शामली: जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र में यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों और गाड़ियों में अनाज लेकर जा रहे यूपी के किसानों को रोक दिया गया. इससे आक्रोशित दर्जनों किसानों ने हंगामा-प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने जाम लगाने का भी प्रयास किया. पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया. किसानों ने हरियाणा में अनाज विक्रय करने की अनुमति दिए जाने की मांग की है.
बॉर्डर पर लगी वाहनों की लाइनः दरअसल, यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों के किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों व पिकअप में अनाज लेकर हरियाणा राज्य की बापौली, सनौली और समालखा मंडियों में विक्रय करने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान जब किसान कैराना में यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे तो हरियाणा प्रशासन की ओर से अनाज के वाहनों को रोक दिया गया. इसके लिए बॉर्डर पर हरियाणा के सनौली थाने के नाके पर कृषि विभाग के अधिकारियों और पुलिस को तैनात किया गया, जिनके द्वारा यूपी की ओर से आने वाले प्रत्येक वाहनों की चेकिंग की गई. इसके साथ ही, प्रशासनिक आदेशों का हवाला देते हुए अनाज से भरे वाहनों को वापस कर दिया गया. इसी के चलते बॉर्डर पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई, जिसके चलते बॉर्डर पर जाम की स्थिति बनती नजर आई.
किसानों ने किया हंगामाः वहीं, अनाज के वाहनों को रोकने के विरोध में किसानों में भारी आक्रोश फैल गया. जिसके चलते किसानों ने हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने सड़क पर खड़े होकर जाम लगाने का प्रयास भी किया. हरियाणा और यूपी पुलिस ने किसानों से वार्ता करते हुए किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया. हालांकि, इसके बाद भी हरियाणा में अनाज के वाहनों को जाने नहीं दिया गया. हरियाणा पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया कि प्रशासन से अनुमति के आदेश प्राप्त होने के बाद वाहनों को हरियाणा में प्रवेश दे दिया जाएगा. शाम तक यूपी के किसानों के वाहनों की बॉर्डर पर लाइन लगी रही.
हरियाणा में मिलते हैं 20 रुपये अधिकः बॉर्डर पर वाहन लेकर खड़े बागपत जिले के टांडा गांव के शौकत अली ने बताया कि वह 7 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से जमीन ठेके पर लेकर खेती करता है. हरियाणा के आढ़तियों से खाद, तेल व खर्च लेते हैं, इसलिए हरियाणा में जाते हैं. हरियाणा में प्रति क्विंटल पर उनसे पांच रुपये खर्च के काटे जाते हैं, जबकि यूपी में प्रति क्विंटल 20 रुपये लिए जाते हैं. हरियाणा में उन्हें गेहूं के 2125 रुपये मिलते हैं, जबकि यूपी में 2105 मिलते हैं. इसके अलावा यूपी में तीन माह में उन्हें पेमेंट दी जाती है. इसलिए भी यूपी के गेहूं क्रय केंद्रों पर किसान अनाज देने से कतराते हैं.
हर साल परेशानी झेलते हैं किसानः पिछले कई सालों से देखने में आ रहा है कि हरियाणा प्रशासन यूपी के किसानों के अनाज के वाहनों पर प्रतिबंध लगा देता है. इसी के चलते बॉर्डर पर यूपी के किसानों के वाहनों की लाइन लग जाती है. पूर्व में यूपी के किसान हरियाणा प्रशासन से नाराज होकर बॉर्डर पर हंगामा करते हैं. इसी के चलते उन्हें घंटों तक धूप में रहकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं अधिकारीः यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर तैनात ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं एडीओ कृषि डॉ. संदीप बजाज ने बताया कि पानीपत जिला प्रशासन व एसडीएम के आदेशानुसार बॉर्डर पर ड्यूटी लगाई गई है. यूपी से आने वाले वाहनों को हरियाणा में विक्रय करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जब तक अग्रिम आदेश नहीं आते हैं, तब तक बैन रहेगा.
इसे भी पढ़ें-शिवपाल यादव बोले, पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक की हत्या, सरकार की विफलता का प्रमाण