शामली: जनपद के कैराना कोतवाली (Kairana Kotwali Shamli) क्षेत्र में सोमवार को कार ने सड़क किनारे भिक्षा मांग रहे दिव्यांग पिता और बेटी को कुचल दिया. हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. गुस्साए लोगों ने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया. अफसरों ने मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता का आश्वासन देकर जाम खुलवाया. दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए.
वर्ष 2013 के दंगे के बाद मुजफ्फरनगर जनपद के गांव सरवट निवासी रईसुद्दीन अपने परिवार के साथ जिले के कैराना कोतवाली क्षेत्र के झिंझाना रोड पर स्थित नाहिद कॉलोनी में आकर रहने लगा था. कुछ माह पूर्व पैरालिसिस के कारण वह दिव्यांग हो गया था. इसके बाद से वह कॉलोनी के सामने सड़क किनारे बैठकर भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. सोमवार को रईसुद्दीन (35) भिक्षा मांग रहा था. वहां उसकी पुत्री साहिबा खान खिलाने के लिए पहुंची. इसी दौरान झिंझाना की ओर से आई अनियंत्रित कार ने विद्युत पोल में टक्कर मारते हुए दोनों पिता-पुत्री को बुरी तरह से कुचल दिया, जिसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने शवों को सड़क पर रखते हुए बोगियां लगाकर जाम लगा दिया. मौके पर कुछ महिलाएं धरने पर भी बैठ गईं. सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने लोगों से वार्ता कर जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन लोग मुआवजे की मांग पर अड़े रहे. हंगामा बढ़ता देख आसपास के थानों से भी पुलिस और पीएसी को बुलाया गया. वहीं, मौके पर सपा विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन भी पहुंची. उन्होंने मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाकर अधिकारियों से वार्ता की. उन्हें अधिकारियों ने मुआवजे का आश्वासन दिया. इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
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सपा विधायक की बहन इकरा हसन का आरोप है कि हादसे के बाद मौके पर जाम लगाने के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ में धक्का-मुक्की की. पीड़ित पक्ष ने इस संबंध में कोतवाली में तहरीर दी. उधर, एएसपी शामली ओपी सिंह ने बताया कि जाम को खुलवाते हुए मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. कार को कब्जे में लेते हुए चालक को भी पकड़ लिया गया है. मामले में तहरीर के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. वहीं, एसडीएम शिवप्रकाश यादव ने बताया कि मृतक के आश्रितों को दस लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है.