शामली: आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संदिग्ध के रूप में भर्ती मरीज की मौत का मामला तूल पकड़ गया है. इस मामले को लेकर सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल बीते 22 जून को यहां आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संदिग्ध के रूप में रखे गए पेशेंट की मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों ने मरीज की मौत पर डॉक्टरों की लापरवाही बताते हुए डीएम और एसपी से शिकायत की थी. इतना ही नहीं उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने की मांग भी की है. प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर सीएमओ ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है.
क्या है पूरा मामला
22 जून कोसीएचसी शामली के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संदिग्ध के रूप में रखे गए पेशेंट की मौत हो गई थी. जसबीर नाम का यह मरीज बाबरी थाना क्षेत्र के गांव बुटराड़ा का रहने वाला था. अधिकारियों के मुताबिक मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसी वजह से उसे फौरन गंभीर मरीजों की श्रेणी में रखते हुए कोरोना सैंपल लेकर सीएचसी शामली के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. जिसके बाद आइसोलेशन वार्ड में ही उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने इस मामले को लेकर खूब हंगामा काटा. परिजनों का आरोप है कि सीएचसी पर तैनात डॉक्टरों ने जसबीर को समय से उपचार देने के बजाय उसे भूखा-प्यासा आइसोलेशन वार्ड में कैद कर दिया था. मरीज ने वीडियो कॉल के जरिए परिजनों को अस्पताल की हकीकत भी बताई थी. आरोप यह भी है कि जब परिजन अस्पताल पहुंचे थे, तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने उनके साथ भी अभद्रता की थी. इसके बाद समय से उपचार नहीं मिलने के चलते जसबीर की मौत हो गई थी.
परिजनों ने न्याय के लिए खटखटाया दरवाजा
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद उसकी कोविड-19 की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई थी. जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीज की मौत का मामला सीधे तौर पर डॉक्टरों की लापरवाही पर आकर टिक गया था. इस मामले में मृतक की पत्नी इंद्रेश और भाई भोपाल समेत अन्य परिजनों ने डीएम शामली, पुलिस अधीक्षक शामली और शहर कोतवाल के कार्यालय पर लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिए आलाधिकारियों ने स्वास्थ्य महकमे को जांच करने के आदेश दिए हैं.
सीएमओ ने बैठाई जांच, पूछेंगे अहम सवाल
आइसोलेशन वार्ड में मरीज की मौत के मामले को लेकर अधिकारी भी गंभीर नजर आ रहे हैं. सीएमओ शामली डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि पूरे मामले की जांच-पड़ताल के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर यदि महकमे की ओर से लापरवाही मिलती है तो कार्रवाई भी जरूर की जाएगी. उन्होंने बताया कि मरीज के भर्ती होने के बाद उसे क्या-क्या चिकित्सकीय सेवाएं दी गईं, इसकी जांच भी की जाएगी. परिजनों के सभी आरोपों की तस्दीक भी होगी.
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