शामली: जिले में शिक्षा विभाग के बाबू (लिपिक) के बाद अब एंटी करप्शन यूनिट ने राजस्व विभाग के एक लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. लेखपाल ने भूमि संबंधित विवाद को निपटाने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की थी, जिसकी पहली किश्त के रूप में 15 हजार लेते हुए टीम ने दबोच लिया.
मूल रूप से मुजफ्फरनगर जनपद के गांव मथेड़ी निवासी अमरदीप की ननिहाल शामली के गांव बंतीखेड़ा में हैं, जहां पर भूमि को लेकर उनका विवाद एसडीएम शामली के न्यायालय में चल रहा है. अमरदीप ने बताया कि एसडीएम ने इस विवाद में कुर्रे बंदी के आदेश हल्का लेखपाल वसीम चौहान को दिए थे. लेकिन लेखपाल कुर्रे बंदी की कार्रवाई के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. शिकायकर्ता के अनुसार जैसे तैसे उनकी 30 हजार रुपये में लेखपाल से बात हो गई थी. रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपये दिए जाना तय हुआ था. लेकिन रिश्वत देने से पहले 22 मई को सहारनपुर पहुंचकर मामले की शिकायत एंटी करप्शन थाना सहारनपुर को दी थी. इसके बाद बुधवार को टीम ने जाल बिछाते हुए शामली के थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के कृष्णा नदी पुल पर लेखपाल को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
टीम ने लेखपाल के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
सहारनपुर एंटी करप्शन यूनिट से निरीक्षक सुभाष चंद्र ने बताया कि 8 सदस्य टीम ने शामली के गांव खुरगान के रहने वाले लेखपाल वसीम चौहान को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. लेखपाल के पास से 500 रुपये के 30 नोट बरामद कर लिए गए, जिन पर टीम द्वारा फिनोल थीप पाउडर लगा दिया था. रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद लेखपाल के हाथ सोडियम से धुलवाए जाने पर गुलाबी हो गए. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लेखपाल के खिलाफ थाना आदर्श मंडी पर तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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