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कोरोना वैक्सीन की जगह लगा दिया था एंटी रैबीज का टीका, DM ने की कार्रवाई - कोरोना का टीका

यूपी के शामली में कोरोना वैक्सीन की जगह तीन बुजुर्ग महिलाओं को कुत्ते काटने (एंटी रैबीज) का टीका लगाने के मामले में सख्त कार्रवाई हुई है. इस पूरे मामले में सरकारी महकमें के एक फार्मासिस्ट की गंभीर लापरवाही सामने आई है. आरोपी फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है. जबकि फार्मासिस्ट की जगह महिलाओं को टीका लगाने वाले एक प्राईवेट कर्मचारी की सेवा समाप्ति के आदेश भी डीएम द्वारा जारी किए गए हैं. इसके अलावा सीएचसी प्रभारी को भी चेतावनी निर्गत की गई है.

DM ने की कार्रवाई
DM ने की कार्रवाई
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Published : Apr 10, 2021, 2:24 PM IST

शामली: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन जारी है. इसी दौरान गुरुवार को शामली में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना का टीका लगाने के बजाय एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया था. वैक्सीन की जगह कुत्ते काटने का टीका के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. इस मामले में डीएम शामली द्वारा जांच के उपरांत सख्त कार्रवाई अमल में लाई गई है.

DM ने की कार्रवाई.
प्राईवेट व्यक्ति को काम सौंप गया था फार्मासिस्ट
कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज का टीका लगाने की घोर लापरवाही से जुड़ा मामला सामने आने के बाद डीएम शामली जसजीत कौर ने कैराना एसडीएम उद्भव त्रिपाठी तथा एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार को पूरे प्रकरण की जांच कर शीघ्र आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. जांच में पता चला है कि अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की जगह जन औषधि केंद्र पर कार्यरत एक प्राईवेट कर्मचारी द्वारा तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगाया गया है, जिसमें मुख्य लापरवाही सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट की सामने आई है.
यह था पूरा मामला
कोरोना टीकाकरण के बीच बड़ी लापरवाही को उजागर करने वाला यह मामला शामली जिले के कांधला में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर गुरूवार को कांधला के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी 70 वर्षीय महिला सरोज बाला, रेलवे मंडी निवासी 72 वर्षीय महिला अनारकली और 62 वर्षीय महिला सत्यवती सीएचसी कांधला पर कोरोना का टीका लगवाने के लिए पहुंची थी. अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज देने के लिए तीनों महिलाओं को घर भेज दिया गया, जहां पर महिला सरोज बाला की अचानक हालत बिगड़ गई थी. परिजन महिला को एक निजी चिकित्सक के यहां ले गए थे. चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा, तो उसपर एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ था. अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे पर भी कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ पाया गया, जिसकी शिकायत लेकर तीनों महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा करते हुए अधिकारियों से शिकायत की थी.


इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कोरोना वैक्सीन की जगह लगाया एंटी रैबीज का टीका

इन पर की गई कार्रवाई
डीएम शामली जसजीत कौर ने बताया कि कांधला सीएचसी प्रकरण में विस्तृत जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. जांच में पाया गया है कि तीन महिलाएं सीएचसी पर कोविड वैक्सीनेशन कराने के लिए गई थी, परंतु वें भूलवश फर्स्ट फ्लोर पर स्थिति वैक्सीनेशन कक्ष में नही गई, वे लोग जनरल ओपीडी में चली गई. जांच में पता चला है कि वहां पर मौजूद फार्मासिस्ट नरेश शर्मा किसी कार्य से ड्यूटी छोड़कर निकल गया था. उसके द्वारा बिना किसी की जानकारी में दिए जनऔषधि केंद्र के एक प्राईवेट फार्मासिस्ट ताहिर हुसैन को लोगों को एआरवी देने के लिए बोल दिया गया. उस फार्मासिस्ट द्वारा इन तीनों महिलाओं को बगैर कोई कागज देखे एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया. इसके संबंध में जो जांच प्राप्त हुई है, उसके अनुसार सीएमओ को निर्देशित करते हुए अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बिजेंद्र सिंह को चेतावनी निर्गत करने और अस्पताल में काम कर रहे जन औषधि केंद्र के प्राईवेट फार्मासिस्ट की सेवा समाप्ति के लिए भी निर्देशित कर दिया गया है.

शामली: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन जारी है. इसी दौरान गुरुवार को शामली में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना का टीका लगाने के बजाय एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया था. वैक्सीन की जगह कुत्ते काटने का टीका के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. इस मामले में डीएम शामली द्वारा जांच के उपरांत सख्त कार्रवाई अमल में लाई गई है.

DM ने की कार्रवाई.
प्राईवेट व्यक्ति को काम सौंप गया था फार्मासिस्ट
कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज का टीका लगाने की घोर लापरवाही से जुड़ा मामला सामने आने के बाद डीएम शामली जसजीत कौर ने कैराना एसडीएम उद्भव त्रिपाठी तथा एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार को पूरे प्रकरण की जांच कर शीघ्र आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. जांच में पता चला है कि अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की जगह जन औषधि केंद्र पर कार्यरत एक प्राईवेट कर्मचारी द्वारा तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगाया गया है, जिसमें मुख्य लापरवाही सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट की सामने आई है.
यह था पूरा मामला
कोरोना टीकाकरण के बीच बड़ी लापरवाही को उजागर करने वाला यह मामला शामली जिले के कांधला में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर गुरूवार को कांधला के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी 70 वर्षीय महिला सरोज बाला, रेलवे मंडी निवासी 72 वर्षीय महिला अनारकली और 62 वर्षीय महिला सत्यवती सीएचसी कांधला पर कोरोना का टीका लगवाने के लिए पहुंची थी. अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज देने के लिए तीनों महिलाओं को घर भेज दिया गया, जहां पर महिला सरोज बाला की अचानक हालत बिगड़ गई थी. परिजन महिला को एक निजी चिकित्सक के यहां ले गए थे. चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा, तो उसपर एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ था. अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे पर भी कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ पाया गया, जिसकी शिकायत लेकर तीनों महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा करते हुए अधिकारियों से शिकायत की थी.


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इन पर की गई कार्रवाई
डीएम शामली जसजीत कौर ने बताया कि कांधला सीएचसी प्रकरण में विस्तृत जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. जांच में पाया गया है कि तीन महिलाएं सीएचसी पर कोविड वैक्सीनेशन कराने के लिए गई थी, परंतु वें भूलवश फर्स्ट फ्लोर पर स्थिति वैक्सीनेशन कक्ष में नही गई, वे लोग जनरल ओपीडी में चली गई. जांच में पता चला है कि वहां पर मौजूद फार्मासिस्ट नरेश शर्मा किसी कार्य से ड्यूटी छोड़कर निकल गया था. उसके द्वारा बिना किसी की जानकारी में दिए जनऔषधि केंद्र के एक प्राईवेट फार्मासिस्ट ताहिर हुसैन को लोगों को एआरवी देने के लिए बोल दिया गया. उस फार्मासिस्ट द्वारा इन तीनों महिलाओं को बगैर कोई कागज देखे एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया. इसके संबंध में जो जांच प्राप्त हुई है, उसके अनुसार सीएमओ को निर्देशित करते हुए अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बिजेंद्र सिंह को चेतावनी निर्गत करने और अस्पताल में काम कर रहे जन औषधि केंद्र के प्राईवेट फार्मासिस्ट की सेवा समाप्ति के लिए भी निर्देशित कर दिया गया है.

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