शामली: जिले के जहानपुर गांव में 30 साल पहले एक किशोर को सांप काटने के बाद उसे मृत समझकर दफना कर दिया गया था. उसी दौरान एक सपेरे मृत किशोर को कब्र से बाहर निकालकर अपने साथ ले गए थे. अब युवक अपने परिजनों से मिलने घर पहुंचा तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.
30 वर्ष बाद लौटा मृत बेटा
कैराना क्षेत्र के गांव जहानपुरा निवासी इलियास उर्फ लियासा का बेटा हाशिम करीब 30 वर्ष पूर्व अपने खेत पर गया हुआ था. उस समय हाशिम की उम्र आठ साल थी और खेत पर काम करते समय उसे सांप ने डस लिया था. परिजनों ने हाशिम को मृत मानते हुए गांव में स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया था. हासिम की मां ने बताया कि सपेरों ने उसके बेटे को कब्र से बाहर निकाल लिया था. मां ने बताया कि बेटा सपेरों के साथ गांव में तमाशा दिखाने के लिए आया था और मां बेटे ने एक दूसरे को पहचान लिया. परिजनों ने सपेरों से संपर्क किया और हाशिम दो सपेरों के साथ अपने घर पहुंचा.
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सपेरों ने बचाई थी जान
हासिम की मौत के बाद परिजनों को सूचना मिली थी कि उनके बेटे की कब्र से छेड़छाड़ हुई है. परिजन तभी से उसके तलाश में जुटे हुए थे. हाशिम के साथ घर पहुंचे सपेरे श्यामनाथ ने बताया कि उसके बड़े भाई हाशिम को यहां से लेकर गए थे, लेकिन अब वह जिंदा नहीं है. श्यामनाथ ने बताया कि हमने हाशिम की शादी भी करा दी है. वह अपने परिवार वालों से मिल सकता है, लेकिन उसे उनके साथ ही रहना पड़ेगा, क्योंकि अब वह ही उसका परिवार है.
मां बोली यही मेरा बेटा..
हाशिम की मां अमतुल का कहना है कि बेटा कुछ दिनों पहले सपेरों के साथ गांव में तमाशा दिखाने के लिए तब उन्होंने उसे पहचान लिया था. सपेरों से पूछताछ करने पर वें खुद हाशिम को लेकर घर पहुंचे. मां ने कहा कि मेरा बेटा जिंदा है, अब मुझे कोई तकलीफ नही है. 30 वर्ष बाद लौटे हाशिम को देखने के लिए गांव की भीड़ जुट गई और यह एक आश्चर्य का विषय भी बना हुआ है.