शामली: कार्यस्थलों पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए आतंरिक परिवाद समिति के गठन को सरकारी और प्राईवेट विभाग अहमियत नहीं दे रहे हैं. इस संबंध में अधिकारियों द्वारा जारी किए आदेशों का पालन भी होता नजर नहीं आ रहा है. अब अधिकारियों द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए 7 दिनों के अंदर समिति का गठन नहीं करने वालों पर 50 हजार के जुर्माने की चेतावनी दी गई है.
सरकारी आदेशों का पालन नहीं करने वालों पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना दरअसल, सरकार द्वारा लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम-2013 की धारा-4 के अन्तर्गत दिए गए प्रावधानों के अनुसार महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए आन्तरिक शिकायत समिति का गठन करने के आदेश हैं. आंतरिक परिवाद समिति का गठन ऐसे प्रत्येक शासकीय, अशासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों, निगमों, संस्थाओं, निकायों, उपक्रमों, शाखा, परिषदों, बोर्ड इत्यादि में करना अनिवार्य है. जहां पर 10 से अधिक कार्मिक कार्य करते हैं. लेकिन, शामली जिले में वर्ष 2020 से अब तक इन आदेशों का पालन नहीं हो पाया है.लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए आंतरिक परिवार समिति यह है प्रावधान: अधिकारियों के मुताबिक कार्यस्थल पर हुए लैंगिक उत्पीड़न से संबंधित शिकायत महिलाएं आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती है. आदेश यह भी है कि समिति का गठन उस कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा. जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से और एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किए जायेंगे. समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी. इसके अतिरिक्त ऐसे कार्यस्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है. वहां पर व्यथित महिला द्वारा इस प्रकार के लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत प्रत्येक जनपद में डीएम द्वारा गठित 'स्थानीय समिति' (Local Committee) में दर्ज करा सकती है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी शामली, मोनिका राणा ने बताया कि जनपद में डीएम की अध्यक्षता में स्थानीय समिति का गठन हो गया है. लेकिन 10 कार्मिकों से ज्यादा वाले विभागों में आतंरिक परिवाद समिति का गठन भी होना है. यदि वहां पर कार्यरत महिलाओं और वहां पर आने-जाने वाली महिलाओं के साथ कुछ भी गलत होता है. तो वें समिति के द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में पहला आदेश मार्च 2020 में जारी किया गया था. लेकिन, अभी तक कहीं भी आतंरिक शिकायत समितियों का गठन नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि संबंधितों को एक हफ्ते के अंदर समिति का गठन करके जिला प्रोबेशन अधिकारी को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं. नहीं तो संबंधितों पर 50 हजार तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है.
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