के बाद बॉर्डर के निकट पेट्रोल पंप पर धरना देकर कांग्रेस नेताओं ने अपने गुस्से का इजहार किया और सरकार पर जमकर निशाना साधा और लगभग एक घंटे तक धरना दिया गया. स्थानीय प्रशासन द्वारा यात्रा को जाने नहीं देने पर कांग्रेसियों का काफिला वापस ही लौट गया. गौरतलब है कि पूर्व सूचना के आधार पर यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर सुबह करीब 7 बजे ही प्रशासन अलर्ट हो गया था. इसके चलते बार्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया था. कांग्रेसियों का काफिला वापस लौटने के बाद ही वाहनों का आवागमन शुरू हो पाया. जाम खुलने पर करीब 8 घंटे से परेशानी झेल रहे लोगों ने राहत की सांस ली.
डीएम-एसपी ने बॉर्डर पर डाला डेरा
कांग्रेस की रोष यात्रा बॉर्डर से होकर निकलने की सूचना प्रशासन को पहले की लग गई थी. इसी को लेकर प्रशासन की ओर से कड़े बंदोबस्त करा दिए गए थे. ब्रिज के पार बॉर्डर पर हरियाणा में दो जगह यूपी की ओर चौकी के सामने और पानीपत रोड पर सील लगवा दी गई थी. स्वयं शामली डीएम जसजीत कौर और एसपी सुकीर्ति माधव सहित तमाम अधिकारी भारी फोर्स के साथ बॉर्डर पर डटे रहे. कांग्रेस का काफिला रोके जाने बाद वापस जाने पर अधिकारी बॉर्डर से लौट गए. इस दौरान एडीएम अरविंद कुमार सिंह, एएसपी ओपी सिंह, एसडीएम उद्भव त्रिपाठी, सीओ जितेंद्र कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा सहित अन्य जिलों से बुलाए गए अधिकारीगण तथा पुलिस एवं पीएसी बल तैनात रहा.