ETV Bharat / state

शामली: सपा विधायक नाहिद हसन के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

यूपी के शामली की कैराना कोतवाली पर हुए हंगामें के बाद पुलिस ने सख्त एक्शन लिया है. पुलिस ने सपा विधायक नाहिद हसन और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. विधायक के खिलाफ दर्ज हुए नए मुकदमें से कैराना की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है. विधायक खेमा भी पुलिस के खिलाफ बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में जुट गया है.

सपा विधायक नाहिद हसन और समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सपा विधायक नाहिद हसन और समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
author img

By

Published : Oct 30, 2020, 9:16 PM IST

शामली: कैराना कोतवाली पर पुलिसकर्मियों के साथ उलझने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन एक बार फिर कानून दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं. पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है. कुछ समय पहले ही जेल से जमानत पर बाहर निकले सपा विधायक एक बार फिर कानूनी दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं.

क्या है पूरा मामला
कैराना से सपा के विधायक नाहिद हसन गुरूवार की दोपहर को अपने समर्थकों की भीड़ के साथ अचानक कैराना कोतवाली पहुंच गए थे. यहां पर विधायक ने पुलिस उत्पीड़न से जुड़े पिछले कई मामले गिनाते हुए पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए हंगामा शुरू कर दिया था. इस दौरान विधायक और कैराना कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा के बीच गर्मागर्मी भी देखने को मिली थी. सर्किल सीओ जितेंद्र सिंह ने फौरन कोतवाली पहुंचकर दोनों का बीच-बचाव कराया था. कैराना कोतवाली पर भीड़ के साथ पहुंचा विधायक खेमा सोशल डिस्टेंंसिंग का भी उल्लंघन कर रहा था. सीओ द्वारा जांच पड़ताल करने का आश्वासन दिए जाने के बाद विधायक और उनके समर्थक कोतवाली से निकल गए थे.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एसपी शामली नित्यानंद राय ने बताया कि सपा विधायक नाहिद हसन और उनके समर्थकों के खिलाफ कैराना कोतवाली पर पहुंचकर सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस पर अनावश्यक दबाब बनाने का प्रयास करने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई से विधायक खेमा भी बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में जुटा हुआ है.

फरवरी में जेल से रिहा हुए थे विधायक
जनवरी 2018 में कैराना के मोहम्मद अली द्वारा सपा विधायक चौधरी नाहिद हसन सहित नौ लोगों पर जमीन के बैनामे में धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय से अंतरिम जमानत खारिज होने के बाद विधायक ने पहले हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 24 जनवरी 2020 को कैराना स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश होने के बाद उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. जमानत याचिका खारिज होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. इसके बाद फरवरी माह में विधायक की जेल से रिहाई हो पाई थी. फिलहाल के हालातों के चलते सपा विधायक एक बार फिर कानूनी दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं.

शामली: कैराना कोतवाली पर पुलिसकर्मियों के साथ उलझने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन एक बार फिर कानून दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं. पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है. कुछ समय पहले ही जेल से जमानत पर बाहर निकले सपा विधायक एक बार फिर कानूनी दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं.

क्या है पूरा मामला
कैराना से सपा के विधायक नाहिद हसन गुरूवार की दोपहर को अपने समर्थकों की भीड़ के साथ अचानक कैराना कोतवाली पहुंच गए थे. यहां पर विधायक ने पुलिस उत्पीड़न से जुड़े पिछले कई मामले गिनाते हुए पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए हंगामा शुरू कर दिया था. इस दौरान विधायक और कैराना कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा के बीच गर्मागर्मी भी देखने को मिली थी. सर्किल सीओ जितेंद्र सिंह ने फौरन कोतवाली पहुंचकर दोनों का बीच-बचाव कराया था. कैराना कोतवाली पर भीड़ के साथ पहुंचा विधायक खेमा सोशल डिस्टेंंसिंग का भी उल्लंघन कर रहा था. सीओ द्वारा जांच पड़ताल करने का आश्वासन दिए जाने के बाद विधायक और उनके समर्थक कोतवाली से निकल गए थे.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एसपी शामली नित्यानंद राय ने बताया कि सपा विधायक नाहिद हसन और उनके समर्थकों के खिलाफ कैराना कोतवाली पर पहुंचकर सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस पर अनावश्यक दबाब बनाने का प्रयास करने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई से विधायक खेमा भी बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने में जुटा हुआ है.

फरवरी में जेल से रिहा हुए थे विधायक
जनवरी 2018 में कैराना के मोहम्मद अली द्वारा सपा विधायक चौधरी नाहिद हसन सहित नौ लोगों पर जमीन के बैनामे में धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय से अंतरिम जमानत खारिज होने के बाद विधायक ने पहले हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 24 जनवरी 2020 को कैराना स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश होने के बाद उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. जमानत याचिका खारिज होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. इसके बाद फरवरी माह में विधायक की जेल से रिहाई हो पाई थी. फिलहाल के हालातों के चलते सपा विधायक एक बार फिर कानूनी दांवपेंचों में उलझते नजर आ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.