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शामली: वकीलों ने किया कोर्ट का बहिष्कार, लगाए भ्रष्टाचार के आरोप - शामली में कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार

उत्तर प्रदेश के शामली में वकीलों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. जिला बार एसोसिएशन ने तहसीलदार कोर्ट और रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय का बहिष्कार कर दिया है. यहां तैनात अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए हैं, जिनका तबादला नहीं होने तक बहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी गई है.

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शामली में कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार.
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Published : Jan 23, 2020, 9:40 PM IST

शामली: जिला बार एसोसिएशन शामली द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए तहसीलदार के न्यायालय और रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वकीलों ने कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार और अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप.

जिला बार एसोसिएशन की तरफ से जनरल हाउस मीटिंग बुलाई गई थी. मीटिंग में तहसीलदार न्यायालय और रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर विचार-विमर्श हुआ.

तहसील और कानूनगो पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप
वकीलों ने तहसीलदार और कानूनगो पर अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया. सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए वकीलों ने तहसीलदार कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार कर दिया. अधिवक्ताओं ने बताया कि उक्त न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों का स्थानांतरण नही होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.

भ्रष्टाचार का लगाया गया आरोप
जिला बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट चंद्रवीर मलिक ने बताया कि यहां पर भ्रष्टाचार इतनी चरम सीमा पर पहुंच गया है कि वादकारियों को न्यायालय मिलना कठिन हो गया है. यह सब कुछ सरकार की मंशा के खिलाफ हो रहा है. सरकार चाहती है कि जनता को सुलभ न्याय मिले, लेकिन शामली में तहसीलदार की दोनों कोर्ट में इसके उलट कार्य हो रहा है. जब तक दोनों ही अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं होगा, हम कोर्ट का बहिष्कार जारी रखेंगे.

बगैर पैसे आगे नहीं बढ़ती फाइल
जिला बार एसोसिएशन के महासचिव अरविंद जावला ने बताया कि शामली तहसील में जितनें भी काम हैं, सभी के लिए पैसा लिया जा रहा है. बिना पैसे के लिए फाइल आगे नहीं बढ़ रही है. वकीलों से दो नंबर का पैसा लिया जा रहा है. यहां भ्रष्टाचार के पैसों की कोई रेट लिस्ट भी तय नहीं है. इसके चलते जिला बार एसोसिएशन द्वारा बहिष्कार किया गया है.

शामली: जिला बार एसोसिएशन शामली द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए तहसीलदार के न्यायालय और रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वकीलों ने कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार और अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप.

जिला बार एसोसिएशन की तरफ से जनरल हाउस मीटिंग बुलाई गई थी. मीटिंग में तहसीलदार न्यायालय और रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर विचार-विमर्श हुआ.

तहसील और कानूनगो पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप
वकीलों ने तहसीलदार और कानूनगो पर अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया. सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए वकीलों ने तहसीलदार कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार कर दिया. अधिवक्ताओं ने बताया कि उक्त न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों का स्थानांतरण नही होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.

भ्रष्टाचार का लगाया गया आरोप
जिला बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट चंद्रवीर मलिक ने बताया कि यहां पर भ्रष्टाचार इतनी चरम सीमा पर पहुंच गया है कि वादकारियों को न्यायालय मिलना कठिन हो गया है. यह सब कुछ सरकार की मंशा के खिलाफ हो रहा है. सरकार चाहती है कि जनता को सुलभ न्याय मिले, लेकिन शामली में तहसीलदार की दोनों कोर्ट में इसके उलट कार्य हो रहा है. जब तक दोनों ही अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं होगा, हम कोर्ट का बहिष्कार जारी रखेंगे.

बगैर पैसे आगे नहीं बढ़ती फाइल
जिला बार एसोसिएशन के महासचिव अरविंद जावला ने बताया कि शामली तहसील में जितनें भी काम हैं, सभी के लिए पैसा लिया जा रहा है. बिना पैसे के लिए फाइल आगे नहीं बढ़ रही है. वकीलों से दो नंबर का पैसा लिया जा रहा है. यहां भ्रष्टाचार के पैसों की कोई रेट लिस्ट भी तय नहीं है. इसके चलते जिला बार एसोसिएशन द्वारा बहिष्कार किया गया है.

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उत्तर प्रदेश के शामली में वकीलों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. जिला बार एसोसिएशन शामली ने तहसीलदार कोर्ट और रजिस्ट्रार कानूनगों कार्यालय का बहिष्कार कर दिया है. यहां तैनात अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए हैं, जिनका तबादला नही होने तक बहिष्कार जारी रखने की चेतावनी दी गई है.Body:शामली: जिला बार एसोसिएशन शामली द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए न्यायालय तहसीलदार शामली व न्यायालय (न्यायिक) तहसीलदार के न्यायालय एवं रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वकीलों ने कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय में भ्रष्टाचार और अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

क्या है पूरा मामला?
. जिला बार एसोसिएशन शामली द्वारा जनरल हाउस मीटिंग बुलाई गई थी.

. मीटिंग में तहसीलदार न्यायालय एवं रजिस्ट्रार कानूनगों कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर विचार—विमर्श हुआ.

. वकीलों ने तहसीलदार और कानूनगो पर अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया.

. सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए वकीलों ने तहसीलदार कोर्ट और रजिस्ट्रार कार्यालय का बहिष्कार कर दिया.

. अधिवक्ताओं ने बताया कि उक्त न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों का स्थानांतरण नही होने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.

भ्रष्टाचार का लगाया गया आरोप
जिला बार एसोसिएशन से एडवोकेट चंद्रवीर मलिक ने बताया कि यहां पर भ्रष्टाचार इतनी चरम सीमा पर पहुंच गया है कि वादकारियों को न्यायालय मिलना कठिन हो गया है. यह सब कुछ सरकार की मंशा के खिलाफ हो रहा है. सरकार चाहती है कि जनता को सुलभ न्याय मिले, लेकिन शामली में तहसीलदार की दोनों कोर्ट में इसके उलट कार्य हो रहा है. जब तक दोनों ही अधिकारियों का स्थानांतरण नही होगा, हम कोर्ट का बहिष्कार जारी रखेंगे.Conclusion:
बगैर पैसे आगे नही बढ़ती फाइल
जिला बार एसोसिएशन शामली के महासचिव अरविंद जावला ने बताया कि शामली तहसील में जितनें भी काम हैं, सभी के लिए पैसा लिया जा रहा है. बिना पैसे के लिए फाइल आगे नही बढ़ रही है. वकीलों से दो नंबर का पैसा लिया जा रहा है. यहां भ्रष्टाचार के पैसों की कोई रेट लिस्ट भी तय नही है. इसके चलते जिला बार एसोसिएशन द्वारा बहिष्कार किया गया है.

बाइट 1: एड. चंद्रवीर मलिक
बाइट 2: एड. अरविंद कुमार जावला, महासचिव, जिला बार एसोसिएशन

नोट: खबर रैप से रेडी पैकेज के रूप में भेजी गई है।

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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