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तालाब में प्रतिबंधित मछली पाल रहा था ग्रामीण, टीम ने मारा छापा

यूपी के शामली में मत्स्य विभाग की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के बाद मत्स्य विभाग की ओर से मछली पालक को नोटिस जारी किया गया है.

शामली में प्रतिबंधित मछली का व्यापार.
शामली में प्रतिबंधित मछली का व्यापार.
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Published : Jun 9, 2021, 12:57 AM IST

शामली: भारत सरकार द्वारा थाई मांगुर मछली के पालन पर रोक लगाई गई है. इसके बावजूद भी कई लोग इस प्रतिबंधित मांसाहारी मछली का पालन करते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले में भी सामने आया है. भनक लगने पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी करते हुए मछली पालक को नोटिस जारी किया है.

यह है पूरा मामला
दरअसल, जिले के कैराना क्षेत्र के गांव दभेड़ीखुर्द में मत्स्य विभाग को एक ग्रामीण द्वारा निजी भूमि पर तालाब बनाकर प्रतिबंधित मांसाहारी थाई मांगुर मच्छली का पालन करने की शिकायत मिली थी. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरनगर से मत्स्य विभाग के निरीक्षक पवन कुमार टीम के साथ मंगलवार को दभेड़ीखुर्द गांव में पहुंचे थे. टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई.

तालाब में मिलीं हजारों मछलियां
मत्स्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जब तालाब में जाल डलवाकर पड़ताल की तो तालाब में हजारों की संख्या में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पाई गई. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि थाई मांगुर मछली को साल 2000 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि यह मछली पानी के अंदर पाए जाने वाले लाभदायक शैवालों तथा लाभदायक प्रजातियों की छोटी मछलियों को खा जाती थी. उन्होंने बताया कि थाई मांगुर मछली मांसाहारी मछली है. यह मांस को बड़े चाव से खाती है. अधिकारियों ने बताया कि इस मछली का पालन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.
पढ़ें- भारत बायोटेक की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले

शामली: भारत सरकार द्वारा थाई मांगुर मछली के पालन पर रोक लगाई गई है. इसके बावजूद भी कई लोग इस प्रतिबंधित मांसाहारी मछली का पालन करते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले में भी सामने आया है. भनक लगने पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी करते हुए मछली पालक को नोटिस जारी किया है.

यह है पूरा मामला
दरअसल, जिले के कैराना क्षेत्र के गांव दभेड़ीखुर्द में मत्स्य विभाग को एक ग्रामीण द्वारा निजी भूमि पर तालाब बनाकर प्रतिबंधित मांसाहारी थाई मांगुर मच्छली का पालन करने की शिकायत मिली थी. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरनगर से मत्स्य विभाग के निरीक्षक पवन कुमार टीम के साथ मंगलवार को दभेड़ीखुर्द गांव में पहुंचे थे. टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई.

तालाब में मिलीं हजारों मछलियां
मत्स्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जब तालाब में जाल डलवाकर पड़ताल की तो तालाब में हजारों की संख्या में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पाई गई. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि थाई मांगुर मछली को साल 2000 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि यह मछली पानी के अंदर पाए जाने वाले लाभदायक शैवालों तथा लाभदायक प्रजातियों की छोटी मछलियों को खा जाती थी. उन्होंने बताया कि थाई मांगुर मछली मांसाहारी मछली है. यह मांस को बड़े चाव से खाती है. अधिकारियों ने बताया कि इस मछली का पालन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.
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