शामली: कैराना से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक नाहिद हसन पिछले छह महीने से जेल में हैं. उनकी छोटी बहन इकरा हसन (28) इस क्षेत्र में अपने भाई के समर्थन को लगातार मजबूत कर रही हैं. इसी वजह से इकरा विधानसभा क्षेत्र चुनाव से पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे गए अपने भाई की जीत को सुनश्चित कराने में भी कारगर साबित हुईं. अब इकरा ने विपक्ष को एक बार फिर पटखनी देने के लिए अभी से 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. हालांकि, भाई जेल में बंद होने और पूर्व सांसद मां तबस्सुम हसन पर भी मुकदमे होने के कारण उन्हें अकेले ही सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन को स्थानीय पुलिस ने 15 जनवरी 2022 को गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद जेल भेज दिया गया था. उन्होंने जेल से ही 2022 विधानसभा चुनाव लड़ा और चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होने के बावजूद भी वे विधायक चुने गए. समर्थकों के अनुसार उनकी जीत के पीछे छोटी बहन इकरा हसन का बड़ा हाथ है, जो अब अकेले ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई हैं.
दिलचस्प है कैराना की राजनीति
कैराना की राजनीति हसन और सिंह परिवार के बीच चुनावी लड़ाई के रूप में देखी जाती है. 2018 में कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह की मृत्यु के बाद उनकी बेटी मृगांका सिंह ने तीन बार (एक लोकसभा चुनाव और दो बार यूपी विधानसभा चुनाव) चुनाव लड़ा. लेकिन, हर बार वह हसन परिवार के प्रतिनिधियों से हार गईं. 2022 के यूपी चुनावों के दौरान कैराना ने गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ सहित वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व की उपस्थिति देखी. जिन्होंने मृगांका के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया. लेकिन, जेल में बंद होने के बावजूद भी विधायक नाहिद हसन ने मृगांका को हरा दिया.
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बेटी बढ़ा रही हसन परिवार का कद
दिवंगत मुनव्वर हसन और कैराना की पूर्व सांसद तबस्सुम हसन की बेटी इकरा ने स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज से अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कानून में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है, जो लंदन विश्वविद्यालय का हिस्सा है. इकरा के लिए चुनावी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि वे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए क्षेत्र में मतदाता आधार को मजबूत कर रही हैं.
क्या कहती हैं इकरा हसन
इकरा हसन ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उनके भाई को जेल में डाल दिया गया था और हम उनकी जमानत के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हम लगातार प्रशासन के वार का सामना कर रहे हैं. लेकिन, पता है कि अंधेरे के बाद प्रकाश जरूर आता है. इकरा ने बताया कि हमारे परिवार ने कैराना को कभी चुनावी सीट के रूप में नहीं देखा. यह हमारा परिवार है और एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उनके भाई को जनता की आवाज उठाने के कारण ही जेल भेजा गया है.
चार दिन रहती हैं जनता के बीच
2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर इकरा ने कहा कि वे सप्ताह में चार दिन जनता के साथ बातचीत करती हैं, क्योंकि शेष तीन दिनों में वे अपने परिवार पर प्रशासन द्वारा लगाए गए मामलों के खिलाफ लड़ने के लिए कोर्ट जाती हैं. परिवार से लोकसभा चुनाव कौन लड़ेगा और कौन सी पार्टी का सिंबल होगा, यह बाद में ही स्पष्ट होगा.
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