शामली: दरभंगा ब्लास्ट पार्सल (Darbhanga Blast) मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार हुए दोनों भाई नासिर मलिक और इमरान मलिक मूलतः कैराना के रहने वाले हैं. दोनों भाइयों का कनेक्शन दरभंगा ब्लास्ट होने से पड़ोसी हैरान हैं. पड़ोंसियों को इस बात का विश्वास नहीं हो रहा है कि दोनों भाई आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. पड़ोसियों के अनुसार दोनों भाइयों के साथ पूरे परिवार का व्यहार बहुत ही अच्छा है. एक पड़ोसी का कहना है कि किसी को भी उनके परिवार से ऐसी उम्मीद नहीं है.
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कैराना के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी सद्दाम बताते हैं कि नासिर मलिक हैदराबाद में ही रहकर कपड़े का व्यापार करता था, उनकी शादी भी वहीं हुई है. जबकि छोटा भाई इमारन मलिक अपने पिता के साथ कायस्थवाड़ा में ही रहता था. नासिर मलिक को कोरोना होने पर इमरान मलिक 20 दिन पहले ही हैदराबाद गया था. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इनके दो भाई और दूसरे शहर में रहकर कपड़े का ही व्यापार करते हैं. पड़ोसी ने बताया कि नासिर और इमरान के स्वाभाव से कभी ऐसा नहीं लगा था कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. पड़ोसी सद्दाम ने कहा कि नासिर और इमरान के बारे में अखबार में पढ़कर पता चला है. पड़ोसी सद्दाम के अनुसार इमरान और नासिर के पिता मोहल्ले में इस समय अकेले रहते हैं, जो अपना इलाज के सिलसिले में कहीं गए हुए हैं.
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बता दें कि बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बुधवार को इमरान मलिक उर्फ इमरान खान और उसका भाई मोहम्मद नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. NIA के प्रवक्ता के अनुसार इमरान मलिक और मोहम्मद नासिर खान प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों द्वारा देश भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल दरभंगा स्टेशन पर उतारा जा रहा था. तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ. धमाके की वजह किसी को समझ में नहीं आई. जीआरपी के बाद इसकी जांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी. जिसमें कुछ केमिकल रखा गया था. ब्लास्ट इसी केमिकल की वजह से हुआ. हालांकि अब तक की जांच में मालूम नहीं चला है कि केमिकल कौन सा था. शीशी और उसके नमूनों की जांच के लिए एफएसएल हैदराबाद भेजी गई है. ब्लास्ट की जांच में तीन राज्यों की एटीएस जुटी है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई देश के अलग-अलग हिस्सों में की गई है. जांच एजेंसियां हिरासत में लिए गए संदिग्धों को लेकर कोई खुलासा करने से बच रही हैं. आधिकारक सूत्रों ने बताया कि मामले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश और इसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने के चलते जांच का दायरा बढ़ सकता है.